वाशिंगटन:
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि सीरिया सरकार द्वारा 21 अगस्त को अपने ही लोगों पर किए गए कथित रासायनिक हमले के परिणामस्वरूप दमिश्क पर हमले को लेकर उन्होंने अभी तक कोई फैसला नहीं किया है।
ओबामा ने पीबीएस न्यूज आवॅर को दिए एक साक्षात्कार में कहा, हमने अभी तक कोई फैसला नहीं किया है, लेकिन रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के खिलाफ बने अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन किया जाना चाहिए। इस बात पर शायद ही कोई मतभेद होगा कि सीरिया में नागरिकों के खिलाफ बड़े पैमाने पर रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया गया है।
एक प्रश्न के उत्तर में ओबामा ने कहा, हमने सभी सबूतों को देखा है और हम यह नहीं मानते कि विपक्षी समूहों के पास कोई परमाणु या रासायनिक हथियार जैसी कोई चीज हो सकती है। उन्होंने कहा, मैं यह नहीं मानता कि विपक्षी समूहों ने यह हमला किया है। हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि सीरिया सरकार ने ही असल में ये हमले किए हैं। और अगर ऐसा है, तो उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके परिणाम भुगतने होंगे। इस बीच सीरिया में सैन्य हस्तेक्षप से जुड़े किसी भी कदम पर वीटो करने के रूस के फैसले पर निराशा व्यक्त करते हुए अमेरिका ने कहा कि इस मामले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ले जाने का कोई औचित्य नहीं है।
विदेश विभाग की उप-प्रवक्ता मैरी हार्फ ने बुधवार को अपने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सीरिया पर सुरक्षा परिषद के किसी भी सार्थक कार्रवाई को लेकर जारी रूसी विरोध को देखते हुए हमें आगे कोई रास्ता नहीं दिख रहा। इसलिए अमेरिका इस पर अपना विचार विमर्श जारी रखेगा और आने वाले दिनों में उचित कार्रवाई करेगा।
ओबामा ने पीबीएस न्यूज आवॅर को दिए एक साक्षात्कार में कहा, हमने अभी तक कोई फैसला नहीं किया है, लेकिन रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के खिलाफ बने अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन किया जाना चाहिए। इस बात पर शायद ही कोई मतभेद होगा कि सीरिया में नागरिकों के खिलाफ बड़े पैमाने पर रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया गया है।
एक प्रश्न के उत्तर में ओबामा ने कहा, हमने सभी सबूतों को देखा है और हम यह नहीं मानते कि विपक्षी समूहों के पास कोई परमाणु या रासायनिक हथियार जैसी कोई चीज हो सकती है। उन्होंने कहा, मैं यह नहीं मानता कि विपक्षी समूहों ने यह हमला किया है। हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि सीरिया सरकार ने ही असल में ये हमले किए हैं। और अगर ऐसा है, तो उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके परिणाम भुगतने होंगे। इस बीच सीरिया में सैन्य हस्तेक्षप से जुड़े किसी भी कदम पर वीटो करने के रूस के फैसले पर निराशा व्यक्त करते हुए अमेरिका ने कहा कि इस मामले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ले जाने का कोई औचित्य नहीं है।
विदेश विभाग की उप-प्रवक्ता मैरी हार्फ ने बुधवार को अपने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सीरिया पर सुरक्षा परिषद के किसी भी सार्थक कार्रवाई को लेकर जारी रूसी विरोध को देखते हुए हमें आगे कोई रास्ता नहीं दिख रहा। इसलिए अमेरिका इस पर अपना विचार विमर्श जारी रखेगा और आने वाले दिनों में उचित कार्रवाई करेगा।
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