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कांवड़ यात्राः मोबाइल वैन से हो रही खाने-पीने के सामान की चेकिंग, उत्तराखंड सरकार का अभियान

उत्तराखंड के फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाद्य पदार्थों के चेकिंग के लिए खास तौर से मोबाइल लैब वैन तैनात की है. एनडीटीवी की टीम ने खुद जाकर देखा कि इस हाईटेक मोबाइल वैन से जांच की प्रक्रिया महज 10 मिनट में पूरी हो जाती है और मिलावट का तुरंत पता लगाया जा सकता है.

कांवड़ यात्राः मोबाइल वैन से हो रही खाने-पीने के सामान की चेकिंग, उत्तराखंड सरकार का अभियान
  • उत्तराखंड फूड सेफ्टी विभाग ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाद्य पदार्थों की सघन जांच का अभियान शुरू किया है.
  • मोबाइल लैबोरेट्री वैन के जरिए दूध, दही, पनीर और मिठाइयों आदि के नमूनों की जांच की जा रही है.
  • देहरादून-हरिद्वार हाईवे के किनारे बनी दुकानों पर खास नजर है ताकि कांवड़ियों को शुद्ध भोजन मिल सके.
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कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों और आम लोगों को शुद्ध और बिना मिलावट का खाना मिले, इसके लिए उत्तराखंड फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने यात्रा के मार्ग पर सघन चेकिंग शुरू की है. विभाग की टीमें दुकानों से खाद्य पदार्थों के नमूने ले रही हैं और मोबाइल लैबोरेट्री वैन से मौके पर ही उनकी जांच कर रही हैं. 

इस अभियान के दौरान दूध, दही, पनीर और विभिन्न प्रकार की मिठाइयों के नमूने लिए जा रहे हैं. फूड सेफ्टी ऑफिसर रमेश सिंह ने बताया कि हमारी मोबाइल वैन कांवड़ यात्रा मार्ग पर जगह-जगह नमूने ले रही है. देहरादून-हरिद्वार हाईवे के किनारे बनी दुकानों पर खास नजर रखी जा रही है. 

खाद्य पदार्थों के चेकिंग के लिए मोबाइल लैब वैन खास तौर से तैनात की गई है. एनडीटीवी की टीम ने खुद जाकर देखा कि इस हाईटेक मोबाइल वैन से जांच की प्रक्रिया महज 10 मिनट में पूरी हो जाती है और मिलावट का तुरंत पता लगाया जा सकता है. 

फूड सेफ्टी ऑफिसर रमेश सिंह के मुताबिक, चेकिंग के दौरान फूड सेफ्टी लाइसेंस की भी जांच की जा रही है. यह अभियान कांवड़ियों के लिए शुद्ध भोजन सुनिश्चित कराने के लिए चलाया जा रहा है.

इससे पहले उत्तराखंड सरकार ऐलान कर चुकी है कि कांवड़ यात्रा के मार्ग में बिना लाइसेंस के खाद्य सामग्री बेचने वाली दुकानों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. राज्य सरकार ने कहा है कि कांवड़ यात्रा मार्ग में बनी दुकानों पर फूड लाइसेंस को प्रमुखता से प्रदर्शित करना जरूरी है. जो भी दुकानदार इसका पालन नहीं करेगा, उनके खिलाफ खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 की धारा 55 के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें 2 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
 

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