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उत्तर प्रदेश में SIR में लगे एक और बीएलओ ने लगाया मौत को गले, अब तक 10 की मौत

बांदा में मतदाता सूची के एसआईआर में लगे एक शिक्षा मित्र ने कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली. वह बूथ लेबल अधिकारी (बीएलओ) के सहायक के रूप में काम कर रहा था. उसके परिजनों का आरोप है कि वह एसआईआर के बढ़ते दबाव की वजह से वह भारी तनाव में था.

उत्तर प्रदेश में SIR में लगे एक और बीएलओ ने लगाया मौत को गले, अब तक 10 की मौत
बांदा:

उत्तर प्रदेश में इन दिनों जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में लगे एक बूथ लेबल अधिकारी (बीएलओ) के सहायक ने कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली. यह घटना बांदा की है. मृतक एक प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा मित्र था. उसके परिजनों का आरोप है कि वह एसआईआर के बढ़ते दबाव की वजह से वह परेशान चल रहा था. घटना की सूचना पाकर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव को बाहर निकलवाया.

यूपी में बीएलओ ने कहां की आत्महत्या

मिली जानकारी के मुताबिक शंकर लाल राजपूत बांदा जिले के श्रीनगर थाना क्षेत्र के पवा गांव के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा मित्र के पद पर कार्यरत था. इन दिनों वह एसआईआर के काम में लगा हुआ था. वह एक बीएलओ का सहायक था.शंकरलाल ने बुधवार को एक कुएं में छलांग लगा दी. इससे उसकी डूबने से मौत हो गई.

घटना की सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और शंकर लाल के शव को कुएं से बाहर निकलवाया. मृतक के परिजनों का कहना है कि एसआईआर के कामकाज को लेकर वह मानसिक तौर पर परेशान चल रहा था. 

यूपी में अब तक कितने बीएलओ की हो चुकी है मौत

यह उत्तर प्रदेश में एसआईआर के काम में लगे कर्मचारियों की मौत या आत्महत्या का यह 10वां मामला है. इनमें से चार घटनाएं आत्महत्या की हैं. बीएलओ की आत्महत्या का पहला मामला फतेहपुर जिले में सामने आया था. वहां एक लेखपाल ने अपनी शादी से ठीक एक दिन पहले आत्महत्या कर ली थी. उसके परिजनों का आरोप था कि शादी के बावजूद उसे एसआईआर के लिए परेशान किया जा रहा था. वहीं गोंडा में एक शिक्षक ने जहरीला पदार्थ खा लिया था. लखनऊ में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. वहीं मुरादाबाद में एक बीएलओ ने काम के दवाब की वजह से आत्महत्या कर ली थी. उसका अपनी मां से की गई बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. अभी मंगलवार को ही मेरठ में एक बीएलओ ने आत्महत्या की कोशिश की. उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है. 

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