इस्लामाबाद:
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के भारत-पाकिस्तान सेमीफाइनल मैच देखने मोहाली पहुंचने से पहले राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने 27 वर्षों से पाकिस्तानी जेल में बंद भारतीय नागरिक गोपाल दास की बाकी सजा मानवीय आधार पर माफ कर दी है। भारतीय कैदी गोपाल दास को 1987 में उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी और उन्हें लाहौर जेल से इस साल के अंत में रिहा किया जाना था। राष्ट्रपति के प्रवक्ता फरहतुल्ला बाबर ने बताया, जरदारी ने दास की बाकी सजा मानवीय पहलुओं को ध्यान में रखते हुए माफ कर दी। गिलानी ने भारत के उच्चतम न्यायालय की अपील को ध्यान में रखते हुए दास की बाकी रह गई सजा माफ करने की सिफारिश की थी। इसके बाद राष्ट्रपति जरदारी ने यह कदम उठाया। इस महीने की शुरुआत में उच्चतम न्यायालय के दो न्यायाधीशों की खंडपीठ ने पाकिस्तानी सरकार से दास की शेष सजा मानवीय आधार पर माफ करने की अपील की थी। न्यायालय ने दास के भाई आनंद वीर की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह अपील की थी। बाबर ने कहा, भारतीय मीडिया ने खबर दी थी कि भारत के उच्चतम न्यायालय ने पाकिस्तानी सरकार से यह अपील करके एक अप्रत्याशित कदम उठाया है। दास के परिजनों का कहना है कि उसे जुलाई, 1984 में उस समय गिरफ्तार कर लिया गया था, जब वह गलती से सीमा के उस पर चले गये थे। जरदारी के प्रवक्ता ने कहा, राष्ट्रपति ने दास को रिहा करने की सिफारिश संबंधी दस्तावेज पर आज दोपहर हस्ताक्षर कर दिया। इससे पहले भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निमंत्रण स्वीकार कर लिया गया। हमारे प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी दोनों देशों के बीच मोहाली में होने वाले क्रिकेट विश्व कप का सेमीफाइनल मुकाबला देखेने के लिए जाएंगे। उधर, दोनों देशों के गृह सचिव सोमवार को नयी दिल्ली में मुलाकात करेंगे। कल की बैठक भारत और पाकिस्तान के बीच समग्र वार्ता की औपचारिक बहाली है। मुंबई हमले के बाद भारत ने समग्र वार्ता स्थगित कर दी थी।
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