यूके के मेडिकल रेगुलेटर ने बताया है कि देश में उन 30 लोगों में से सात लोगों की मौत हो गई है, जिनके शरीर में Oxford-AstraZeneca वैक्सीन लेने के बाद खून के थक्के जम गए थे. नियामक संस्था ने शनिवार को मौतों की बात स्वीकार की थी. उसका यह बयान तब आया है, जब वैक्सीन का खून के थक्के बनने की घटनाओं संबंध को लेकर आशंकाएं उठ रही हैं और इसे देखते हुए कई यूरोपीय देशों ने इस वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है.
यूके की Medicines and Healthcare products Regulatory Agency (MHRA) ने एक बयान जारी कर कहा है कि '24 मार्च तक जिन 30 लोगों में ब्लड क्लॉटिंग वाले मामले में दुर्भाग्यपूर्ण से सात लोगों की मौत हो गई है.' बता दें कि यूके में एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन 18.1 मिलियन लोगों को दी जा चुकी है. ऐसे में ब्लड क्लॉटिंग या दुर्लभ थ्रॉम्बॉसिस के मामलों ने गंभीर स्थिति पैदा कर दी है.
30 में से 22 मामलों में दुर्लभ क्लॉटिंग की समस्या देखी गई, जिसे cerebral venous sinus thrombosis कहा जाता है. बाकी आठ लोगों में एक दूसरे टाइप का थ्रॉम्बॉसिस देखने को मिला है, जिसमें ब्लड प्लेटलेट्स का स्तर गिर जाता है, जिससे कि ब्लड क्लॉट बनने लगते हैं.
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यूके मेडिकल रेगुलेटर ने बताया कि Pfizer-BioNTech वैक्सीन से ऐसा कोई मामला देखने को नहीं मिला है और एजेंसी आने वाले मामलों की जांच कर रही है. हालांकि, MHRA की चीफ एक्जीक्यूटिव डॉक्टर जून रेन ने कहा कि वैक्सीन लगवाने के फायदे उसके खतरों को काफी कमतर कर देते हैं. उन्होंने लोगों को अपनी बारी आने पर वैक्सीन लेने को प्रेरित किया.
बता दें कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का यूके में बच्चों पर ट्रायल भी रोक दिया गया है. बच्चों पर ट्रायल रोक दिया गया है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने मंगलवार को कहा कि वैक्सीन का संभावित संबंध खून के थक्के जमने से है, ऐसे में ट्रायल रोका जा रहा है. यूनिवर्सिटी ने कहा कि ' बहरहाल,बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल को लेकर कोई सुरक्षा खतरा नहीं है लेकिन हम ब्रिटिश नियामक MHRA से और जानकारी मिलने का इंतजार कर रहे हैं.'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं