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This Article is From Aug 16, 2012

इक्वाडोर ने दी असांजे को शरण, ब्रिटेन बोला, सुरक्षित मार्ग नहीं दिया जाएगा

इक्वाडोर ने दी असांजे को शरण, ब्रिटेन बोला, सुरक्षित मार्ग नहीं दिया जाएगा
क्वि टो:

विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे को गुरुवार को इक्वाडोर ने शरण दे दी जिसके साथ ही ब्रिटेन और इक्वाडोर के बीच अप्रत्याशित राजनयिक (टकराव की) स्थिति उत्पन्न हो गयी है। असांजे यौन अपराधों के आरोपों का सामना करने के लिए स्वीडन प्रत्यर्पित किये जाने से बचने के लिए यहां इक्वाडोर के दूतवास में छिपे हैं।

इक्वाडोर के विदेशमंत्री ने गुरुवार को क्विटो में टेलीविजन पर प्रसारित अपने बयान में घोषणा की कि उनके देश ने असांजे को शरण दे दी है।

उन्होंने विस्तृत रूप से बताया कि किस परिस्थिति में और किन आधारों पर इक्वाडोर ने असांजे को शरण दी है। उन्होंने इस बात की संभावना का भी जिक्र किया कि उन्हें स्वीडन से अमेरिका को प्रत्यर्पित किया जा सकता है।

असांजे को शरण देने से एक गंभीर स्थिति पैदा हो गयी क्योंकि ब्रिटेन पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि उसे यहां इक्वाडोर के दूतावास में घुसने और 41 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई नागरिक (असांजे) को गिरफ्तार करने का अधिकार है। असांजे 19 जून से यहां इक्वाडोर के दूतावास में छिपे हैं।

ब्रिटेन ने कहा है कि वह असांजे को स्वीडन को प्रत्यर्पित करने को कानूनन बाध्य है। ब्रिटिश विदेश मंत्रालय की एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘इससे (शरण देने से) हमारा रुख नहीं बदलेगा। हमारी कानूनी स्थिति बिल्कुल नहीं बदलने वाली है। हमारा रूख है कि उन्हें राजनीतिक शरण दे दी जाती है तो भी उन्हें (स्वीडन को) प्रत्यर्पित करना हमारा दायित्व है।’’

इस बीच आज सुबह असांजे के कई समर्थक दूतावास के बाहर जमा हो गए और उन्होंने इक्वाडोर एवं असांजे के समर्थन में नारे लगाए। पुलिस और असांजे समर्थकों के बीच धक्का-मुक्की के दौरान तीन लोग गिरफ्तार किए गए।

उधर, विकीलीक्स ने कहा है कि वह ब्रिटेन के धमकाने के मार्ग पर चलने की कड़े शब्दों में निंदा की। उसने एक बयान में कहा था, ‘‘दूतावास की गरिमा का कोई भी उल्लंघन एकतरफा और शर्मनाक कार्रवाई तथा दुनियाभर में दूतावासों को सुरक्षा प्रदान करने वाले वियना कन्वेंशन का उल्लंघन है।’’

उसने कहा कि ब्रिटिश धमकी का उद्देश्य इक्वाडोर के यह फैसला लेने पर ही ग्रहण लगा देना है कि वह असांजे को राजनीतिक शरण दे या नहीं और उसे यह निर्णय लेने के लिए धौंस दिखाना कि वह वही फैसला ले जो ब्रिटेन तथा उसके सहयोगियों को मंजूर हो।

विकीलीक्स ने एक बयान में कहा,‘‘इस तरह की धमकी शत्रुतापूर्ण तथा अतिवादी कदम है। यह इस परिस्थिति के लिए यथोचित नहीं है। यह दुनियाभर में शरण मांगने वालों पर एक प्रकार का हमला है।’’ उसने कहा, ‘‘हम इस तथ्य की ओर ध्यान खींचना चाहते हैं कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने 2312 (1967) प्रस्ताव में एकमत से घोषणा की है कि शरण मंजूर करना एक शांतिपूर्ण और मानवीय कदम है तथा यह कि उसे कोई भी देश गैर-मित्रतापूर्ण के रूप में नहीं ले सकता।’’ वेबसाइट ने कहा है कि असांजे को किसी भी देश में आरोपित नहीं किया गया है।

