जर्मनी में रहने वाले सैकड़ों अफगानों ने तालिबान (Taliban) के खिलाफ हैम्बर्ग में प्रदर्शन किया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान (Afghanistan) में महिलाओं के अधिकारों को सुनिश्चित करने और देश के सम्मान की रक्षा के लिए समूह पर दबाव बनाने का आग्रह किया है. पजवोक अफगान न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, अफगान नागरिकों ने राष्ट्रीय झंडे पकड़े हुए थे और उन्होंने अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों, देश के अस्तित्व और स्वतंत्रता, मानवाधिकारों और नागरिक अधिकारों के साथ राष्ट्रीय सम्मान की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग को लेकर पोस्टर लहराए.
15 अगस्त को अफगानिस्तान पर काबुल का कब्जा हो गया था, जिसके बाद से ही अफगानिस्तान के लोगों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए दुनिया भर में रैलियां और विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
एक कार्यकर्ता ने कहा कि अफगान 21 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस पर जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के बाहर तालिबान शासन द्वारा ‘‘अफगानिस्तान के अवैध अधिग्रहण‘‘ और ‘‘धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न‘‘ के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के लिए तैयार हैं.
फ्रांस में अफगान मानवाधिकार कार्यकर्ता फजल उर रहमान आफरीदी ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा, "अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 48 वें सत्र के दौरान यूरोप में मौजूद अफगान जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के सामने अंतरराष्ट्रीय विरोध का आयोजन करेंगे."
तालिबान ने मंगलवार को अपनी नई सरकार में कट्टरपंथियों की नियुक्ति करते हुए अंतरिम "इस्लामिक अमीरात" का गठन किया है. तालिबान के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद की ओर से घोषित सूची में समूह के पुराने सदस्यों का दबदबा रहा, जिसमें कोई महिला शामिल नहीं थी.
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