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कावड़ यात्रा के दौरान औद्योगिक इकाइयों को हो रहा करोड़ो का नुकसान, इंडस्ट्रीज एसोशिएशन कर रही वैकल्पिक रास्ते की मांग

कावड़ यात्रा के दौरान उद्योगों के लिए न तो कच्चा माल समय पर आ पाता है और न ही बन माल डिस्पेच हो पाता है क्योंकि सड़को पर बड़े बड़े ट्रक, कंटेनर की आवाजाही बंद रहती है या समय ज्यादा लग जाता है. ह

कावड़ यात्रा के दौरान औद्योगिक इकाइयों को हो रहा करोड़ो का नुकसान, इंडस्ट्रीज एसोशिएशन कर रही वैकल्पिक रास्ते की मांग
प्रतीकात्मक तस्वीर
  • हरिद्वार में कांवड़ यात्रा के दौरान इंडस्ट्रियल एरिया में औद्योगिक गतिविधियां लगभग बंद हो जाती हैं
  • कांवड़ यात्रा के कारण कच्चा माल समय पर नहीं पहुंच पाता और फैक्ट्री से माल का डिस्पैच भी प्रभावित होता है
  • सिडकुल, बहादराबाद, रुड़की, बेगमपुल में लगभग हजार से अधिक औद्योगिक इकाइयों का उत्पादन प्रभावित होता है
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हरिद्वार:

हरिद्वार में कांवड़ यात्रा जोरो शोरो से चल रही है. रिद्वार में अब तक करीब  3.5 करोड़ कावड़ियां जल लेकर जा चुका हैं लेकिन कावड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार के सिडकुल इंडस्ट्रियल एरिया, बहादराबाद रुड़की इंडस्ट्रियल एरिया, आईपी 2 इंडस्ट्रियल एरिया, बेगमपुल इंडस्ट्रियल एरिया में काम लगभग ठप हो जाता है और लगभग 300 से 500 करोड़ के कारोबार का नुकसान हो जाता है.

कावड़ यात्रा के दौरान उद्योगों के लिए न तो कच्चा माल समय पर आ पाता है और न ही बन माल डिस्पेच हो पाता है क्योंकि सड़को पर बड़े बड़े ट्रक, कंटेनर की आवाजाही बंद रहती है या समय ज्यादा लग जाता है. हरिद्वार के सिडकुल इंडस्ट्रियल एरिया, बहादराबाद रुड़की इंडस्ट्रियल एरिया, आईपी 2 इंडस्ट्रियल एरिया, बेगमपुल इंडस्ट्रियल एरिया में लगभग 1000 से ज्यादा छोटे बड़े औद्योगिक इकाइयां है और ऐसे में इन इकाइयों में होने वाला काम लगभग ना के बराबर होता है.

कई बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं उसमें इन दिनों मेंटेनेंस का काम होता है क्योंकि ना तो उनका कच्चा माल फैक्ट्री तक समय पर आता है और ना ही उनके फैक्ट्री से माल डिस्पैच हो पता है. ऐसे में आर्थिक नुकसान से बचने के लिए बड़ी फैक्ट्रियां मेंटेनेंस का काम करती हैं लेकिन जो छोटी औद्योगिक इकाइयां हैं उसमें कच्चा माल न होने के चलते उनको भारी नुकसान होता है.

बड़ी संख्या में हरिद्वार में कावड़ियों के आने से हरिद्वार का व्यापारी बड़ी आमदनी कर लेता है. वहीं दूसरी ओर हरिद्वार, रुड़की में बने औद्योगिक क्षेत्र कावड़ के चलते बहुत प्रभावित होते हैं. इन इकाइयों में उत्पादन बंद या बहुत कम हो जाता है. जिसका मुख्य कारण है कि जिला प्रशासन कावड़ियों के लिए हरिद्वार से जाने ओर आने वाले अभी मुख्य मार्गो पर बड़े कॉमर्शियल वाहनों की आवाजाही बंद कर देता है. हरिद्वार और रुड़की के क्षेत्र में इस इंडस्ट्रियल एरिया में कई बड़े कारखाने हैं या फिर छोटी औद्योगिक इकाइयां है जिसमे ऑटोमोबाइल पार्ट, दुपहिया वाहन, दवाईयां, मेडिकल इंस्ट्रूमेंट, सिगरेट एफएमसीजी, हेवी इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट पार्ट, पीवीसी पाइप्स, पैकेजिंग सामग्री प्लास्टिक पेपर गत्ते के डिब्बे, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, खाद्य संस्करण ब्यूटी प्रोडक्ट्स, केमिकल प्रोडक्ट्स, इंजीनियरिंग से संबंधित आदि काम होता है.

सिडकुल एसोशिएशन ने कई बार सरकार को अपनी हर वर्ष होने वाली समस्या के निदान हेतु अवगत कराया वैकल्पिक व्यवस्था से भी अवगत कराया पर आज तल कोई समाधान नहीं निकल पाया. बहादराबाद इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट वेल्फेयर एसोशिएशन के अध्यक्ष सुनील पांडे कहते हैं कि इस समस्या को लेकर इंडस्ट्री एसोसिएशन 15 साल से सरकार से यह मांग कर रहा था कि हमारे लिए कावड़ यात्रा के दौरान एक वैकल्पिक व्यवस्था बनाई जाए ताकि हमारे इंडस्ट्री के लिए आने वाले ट्रक समय पर पहुंच सके लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है. कांवड़ियों के लिए कावड़ पटरी तो बनाई गई है लेकिन उसमें चलने के बजाय नेशनल हाईवे और अन्य सड़कों पर चलते हैं जिससे ट्रैफिक की बड़ी समस्या हो जाती है. न सिर्फ इंडस्ट्री को नुकसान हो रहा है बल्कि राज्य सरकार को भी राजस्व में भारी नुकसान हो रहा है. ऐसे में सभी इंडस्ट्री एसोसिएशन यही मांग करती हैं कि इसकी एक व्यवस्था निकाली जानी चाहिए.

बहादराबाद इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट वेल्फेयर एसोशिएशन के महासचिव सुखदेव सिंह का कहना है कि कावड़ हमारी आस्था का प्रतीक है लेकिन प्रशासन और पुलिस डिपार्टमेंट को रोजगार को भी देखना चाहिए क्योंकि इस दौरान उद्योगों को भारी नुकसान होता है. फैक्ट्री में बना माल डिस्पैच नहीं हो पाता और राजस्व का भी नुकसान होता है.

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