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किस विटामिन की कमी से झाइयां होती हैं? झाइयों का परमानेंट इलाज साब‍ित हो सकते हैं डाइट में ये बदलाव

Pigmentation causes: झाइयां केवल एक कॉस्मेटिक समस्या नहीं है, बल्कि यह शरीर में विटामिन सी, विटामिन डी, और हार्मोनल संतुलन की कमी का संकेत भी हो सकती है.

किस विटामिन की कमी से झाइयां होती हैं? झाइयों का परमानेंट इलाज साब‍ित हो सकते हैं डाइट में ये बदलाव
Pigmentation causes.

Pigmentation causes: अगर आप भी उन लोगों में से हैं जिनके चेहरे पर हल्के या गहरे भूरे रंग के धब्बे यानी झाइयां (Melasma या Pigmentation) आ गए हैं, और आप जानना चाहते हैं कि ये क्यों होते हैं और इन्हें कैसे हटाया जाए, तो यह लेख आपके लिए ही है. हम इस लेख में आसान और बोलचाल की भाषा में समझेंगे कि झाइयों का असली कारण क्या है, और इसमें किस विटामिन की कमी सबसे बड़ी भूमिका निभाती है.

झाइयों को कम करने के लिए क्या खाएं

झाइयों को कम करने और त्वचा के स्वास्थ्य को सुधारने के लिए, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर आहार में बदलाव करना बहुत ज़रूरी है. अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए:

1. विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थ (मेलेनिन को कम करने के लिए)

विटामिन सी एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो मेलेनिन के उत्पादन को नियंत्रित करता है.

खट्टे फल: संतरा, नींबू, मौसमी, और चकोतरा (Grapefruit) रोज़ खाएं. सुबह गुनगुने पानी में नींबू और शहद मिलाकर पीने से लाभ मिलता है.

आंवला: आंवला विटामिन सी का सबसे अच्छा स्रोत है. इसे कच्चा खाएं, या इसका जूस/मुरब्बा लें.

शिमला मिर्च: खासकर लाल और पीली शिमला मिर्च में विटामिन सी की मात्रा बहुत अधिक होती है.

स्ट्रॉबेरी और कीवी: ये बेरीज़ और फल भी विटामिन सी से भरपूर होते हैं.

2. विटामिन डी के स्रोत (सूजन और हार्मोनल संतुलन के लिए)

झाइयाँ अक्सर त्वचा की सूजन और हार्मोनल असंतुलन से जुड़ी होती हैं.

फिश (मछली): सैल्मन (Salmon), मैकेरल और ट्यूना जैसी फैटी फिश ओमेगा-3 फैटी एसिड और विटामिन डी के बेहतरीन स्रोत हैं.

अंडे की जर्दी (Egg Yolk): अंडे की जर्दी में प्राकृतिक रूप से विटामिन डी पाया जाता है.

फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ: दूध, दही, और कुछ सीरियल्स (Cereals) जिनमें विटामिन डी अलग से मिलाया जाता है (Fortified Milk/Food).

धूप: भोजन के साथ-साथ सुबह की हल्की धूप लेना भी ज़रूरी है.

3. एंटीऑक्सीडेंट और स्वस्थ वसा (त्वचा की मरम्मत के लिए)

हरी पत्तेदार सब्ज़ियां: पालक, केल, और ब्रोकोली में विटामिन ए, सी, और ई होता है जो त्वचा को नुकसान से बचाता है.

नट्स और बीज: बादाम, अखरोट, और अलसी (Flax Seeds) में विटामिन ई और ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जो त्वचा की कोशिकाओं की मरम्मत करते हैं.

ग्रीन टी: ग्रीन टी में पॉलीफेनोल्स होते हैं जो मेलेनिन उत्पादन को धीमा करने में मदद करते हैं. रोज़ एक कप ग्रीन टी पिएं.

हल्दी (Turmeric): हल्दी में करक्यूमिन होता है, जो शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी है और झाइयों को हल्का करने में मदद करता है. इसे दूध या सब्ज़ी में ज़रूर शामिल करें.