बयान में कहा गया है, ‘‘हम इस बात का विशेष रूप से उल्लेख करना चाहते हैं कि यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब ब्रिटेन के विदेशमंत्री विलियम हेग ने प्रधानमंत्री और उप प्रधानमंत्री के छुट्टी पर होने के दौरान कार्यकारी जिम्मेदारियां संभाली हैं।’’

असांजे ने स्वीडन को प्रत्यर्पित किये जाने के वास्ते आत्मसमर्पण करने के ब्रिटिश पुलिस के आदेश की अनदेखी करते हुए जून में इक्वाडोर के दूतावास में शरण ली थी।

असांजे को राजनीतिक शरण देने की इक्वाडोर की घोषणा के तुरंत बाद ब्रिटेन ने कहा कि वह उन्हें यौन अपराधों के आरोपों का सामना करने के लिए स्वीडन प्रत्यर्पित करने के लिए बाध्य है। विदेश मंत्रालय ने ट्विटर पर कहा, ‘‘हम इक्वाडोर के विदेश मंत्री के इस बयान से निराश हैं कि इक्वाडोर ने जूलियन असांजे को राजनीतिक शरण की पेशकश की है।’’

मंत्रालय ने कहा, ‘‘हम बातचीत के माध्यम से हल के लिए कटिबद्ध हैं जिससे हमें प्रत्यर्पण कानून के तहत अपने दायित्व को पूरा करने की अनमुति मिले।’’ उधर, अमेरिकी राजनयिक गुप्त दस्तावेजों का प्रकाशन कर अमेरिका के निशाने पर आए असांजे ने कहा है कि उनके खिलाफ लगे यौन अपराधों के आरोप राजनीति से प्रेरित हैं।

उन्होंने कहा कि उन्हें डर कि उन्हें अंतत: अमेरिका को प्रत्यर्पित कर दिया जाएगा जहां पर उन पर जासूसी का मुकदमा चल सकता है।

विकीलीक्स ने वर्ष 2010 में ढाई लाख गोपनीय अमेरिकी राजनयिक दस्तावेजों का प्रकाशन किया था जिनमें इराक और अफगानिस्तान युद्ध से संबंधित सूचनाएं भी थीं। ब्रिटेन ने आज ही कहा था कि यदि असांजे को शरण दे देता है तो भी वह उसे सुरक्षित मार्ग नहीं देगा।

ब्रिटेन के लंदन में इक्वाडोर के दूतावास में घुसने की बात को इक्वाडोर ने धमकी करार दिया और उसने अपना रूख कड़ा कर लिया। उसका कहना है कि ब्रिटिश अधिकारियों ने उसके दूतावास में प्रवेश किया तो इससे वियना सम्मेलन का उल्लंघन होगा और इसे एक शत्रुतापूर्ण कार्रवाई माना जाएगा।

ब्रिटेन का मानना है कि वह राजनयिक छूट को वापस ले सकता है और राजनयिक और महावाणिज्यिक परिसर कानून, 1987 के तहत दूतावास में प्रवेश कर सकता है।

इक्वाडोर सरकार के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम इक्वाडोर दूतावास की संप्रभुता के खिलाफ ब्रिटिश सरकार की धमकियों और दूतावास में बलपूर्वक घुसने की बातों से स्तब्ध हैं।’’ प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यह वियना सम्मेलन में निर्धारित किए गए अंतरराष्ट्रीय कानून और प्रोटोकॉल का स्पष्ट उल्लंघन है।’’

लंदन में विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा, ‘‘इक्वाडोर की सरकार के साथ अपनी चर्चा के दौरान हमने अपनी स्थिति हमेशा ही स्पष्ट की है। ब्रिटेन असांजे को स्वीडन को प्रत्यर्पित करने को कानून बाध्य है ताकि उनसे यौन अपराधों के सिलसिले में पूछताछ हो। हम अपने इस दायित्व को पूरा करने के लिए कृतसंकल्प हैं।’’

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