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अलकायदा (Al-Qaeda) सरगना अयमान अल-जवाहिरी (al-Zawahiri) को अमेरिका ने एक ड्रोन हमले में अफगानिस्तान में मार गिराया है. आतंकी संगठन अलकायदा के लिए यह 2011 में संस्थापक ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद दूसरा सबसे बड़ा झटका है. अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा कि जवाहिरी कई वर्षों से छिपा था और उसका पता लगाने और उसे मारने का अभियान आतंकवाद रोधी और खुफिया समुदाय द्वारा सावधानीपूर्वक किया जा रहा था, जिसका परिणाम आज सामने आ गया है. नाम न छापने की शर्त पर अधिकारी ने बताया कि इस पूरे ऑपरेशन को किस तरह से अंजाम दिया गया है.
रायटर्स की खबर के मुताबिक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि कई वर्षों से अमेरिकी सरकार को जवाहिरी के नेटवर्क के बारे में पता चल रहा था और उस पर एजेंसी की नजर थी. अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी के बाद यहां अल कायदा की उपस्थिति के संकेत मिलने लगे थे. इसी साल अमेरिकी अधिकारियों ने पाया कि जवाहिरी का परिवार, जिसमें उसकी पत्नी, उसकी बेटी और उसके बच्चे काबुल में एक सुरक्षित घर में रह रहे थे. बाद में यहीं से जवाहिरी की पहचान की गई. इसके बाद पक्का हो चुका था कि जवाहरी यहीं है.
कई महीनों तक निगरानी के बाद ख़ुफ़िया अधिकारियों को विश्वास हो गया था कि उन्होंने काबुल के सुरक्षित घर में जवाहिरी की सही पहचान कर ली है. अप्रैल के शुरुआत में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को इसके बारे में ब्रीफिंग शुरू की गई. इसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने राष्ट्रपति जो बाइडेन को इसकी जानकारी दी. इसके बाद अधिकारियों ने उस घर की रेकी कर वहां कितने लोग रहते है और घर की संरचना किस तरह है इसके बारे में पता लगाया. यह भी पता लगाया कि दूसरों को कम से कम नुकसान के साथ ऑपरेशन को किस तरह से अंजाम दिया जा सकता है.
इसके बाद राष्ट्रपति ने खुफिया जानकारी की जांच करने और कार्रवाई के सर्वोत्तम पाठ्यक्रम का मूल्यांकन करने के लिए प्रमुख सलाहकारों और कैबिनेट सदस्यों के साथ बैठकें बुलाईं. 1 जुलाई को, बाइडेन को सीआईए निदेशक विलियम बर्न्स सहित उनके कैबिनेट के सदस्यों द्वारा व्हाइट हाउस सिचुएशन रूम में प्रस्तावित ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी गई थी. बाइडेन ने "हमसे इसके बारे में विस्तृत प्रश्न पूछे" और उस सुरक्षित घर के एक मॉडल की बारीकी से जांच की जिसे खुफिया समुदाय ने बैठक में बनाया और लाया था. अधिकारी ने कहा कि उन्होंने रोशनी, मौसम, निर्माण सामग्री और अन्य कारकों के बारे में पूछा जो ऑपरेशन की सफलता को प्रभावित कर सकते हैं.
अधिकारी ने कहा कि 25 जुलाई को, राष्ट्रपति ने अंतिम ब्रीफिंग प्राप्त करने के लिए अपने प्रमुख कैबिनेट सदस्यों और सलाहकारों को बुलाया और चर्चा की कि जवाहिरी की हत्या तालिबान के साथ अमेरिका के संबंधों को कैसे प्रभावित करेगी. मामले में दूसरों से विचार मांगने के बाद, बाइडेन ने इस शर्त पर "एक सटीक अनुरूप हवाई हमले" को अधिकृत किया.आखिरकार ऑपरेशन टीन ने काबुल में शनिवार रात 9:48 बजे मिसाइलों से एक ड्रोन हमले को अंजाम दिया गया. इस दौरान अमेरिका का कोई भी अधिकारी अफगानिस्तान में मौजूद नहीं था.
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