4. क्या खाने से बचें (What to Avoid)

ज़्यादा चीनी और प्रोसेस्ड फूड: ये त्वचा में सूजन (Inflammation) बढ़ाते हैं, जिससे झाइयाँ बढ़ सकती हैं.

अत्यधिक तला-भुना खाना: ये फ्री रेडिकल्स बढ़ाते हैं जो त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं.

शराब (Alcohol): अत्यधिक शराब का सेवन लीवर के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है, जिसका असर त्वचा की रंगत पर भी पड़ता है.

इन आहार बदलावों को नियमित रूप से अपनाने से, आपकी त्वचा को अंदर से पोषण मिलेगा और झाइयों को हल्का करने में मदद मिलेगी. ये तो हुई आहार की बात अब जरा इसके पीछे के व‍िज्ञान को समझ लेते हैं क‍ि झाइयां क्या हैं और क्यों होती हैं?

झाइयां क्या हैं और क्यों होती हैं? | Kis Vitamin Ki Kami Se Jhaiya Hoti Hai

झाइयां त्वचा से जुड़ी एक आम समस्या है, जिसमें चेहरे, गालों, माथे, और होंठों के ऊपर की त्वचा का रंग गहरा पड़ने लगता है. मेडिकल भाषा में इसे 'मेलाज्मा' (Melasma) या 'हाइपरपिग्मेंटेशन' (Hyperpigmentation) कहते हैं.

इसका मुख्य कारण त्वचा में एक पिगमेंट (रंग) का अधिक बनना होता है, जिसे 'मेलेनिन' (Melanin) कहते हैं. जब मेलेनिन सामान्य से ज़्यादा बनने लगता है और एक जगह जमा हो जाता है, तो झाइयां बन जाती हैं.

झाइयों के मुख्य कारण (pigmentation causes):

  1. सूरज की रोशनी (Sun Exposure): यह सबसे बड़ा और प्राथमिक कारण है. सूरज की हानिकारक अल्ट्रावायलेट (UV) किरणें मेलेनिन बनाने वाली कोशिकाओं (Melanocytes) को उत्तेजित करती हैं, जिससे मेलेनिन का उत्पादन बढ़ जाता है.
  2. हार्मोनल बदलाव (Hormonal Changes): खासकर महिलाओं में, गर्भावस्था (Pregnancy) के दौरान या गर्भ निरोधक गोलियों (Birth Control Pills) के सेवन से हार्मोन में बदलाव आता है. एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर बढ़ने से झाइयां हो सकती हैं.
  3. जेनेटिक्स (Genetics): अगर आपके परिवार में किसी को झाइयां हैं, तो आपको भी यह समस्या होने की आशंका अधिक है.

किस विटामिन की कमी से झाइयां होती हैं? | Kis Vitamin Ki Kami Se Jhaiya Hoti Hai

झाइयों के लिए सीधे तौर पर केवल एक विटामिन की कमी जिम्मेदार नहीं होती, लेकिन विटामिन सी (Vitamin C) और विटामिन डी (Vitamin D) की कमी त्वचा के स्वास्थ्य और रंगत को बुरी तरह प्रभावित करती है, जिससे झाइयां बढ़ने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है.

1. विटामिन सी (Vitamin C): सुंदरता का रक्षक

विटामिन सी को एस्कॉर्बिक एसिड भी कहते हैं. यह त्वचा के लिए किसी रक्षक से कम नहीं है.

मेलेनिन को नियंत्रित करना: विटामिन सी मेलेनिन बनाने वाले एंजाइम (Tyrosinase) की गतिविधि को धीमा कर देता है. इसकी कमी से यह एंजाइम सक्रिय हो जाता है और झाइयां बढ़ने लगती हैं.

एंटीऑक्सीडेंट की शक्ति: यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो सूरज की हानिकारक किरणों से होने वाले नुकसान (Free Radical Damage) से त्वचा की रक्षा करता है. विटामिन सी की कमी से त्वचा UV किरणों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती है.

कोलेजन निर्माण: यह त्वचा को जवान और स्वस्थ रखने वाले कोलेजन (Collagen) के निर्माण के लिए भी ज़रूरी है.

