गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) द्वारा अहमदाबाद में पकड़े गए तीन आतंकियों में से एक का संबंध शामली जिले से जुड़ा है. एक आतंकी, जिसकी पहचान आजाद के रूप में हुई है, वह कस्बा झिंझाना के मोहल्ला शेखा मैदान का मूल निवासी है. यह जानकारी मिलते ही शामली पुलिस और खुफिया एजेंसियां जांच-पड़ताल में जुट गई हैं. गुजरात एटीएस ने रविवार को अहमदाबाद में इन तीन आतंकियों को हथियारों की सप्लाई करते समय गिरफ्तार किया.
परिवार ने दी सफाई, कहा- मदरसे में पढ़ता था बेटा
शामली में जब यह खबर पहुंची, तो आजाद के परिवार ने इस पर हैरानी जताई. आजाद के भाई शहजाद ने बताया कि उनका भाई मुजफ्फरनगर जिले के बुढ़ाना स्थित एक मदरसे में पढ़ता है. वह अभी तीन दिन पहले ही यह कहकर घर से गया था कि वह बुढ़ाना जा रहा है और वहां रहने वाली अपनी भतीजी (शहजाद की बेटी) को भी घर ले आएगा.
शहजाद के अनुसार, 'आज दोपहर बाद हमारे पास गुजरात एटीएस से फोन आया कि 'तुम्हारा भाई हमने पकड़ा है'. जब मैंने उनसे कहा कि मेरी बात करा दो, तो उन्होंने कहा कि दो से तीन घंटे बाद बात करेंगे. तब से अब तक आजाद से या एटीएस की टीम से कोई संपर्क नहीं हो पाया है." शहजाद ने यह भी दावा किया कि उसके भाई के खिलाफ यहां कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है.
'मिस्त्री का काम भी करता था' - पिता
आरोपी आजाद के पिता सुलेमान का कहना है कि उनका बेटा मेहनत-मजदूरी करने के साथ-साथ बुढ़ाना के एक मदरसे में क़ारियत (क़ुरान पढ़ने की विधा) की पढ़ाई भी कर रहा था.
सुलेमान ने बताया, 'वह 6 या 7 तारीख को घर से गया था और यह कह कर गया था कि वहां पर उसकी भतीजी (बड़े भाई की लड़की) है, उसको भी लेकर आएगा, लेकिन वह वापस नहीं आया. वह कपड़े सिलाई और मिस्त्री का काम भी करता है, साथ ही साथ पढ़ाई भी करता है.'
उन्होंने कहा कि आजाद आमतौर पर बृहस्पतिवार को मदरसे से आता था और शनिवार को वापस चला जाता था. उसे गुजरात पुलिस ने कैसे गिरफ्तार कर लिया, इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.
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