क्वेटा:
पाकिस्तान के क्वेटा शहर में गुरुवार को एक अस्पताल के पास सड़क किनारे हुए विस्फोट में 12 लोग घायल हो गए. 'द नेशन' की रिपोर्ट के मुताबिक, बलूचिस्तान के गृहमंत्री सरफराज बुग्ती ने कहा, "इस हमले का निशाना बलूचिस्तान की फेडरल शरियत कोर्ट के न्यायधीश जहूर शवानी थे." जारघों सड़क के किनारे अल खैर अस्पताल के पास हुए इस हमले में नागरिक और सुरक्षा अधिकारी घायल हुए हैं.
यह बम जारघों सड़क के किनारे रखा गया था. जैसे ही आतंकवाद निरोधक दस्ते का वाहन उधर से गुजरा, बम फट गया. 'डॉन' की रिपोर्ट के अनुसार, बुग्ती ने कहा, "यह एक व्यस्त सड़क है और आतंकवादियों ने इसका फायदा उठाया. उन्होंने बम रखा और मोटरसाइकिल से भाग गए."
गृह मंत्री ने बताया, "ये विस्फोट बलूचिस्तान में स्वतंत्रता दिवस (14 अगस्त) की तैयारियों में बाधा डालने के उद्देश्य से किए गए हैं. लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि इस तरह की कायरतापूर्ण कार्रवाई से हमारा मनोबल नहीं गिरेगा." उन्होंने बताया कि विस्फोट में तीन-चार किलोग्राम तक विस्फोटक पदार्थों का इस्तेमाल हुआ. क्वेटा में सोमवार को हुए विस्फोट के बाद से ही तलाशी अभियान जारी है.
सोमवार को भी क्वेटा के सिविल अस्पताल में आत्मघाती हमला हुआ था, जिसमें 75 लोग मारे गए थे. मरने वालों में अधिकतर वकील और पत्रकार थे. यह हमला उस वक्त हुआ था जब क्वेटा स्थित सिविल अस्पताल में 200 से अधिक लोग जमा थे. वहां बलूचिस्तान बार एसोसिएशन (बीए) के अध्यक्ष अधिवक्ता बिलाल अनवर कसी का शव लाया गया था. दिन में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के धड़े जमात उल अहारा के प्रवक्ता इंशाउल्ला अहसन ने मीडिया संगठनों को एक ई-मेल में बताया कि उसका गुट क्वेटा में हुए हमले की जिम्मेदारी लेता है और पाकिस्तान में इस्लामी प्रणाली लागू होने तक हमले जारी रखने का संकल्प लिया.
पाकिस्तान में वकीलों और पत्रकारों में गुस्सा
इस हमले के बाद देशभर के वकीलों और पत्रकारों में गुस्सा है. देश के अलग-अलग शहरों में वकील प्रदर्शन कर अपना विरोध जता भी रहे हैं. दरअसल सोमवार को क्वेटा के नामी वकील और ब्लूचिस्तान बार काउंसिल के अध्यक्ष बिलाल अनवर कासी पर कुछ बंदूकधारियों ने हमला कर दिया था. इसके बाद कासी को अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल में कासी को देखने के लिए बड़ी संख्या में वकील पहुंचे और इसी दौरान पहले से घात लगाए बैठक एक आतंकी ने खुद को धमाका कर उड़ा दिया. इस हमले में 70 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई जिसमें से अधिकतर वकील थे. मरने वालों में दो पत्रकार भी शामिल थे. हमले के विरोध में वकीलों की ओर से दो दिन पहले लाहौर में कैंडल मार्च भी निकाला गया साथ ही तीन की हड़ताल का भी ऐलान किया गया. बीते दिनों ब्लूचिस्तान में वकील और दूसरे लोगों पर हमले बढ़े हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते 15 सालों में इस राज्य में 1400 से ज्यादा हमले हुए हैं जिसमें 500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. ब्लूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा राज्य है और यहां के लोग लंबे अर्से से पाकिस्तान से अलग होने की मांग कर रहे हैं.
(इनपुट्स IANS से भी)
यह बम जारघों सड़क के किनारे रखा गया था. जैसे ही आतंकवाद निरोधक दस्ते का वाहन उधर से गुजरा, बम फट गया. 'डॉन' की रिपोर्ट के अनुसार, बुग्ती ने कहा, "यह एक व्यस्त सड़क है और आतंकवादियों ने इसका फायदा उठाया. उन्होंने बम रखा और मोटरसाइकिल से भाग गए."
गृह मंत्री ने बताया, "ये विस्फोट बलूचिस्तान में स्वतंत्रता दिवस (14 अगस्त) की तैयारियों में बाधा डालने के उद्देश्य से किए गए हैं. लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि इस तरह की कायरतापूर्ण कार्रवाई से हमारा मनोबल नहीं गिरेगा." उन्होंने बताया कि विस्फोट में तीन-चार किलोग्राम तक विस्फोटक पदार्थों का इस्तेमाल हुआ. क्वेटा में सोमवार को हुए विस्फोट के बाद से ही तलाशी अभियान जारी है.
सोमवार को भी क्वेटा के सिविल अस्पताल में आत्मघाती हमला हुआ था, जिसमें 75 लोग मारे गए थे. मरने वालों में अधिकतर वकील और पत्रकार थे. यह हमला उस वक्त हुआ था जब क्वेटा स्थित सिविल अस्पताल में 200 से अधिक लोग जमा थे. वहां बलूचिस्तान बार एसोसिएशन (बीए) के अध्यक्ष अधिवक्ता बिलाल अनवर कसी का शव लाया गया था. दिन में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के धड़े जमात उल अहारा के प्रवक्ता इंशाउल्ला अहसन ने मीडिया संगठनों को एक ई-मेल में बताया कि उसका गुट क्वेटा में हुए हमले की जिम्मेदारी लेता है और पाकिस्तान में इस्लामी प्रणाली लागू होने तक हमले जारी रखने का संकल्प लिया.
पाकिस्तान में वकीलों और पत्रकारों में गुस्सा
इस हमले के बाद देशभर के वकीलों और पत्रकारों में गुस्सा है. देश के अलग-अलग शहरों में वकील प्रदर्शन कर अपना विरोध जता भी रहे हैं. दरअसल सोमवार को क्वेटा के नामी वकील और ब्लूचिस्तान बार काउंसिल के अध्यक्ष बिलाल अनवर कासी पर कुछ बंदूकधारियों ने हमला कर दिया था. इसके बाद कासी को अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल में कासी को देखने के लिए बड़ी संख्या में वकील पहुंचे और इसी दौरान पहले से घात लगाए बैठक एक आतंकी ने खुद को धमाका कर उड़ा दिया. इस हमले में 70 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई जिसमें से अधिकतर वकील थे. मरने वालों में दो पत्रकार भी शामिल थे. हमले के विरोध में वकीलों की ओर से दो दिन पहले लाहौर में कैंडल मार्च भी निकाला गया साथ ही तीन की हड़ताल का भी ऐलान किया गया. बीते दिनों ब्लूचिस्तान में वकील और दूसरे लोगों पर हमले बढ़े हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते 15 सालों में इस राज्य में 1400 से ज्यादा हमले हुए हैं जिसमें 500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. ब्लूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा राज्य है और यहां के लोग लंबे अर्से से पाकिस्तान से अलग होने की मांग कर रहे हैं.
(इनपुट्स IANS से भी)
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