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सुनीता विलियम्स को अंतरिक्ष भेजने वाले बोइंग स्टारलाइन को इस वजह से करना पड़ा असफलताओं का सामना

एक दशक पहले नासा ने दो कंपनी, बोइंग और स्पेसएक्स को चुना जो एक नए स्पेसस्टेशन को डिजाइन करें. यह स्पेसस्टेशन एस्ट्रोनॉट को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) ले जाने में समर्थ हो.

सुनीता विलियम्स को अंतरिक्ष भेजने वाले बोइंग स्टारलाइन को इस वजह से करना पड़ा असफलताओं का सामना
(फाइल फोटो)

स्पेसक्राफ्ट में खराबी आने के बाद बोइंग के स्टारलाइनर के चालक दल को स्पेसएक्स मिशन में स्थानांतरित करने का निर्णय, उस लंबी गाथा में नया मोड़ है, जिसने अमेरिकी एयरोस्पेस दिग्गज की विश्वसनीयता को कम कर दिया है. यहां स्टारलाइनर की अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक चालक दल को ले जाने की यात्रा में आई रुकावटों और देरी का विवरण दिया गया है - और बताया गया है कि कैसे यह क्रू को वापस लाने में असमर्थ रहा.

2014 : नासा ने दिया था कॉन्ट्रेक्ट

एक दशक पहले नासा ने दो कंपनी, बोइंग और स्पेसएक्स को चुना जो एक नए स्पेसस्टेशन को डिजाइन करें. यह स्पेसस्टेशन एस्ट्रोनॉट को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) ले जाने में समर्थ हो. यूएस स्पेस एजेंसी ने दोनों को 2017 तक तैयार रहने को कहा क्योंकि वह रूस के स्पेसक्राफ्ट पर अपनी निर्भरता को खत्म करना चाहता था, जो आईएएस तरह एस्ट्रोनॉट को लाने ले जाने में मदद करता था. इसमें बोइंग को 4.2 डॉलर बिलियन का कॉन्ट्रैक्ट मिला और स्पेसएक्स को 2.6 डॉलर बिलियन का कॉन्ट्रैक्ट मिला. उस वक्त एलन मस्क की युवा कंपनी को बोइंग एयरोस्पेस के मुकाबले में कम आंका जा रहा था. 

2019 : मानवरहित फ्लाइट हो गई थी फेल

दिसंबर 2019 में पहली मानवरहित उड़ान के दौरान, कैप्सूल सही प्रक्षेप पथ पर स्थापित होने में सफल नहीं हो पाया था और आईएसएश तक पहुंचे बिना ही दो दिन बाद समय से पहले पृथ्वी पर वापस आ गया था. यह परेशानी एक घड़ी के कारण हुई थी जो दो दिन लेट थी. इस वजह से निर्धारित समय पर वो अपने थ्रस्टर को फायर नहीं कर पाया था. नासा को तब एहसास हुआ कि एक अन्य सॉफ्टवेयर समस्या के कारण भयावह टक्कर हो सकती थी. निर्माता को सिफारिशों और संशोधनों की एक लंबी सूची दी गई.

2021 : झूठी उम्मीद

अगस्त 2021 ममें जब रॉकेट पहले से ही लॉन्च पैड पर अपनी अन्य उड़ान के लिए तैयार था तो अनएक्सपेक्टिड मॉइश्चर के कारण कैमिकल रिएक्शन उत्पन्न हो गया और इस वजह से कैप्सुल के कुछ वॉल्व नहीं खुल पाए थे. इसके बाद कैप्सुल को वापस फैक्टरी में ले जाया गया था और कई महीनों तक उसकी इंस्पेक्शन की गई थी. यह देरी स्पेसएक्स द्वारा की जा रही प्रगति के बिल्कुल विपरीत थी, जो 2020 से अंतरिक्ष यात्रियों को आई.एस.एस. तक सफलतापूर्वक पहुंचा रहा था. 

2022 : पहली सफलता

मई 2022 में स्टारलाइनर ने आखिरकार अपनी पहली टेस्ट फ्लाइट को पूरा किया. कुछ गड़बड़ियों के बावजूद - जिसमें उड़ान के दौरान प्रणोदन प्रणाली की समस्या का पता लगना भी शामिल था, लेकिन इसका कोई प्रतिकूल परिणाम नहीं निकला - कैप्सूल ने उड़ान भरी, अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचा, जहां यह कई दिनों तक रुका रहा, तथा सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस आ गया. 

2023: नई चिंताएं, नई देरी

स्टारलाइनर की शुरुआती गति 2023 में रुक गई जब नई समस्याएं सामने आईं, जिससे इसकी पहली मानवयुक्त उड़ान की तैयारियों में देरी हुई. एक पैराशूट के डिज़ाइन से संबंधित था जो वायुमंडल में फिर से प्रवेश करने पर कैप्सूल को धीमा कर देगा. इसे संशोधित किया गया और नए परीक्षण किए गए. दूसरी बात और भी अधिक आश्चर्यजनक थी: कैप्सूल के अंदर बिजली के तारों को लपेटने के लिए कई मीटर तक इस्तेमाल किया जाने वाला चिपकने वाला टेप ज्वलनशील साबित हुआ और उसे हटाना पड़ा.

2024: पहली मानवयुक्त उड़ान असफल हो गई

आखिरकार 5 जून, 2024 को वह बड़ा दिन आ ही गया: कैप्सूल दो अंतरिक्ष यात्रियों - बैरी "बुच" विल्मोर और सुनीता "सुनी" विलियम्स - के साथ पहली बार उड़ान भर गया, यह ISS के लिए नियमित संचालन शुरू करने से पहले यह साबित करने के लिए एक अंतिम परीक्षण मिशन था कि यह सुरक्षित था.

लेकिन उड़ान के दौरान हीलियम के रिसाव की खोज की गई, जो प्रणोदन प्रणाली में दबाव बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली गैस है. इसके बाद कैप्सूल के ISS से जुड़ने से पहले कई थ्रस्टर विफल हो गए, हालांकि एक को छोड़कर सभी को अंततः फिर से चालू कर दिया गया.

NASA को डर था कि कैप्सूल पृथ्वी पर लौटने के लिए आवश्यक थ्रस्ट प्राप्त करने में सक्षम नहीं होगा. परिणामस्वरूप, अंतरिक्ष एजेंसी ने एक क्रांतिकारी निर्णय लिया: दो अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेसएक्स मिशन में स्थानांतरित करना और स्टारलाइनर को खाली वापस करना. उड़ान का विश्लेषण आगे का रास्ता तय करेगा - और कोई भी नई देरी कितने समय तक चलेगी.

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