
- उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की तैनाती के लिए रिवर्स बिडिंग प्रणाली लागू की गई है.
- इस प्रक्रिया में डॉक्टर ऑनलाइन आवेदन करते हैं और अपनी सेवा के लिए न्यूनतम वेतन की बोली लगाते हैं.
- मुरादाबाद में इस प्रणाली से आठ डॉक्टरों की नियुक्ति हुई है, जिनमें सबसे अधिक बोली तीन लाख पैंतालीस हजार रुपये प्रति माह की लगी.
क्या हो अगर किसी डॉक्टर की तैनाती के लिए उसकी बोली लगाई जाने लगे. साथ ही किसी जगह ट्रांसफर किए जाने से पहले पूरी रेट लिस्ट निकाली जाए. आपको ये सुनने में जरा अटपटा जरूर लगेगा लेकिन ये सच है. ऐसा हुआ है उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में. बताया जा रहा है कि यहां कि डॉक्टरों की तैनाती से पहले उनकी बोली लगाई जाती है. सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी को देखते हुए अब ‘रिवर्स बिडिंग' यानी बोली प्रणाली से डॉक्टरों की नियुक्ति की जा रही है. इस प्रक्रिया के तहत मुरादाबाद में 8 डॉक्टरों को नियुक्त किया गया है, जिनमें सबसे अधिक बोली बेहोशी के डॉक्टर की लगी है.
उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत रिवर्स बिडिंग प्रक्रिया शुरू की गई है. इसमें डॉक्टर ऑनलाइन आवेदन करते हैं और यह तय करते हैं कि वे कितने रुपये में सेवाएं देंगे. सबसे कम या उपयुक्त बोली लगाने वाले डॉक्टर को नियुक्त किया जाता है.
मुरादाबाद में इस प्रक्रिया से 8 डॉक्टरों की नियुक्ति हुई है. सबसे अधिक बोली 3 लाख 45 हजार रुपये प्रतिमाह की लगी है, जो कि एनेस्थेटिस्ट डॉ. रज़ी शाहिद की थी. उन्हें 100 बेड वाले MCH विंग में तैनात किया गया है. डॉ. प्रांजल मिश्रा को 3 लाख 40 हजार रुपये में कंसल्टेंट मेडिसिन के पद पर, जबकि डॉ. ओवैस महबूब को 2 लाख 10 हजार रुपये में ट्रॉमा सेंटर में ऑर्थोपेडिक सर्जन के तौर पर नियुक्त किया गया है. जनरल सर्जन डॉ. अनिल कुमार गुप्ता को 70 हजार रुपये की बोली पर नियुक्त किया गया है. अधिकारियों के मुताबिक यह प्रक्रिया पारदर्शी और ज़रूरत के मुताबिक डॉक्टरों की तैनाती सुनिश्चित करने में मददगार साबित हो रही हैं.
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