वाराणसी पुलिस को अवैध कफ सिरप मामले में एक बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने कफ सिरप कांड के मास्टर माइंड शुभम जायसवाल के दो प्रमुख सहयोगियों विशाल जायसवाल और बादल आर्य को गिरफ्तार कर लिया है.इन दोनों ने अपनी छोटी से फर्म के जरिए करीब छह करोड़ रुपये के कोडीन युक्त की कफ सिरप की सप्लाई फर्जी तरीके से की और फर्जी बिलें जारी कीं.
कैसे करते थे फर्जीवाड़ा
कोतवाली थाने में दर्ज दो मुकदमों के मुताबिक विशाल जायसवाल और बादल आर्य की फर्म हरिओम फार्मेसी और कालभैरव ट्रेडर्स है. ये लोग फर्जी कागजात तैयार कर कंपनी खुलवाते थे. ये लोग फर्जी अनुभव दिखाकर दवा की फर्म का लाइसेंस प्राप्त करते थे और कफ सिरप की सप्लाई केवल पेपर पर दिखाते थे. इनकी एक छोटी सी दुकान है. उससे ये करोड़ों रुपये की कफ सिरप की सप्लाई दिखाते थे. इन लोगों ने जो ट्रांसपोर्ट के बिल और नंबर दिखाए हैं, वो स्कूल बस और टोटो (इलेक्ट्रिक रिक्शा) के नंबर निकले हैं. ये लोग इन नंबर का इस्तेमाल करके ई बिल जनरेट करते थे. इन लोगों ने अपनी छोटी सी दुकान में करीब छह करोड़ के कोडिनयुक्त सिरप की सप्लाई दिखाई है. इस मामले में 38 फर्मों की जांच चल रही है.
करोड़ों रुपये के कफ सिरप कांड का आधार झारखण्ड का जी शैकी ट्रेडर्स है. इस फर्म के प्रोपराइटर भोला जायसवाल और उनका बेटा शुभम जायसवाल है. शैली ट्रेडर्स भारी मात्र में कफ सिरप वाराणसी में उन फर्जी फर्मों को भेजता था. यह सब केवल कागज पर ही होता था, हकीकत में होती ही नहीं थी फर्जी फर्में थीं. फिलहाल कफ सिरप कांड का मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल फरार है. पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही है.
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