
- कांवड़ रूट के होटलों-ढाबों की चेकिंग और पैंट उतरवाने के आरोपों पर बवाल मचा है.
- स्वामी यशवीर ने पैंट उतरवाने के आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ.
- स्वामी यशवीर ने खाने में मिलावट का आरोप लगाते हुए साजिश की बात कही है.
- स्वामी का कहना है कि जनता का कर्तव्य है कि वह धर्म से जुड़ी समस्याओं की सूचना दे,
कांवड़ यात्रा के रास्ते में होटलों-ढाबों की चेकिंग और पैंट उतरवाने के आरोप पर बवाल मचा है. जिस संगठन के लोगों पर ये आरोप है, उसके मुखिया मुजफ्फरनगर के स्वामी यशवीर महाराज ने अपनी मुहिम को सही ठहराते हुए नया आरोप लगा दिया है. NDTV से बातचीत में स्वामी यशवीर ने आरोप लगाया कि ये लोग खाने के सामान में ऐसी चीजें मिलाने की साजिश करते हैं कि उसे सनातन धर्म का पुरुष खा ले तो नपुंसक हो जाए और महिला खा ले तो बांझ हो जाए.
स्वामी यशवीर ने एनडीटीवी से कहा कि शिव भक्त और बाकी सनातनी कांवड़ मार्ग से हरिद्वार जाते हैं. इस रास्ते में बहुत से होटल-ढाबे ऐसे हैं, जो सनातन धर्म और देवी-देवताओं के नाम से चलाए जाते हैं लेकिन उनके संचालक हिंदू नहीं होते. सनातन धर्म के लोगों के भोजन में थूकने, गोमांस मिलाने की खबरें आती रहती हैं. भोजन में ऐसी औषधि मिलाने की साजिश की जाती है, जिस भोजन को अगर सनातन धर्म का पुरुष खा ले तो वह नपुंसक हो जाए और महिला खा ले तो बांझ हो जाए.
एनडीटीवी के रिपोर्टर ने जब स्वामी यशवीर से पूछा कि दुकानों की चेकिंग का काम तो पुलिस का है. आप कौन होते हो, लोगों को अल्टीमेटम देने वाले, उनकी पैंट उतरवाने वाले? क्या ये किसी संन्यासी का काम है? इस पर स्वामी यशवीर ने उलटे रिपोर्टर से ही सवाल कर डाला कि आपको इस तरह का सवाल करने का अधिकार किसने दिया? उनका कहना था कि अगर आप भी किसी होटल या ढाबे पर खाना खाने जाओ और आपको शंका हो जाए तो आप भी आधार कार्ड मांगोगे न?

रिपोर्टर ने जब उनसे कहा कि ये देश तो सेक्युलर है, सेक्युलर रहेगा. इस पर स्वामी यशवीर ने कहा कि ये देश सेक्युलर नहीं है, ये सनातन धर्म की भूमि है. सरकार हमें क्या बताएगी. आप लोगों के कहने से ये देश सेक्युलर नहीं हो जाएगा. उन्होंने सवाल उठाया कि देवी-देवताओं के फोटो रखकर, हिंदुओं के नाम लगाकर खाने-पीने की दुकान चलाने का उन्हें (मुसलमानों को) सर्टिफिकेट किसने दिया? जब यशवीर स्वामी से कहा गया कि ये काम तो सरकार-पुलिस का है. तो उनका कहना था कि हम आवाज तो उठाएंगे न. हमें आवाज उठाने, आधार कार्ड मांगने का पूरा अधिकार है.
पैंट उतरवाने के आरोपों से इनकार करते हुए स्वामी यशवीर ने कहा कि हम पहले दिन से कह रहे हैं कि ये झूठा आरोप है. न किसी की पिटाई हुई, न किसी की पैंट उतारी गई. जो अपने को गोपाल कह रहा है, वो गोपाल नहीं मुस्लिम है. उन्होंने आगे कहा कि हम सभी हिंदू ढाबों पर भगवान वाराह की तस्वीर बांट रहे थे. हमने देखा कि एक ढाबे पर पंडित जी वैष्णो ढाबा लिखा है, लेकिन वहां काम करने वाले सनातन धर्म के लोग नहीं थे. तब हमने उनसे कहा कि 24 घंटे में वैष्णो ढाबे का बोर्ड हटा लें और अपना नाम लिख लें.
स्वामी यशवीर ने कहा कि यहां रोहिंग्या और बांग्लादेशी आए हुए हैं. सरकार ने कहा है कि लोगों को उनकी जानकारी है तो हमें बताएं. इस तरह जनता का कर्तव्य है कि देश और धर्म के ऊपर जब भी आपत्ति आती है तो शासन प्रशासन को उसकी सूचना हम देंगे. उन्होंने कहा कि हम किसी को बाध्य नहीं कर रहे हैं. हम बस इतना कह रहे हैं कि सनातन धर्म के लोग मोटे अक्षरों में अपना नाम लिखें, भगवान वाराह का चित्र लगाएं, ऊं का ध्वज लगाओ. यहां पर ये सब होगा, वहां थूकने-मूत्र करने वाला गैंग नहीं होगा. सनातन धर्म के लोग मिलावट नहीं करेंगे. नाम बदलकर किसी को धोखा नहीं देंगे.
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