ब्रिटेन में कोरोना वायरस वैक्सीन AstraZeneca का बच्चों पर ट्रायल रोक दिया गया है. वैक्सीन को विकसित करने वाली ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने मंगलवार को कहा कि इसका संभावित संबंध खून के थक्के (ब्लड क्लाट) जमने से है. यूनिवर्सिटी की ओर से एक बयान में कहा गया है, ' बहरहाल,बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल को लेकर कोई सुरक्षा खतरा नहीं है लेकिन हम ब्रिटिश नियामक MHRA से और जानकारी मिलने का इंतजार कर रहे हैं. अभिभावको और बच्चों को अपने तय शेड्यूल पर विजिट करना चाहिए और किसी संशय की स्थिति में वे ट्रायल साइट पर संपर्क कर सकते हैं.
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ब्रिटेन्स मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (MHRA) दुनिया की उन नियामक संस्थाओं में से एक है जो फिलहाल AstraZeneca के टीकाकार के रोलआउट के डेटा का विश्लेषण कर रही है जिससे पता लगाया जा सके कि टीके का और ब्लड क्लॉट का आपस में कोई संबंध है या नहीं. गौरतलब है कि नार्वे सहित यूरोप के कई देशों में ब्लड क्लॉट की शिकायत के बाद टीके पर अस्थाई तौर पर रोक लगा दी थी.
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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूरोपियन मेडिसिन्स एजेंसी (EMA) इस सप्ताह के अंत में अपने निष्कर्षों का खुलासा करेंगे. यूरोपियन यूनियन को वादे के अनुसार समय पर वैक्सीन की डिलीवरी न कर पाने के विवाद, टीके की प्रभावशीलता संबंधी विवाद के बाद यह नया मामला सामने आया है. MHRA ने सप्ताह के अंत में बताया था कि ब्रिटेन में 18 मिलियन डोज लगाने के दौरान ब्लड क्लॉटिंग के 30 केस रिपोर्ट हुए हैं इसमें से सात गंभीर किस्म के हैं. यूरोपियन मेडिसिन्य एजेंसी ने मंगलवार को कहा, 'वह अभी किसी निश्चित नतीजे पर नहीं पहुंची है और समीक्षा अभी भी जारी है.'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं