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This Article is From Nov 01, 2022

ग्रेटर नोएडा: NTPC के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों की पुलिस से भिड़ंत, लाठीचार्ज में कई घायल

जिस समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गौतम बुद्ध नगर में कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस की पीठ थपथपा रहे थे, उसी दौरान जारचा में स्थित एनटीपीसी पर पुलिस प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज कर रही थी. महिला और पुरुषों दोनों पर लाठियां बरसाई गई.

प्रदर्शन को खत्म करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया.

ग्रेटर नोएडा. ग्रेटर नोएडा में एक समान मुआवजा, नौकरी और अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर 24 गांव के सैकड़ों किसानों और महिलाओं ने मंगलवार को एनटीपीसी के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ नोकझोंक हो गई. प्रदर्शन को खत्म करने और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने वॉटर कैनन से पानी की बौछार की. साथ ही हल्का लाठी चार्ज भी किया. इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों को चोटें आई हैं. घायलों को इलाज के लिए प्राथमिक केंद्रों पर ले जाया गया है.

जिस समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गौतम बुद्ध नगर में कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस की पीठ थपथपा रहे थे, उसी दौरान जारचा में स्थित एनटीपीसी पर पुलिस प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज कर रही थी. महिला और पुरुषों दोनों पर लाठियां बरसाई गई. 

ग्रेटर नोएडा में दादरी के पास नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन का विद्युत संयंत्र है. इस संयंत्र को लगाने के लिए 24 गांव की जमीन का अधिग्रहण करीब 35 साल पहले किया गया था. गांव के लोगों के मुताबिक, प्लांट बनाने के दौरान सरकार ने तमाम वादे किए थे, जो आज तक पूरे नहीं हुए हैं. भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को विकास, ग्रामीण लोगों को एनटीपीसी में रोजगार के अवसर और सामान मुआवजे का लाभ नहीं दिया गया है. इन्हीं मांगों को लेकर भारतीय किसान परिषद ने यह मुद्दा उठाया था. 

इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे सुखबीर पहलवान ने बताया कि एनटीपीसी में करीब 24 गांवों की जमीन का अधिग्रहण वर्ष 1986 में किया था. जिसके लिए एनटीपीसी ने किसानों को 6 रुपये प्रति गज के हिसाब से मुआवजा दिया था, तो वहीं इस वित्तीय वर्ष में कुछ किसानों को 120 रुपये प्रति गज के हिसाब से मुआवजा दिया गया था. दोनों मुआवजे की दर में बहुत अंतर होने के चलते किसान आंदोलन करने को मजबूर हो गए. किसान एक समान मुआवजा दर की मांग, प्रभावित किसानों के परिवार से एक व्यक्ति  को एनटीपीसी में नौकरी दी जाए और अन्य सुविधाएं जिसको लेकर किसान लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं.

जब किसानों ने 19 अक्टूबर को आंदोलन किया था. तब एसडीएम दादरी ने महिलाओं को समझा-बुझाकर 2 दिन का समय मांगा और उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को लेकर एनटीपीसी के प्रबंधक से वार्ता उनकी कराई जाएगी. जिसके बाद सड़कों से महिलाएं हट गईं. प्रदर्शनकारियों ने कहा था कि अगर मांगें समय पर पूरी नहीं हुईं, तो दोबारा से आंदोलन किया जाएगा. हालांकि, आज प्रदर्शन को खत्म करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया.

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