2. विटामिन डी (Vitamin D): 

विटामिन डी की कमी से भी झाइयां बढ़ सकती हैं. यह विटामिन त्वचा की सूजन (Inflammation) को नियंत्रित करने में मदद करता है. त्वचा में किसी भी तरह की सूजन या क्षति मेलेनिन उत्पादन को बढ़ाती है. अगर आपके शरीर में विटामिन डी कम है, तो यह सूजन को नियंत्रित नहीं कर पाता, जिससे पिगमेंटेशन की समस्या गंभीर हो सकती है.

3. अन्य सहायक विटामिन: विटामिन ए और ई

विटामिन ए (Retinoids) त्वचा की नई कोशिकाओं को बनाने में मदद करता है, और विटामिन ई त्वचा को नमी देता है और हानिकारक तत्वों से बचाता है. इन दोनों की कमी भी अप्रत्यक्ष रूप से झाइयों को बढ़ने में मदद कर सकती है.

झाइयों को कैसे ठीक करें और विटामिन की कमी कैसे पूरी करें?

झाइयों का इलाज थोड़ा लंबा चलता है, लेकिन सही देखभाल और आहार से इसे कम किया जा सकता है.

1. सूरज से बचाव सबसे ज़रूरी है (Sun Protection):

रोजाना घर के अंदर या बाहर, हर मौसम में एसपीएफ 30 या उससे ज़्यादा वाला सनस्क्रीन (Sunscreen) ज़रूर लगाएं. हर 3 से 4 घंटे में इसे दोबारा लगाएं. चौड़े किनारे वाली टोपी और धूप का चश्मा पहनें. Also Read: Vitamin D के लिए इतने बजे बैठ जाएं धूप में, हड्डियों और मसल्स को मिलेगी मजबूती

2. विटामिन सी से भरपूर आहार लें:

अपनी डाइट में संतरा, नींबू, आंवला, कीवी, स्ट्रॉबेरी, शिमला मिर्च और टमाटर जैसे फल और सब्ज़ियां शामिल करें. इसके अलावा, सुबह और शाम के स्किनकेयर रूटीन में विटामिन सी सीरम (Vitamin C Serum) का उपयोग शुरू करें. Also Read: क्या सर्दियों में नींबू पानी पी सकते हैं? नींबू की तासीर ठंडी होती है या गर्म, स्टडी से जानिए नींबू पानी किन लोगों को नहीं पीना चाहिए

3. विटामिन डी की कमी दूर करें:

रोजाना 15 से 20 मिनट सुबह की हल्की धूप लें. अपने डॉक्टर से सलाह लेकर विटामिन डी सप्लीमेंट्स लें. अंडा, मछली और फोर्टिफाइड दूध जैसे खाद्य पदार्थ खाएं. Also Read: शरीर में Vitamin D की कमी क्यों हो जाती है? Doctor ने बताया ये काम करने से दोगुनी तेजी से बढ़ेगा डी विटामिन

4. सही स्किनकेयर रूटीन अपनाएं: 

ट्रीटमेंट क्रीम: डॉक्टर की सलाह पर हाइड्रोक्विनोन (Hydroquinone), कोजिक एसिड (Kojic Acid), एजेलिक एसिड (Azelaic Acid), या रेटिनॉइड्स (Retinoids) वाली क्रीम का इस्तेमाल करें.

पानी खूब पिएं: त्वचा को अंदर से हाइड्रेटेड (Hydrated) रखना बहुत ज़रूरी है.

झाइयां केवल एक कॉस्मेटिक समस्या नहीं है, बल्कि यह शरीर में विटामिन सी, विटामिन डी, और हार्मोनल संतुलन की कमी का संकेत भी हो सकती है. सही इलाज के लिए, सबसे पहले त्वचा विशेषज्ञ (Dermatologist) से मिलें और आवश्यक ब्लड टेस्ट कराएँ ताकि विटामिन की सही कमी का पता चल सके. सनस्क्रीन, विटामिन सी, और संतुलित आहार को अपनी आदत बना लें, इससे आपकी त्वचा स्वस्थ और चमकदार बनी रहेगी.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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