Jewellery Insurance Policy: सोने की बढ़ती कीमतों, उसके खो जाने, घर या दफ्तरों में घुसकर चोरी और सरेआम चेन स्नैचिंग की हर खबर के साथ लोगों के बीच असुरक्षा की भावना भी बढ़ती जा रही है. एक बार हाथ से निकल जाने के बाद सोने के जेवर-गहने के वापस हासिल कर सकने की कोई सूरत नहीं दिखती. पुलिस केस, सीसीटीवी फुटेज, जांच वगैरह सारी बातें एक तरफ और दूसरी तरफ सोना गंवाने वाले लोग हाथ मलते दिखते हैं. ऐसे माहौल में यह जानकर खुशी और तसल्ली होगी कि ऐसी योजना या उपाय भी मौजूद हैं जिससे आपके पास या घर से सोने की चोरी या छिन हो जाने के बाद भी आपको कोई नुकसान नहीं होगा.
सोने के गहनों के चोरी होने, खो जाने, जल जाने से बेफिक्री
अगर आपके पास घर में या बैंकों के लॉकर में सोने के गहने हैं और आप उनके चोरी-लूट-डकैती-छिनतई का शिकार होने, खो जाने, आग में जलने या बाढ़ में बह जाने वगैरह की आशंका से चिंतित हो रहे हों तो आपके लिए राहत की खबर है. अब सोने की ज्वेलरी चोरी होती है या गुम हो जाती है तो आपको उसकी पूरी कीमत वापस मिल सकती है. बस आपको ऐसी किसी घटना से पहले कुछ एहितायती कदम उठाने होते हैं.
इसके लिए आपको ज्वैलरी शॉप से गहने की खरीदारी के वक्त ही साथ में फ्री मिलने वाला गोल्ड इंश्योरेंस करवाना होता है. आप अगर ऐसा करवाते हैं तो किसी भी हादसे के बाद आपको इंश्योरेंस कंपनी की ओर से फुल रिफंड मिल जाएगा.
जानिए क्या होता है गोल्ड इंश्योरेंस (What Is Gold Insurance)
आपके सोने के आभूषणों की सुरक्षा की गारंटी के लिए गोल्ड इंश्योरेंस का उपाय सबसे कारगर है. लाइफ, हेल्थ, मकान, दुकान और गाड़ियों की तरह ही गोल्ड इंश्योरेंस सोने के गहने की सुरक्षा के लिए लोगों के बीच पेश किया गया है. अगर आपके पास गोल्ड इंश्योरेंस है और आप सही वक्त पर पॉलिसी का प्रीमियम भर रहे हैं तो निश्चिंत हो जाइए. गहने की चोरी या दूसरे किसी तरीके से सोने के गहने का नुकसान होता है तो बीमा कंपनी पहले से तय आपके गोल्ड की कीमत की भरपाई करती है.
गोल्ड इंश्योरेंस ऐसे करें क्लेम (How To Claim Gold Insurance)
खोने, चोरी होने या जल जाने की सूरत में सोने के गहने की कीमत वापस पाने के लिए सबसे जरूरी बात यह है कि गोल्ड इंश्योरेंस के लिए क्लेम करते वक्त आपके पास ज्वेलरी की खरीद वाली रसीद होनी चाहिए. इस रसीद के बिना आप क्लेम नहीं कर पाएंगे. हालांकि, अलग-अलग बीमा कंपनी की अपनी अलग- अलग पॉलिसी होती है. उसके नियमों के तहत वह सोने के गहने के नुकसान की भरपाई करती है, लेकिन सबको गहने की खरीद का पक्का कागज चाहिए.
रसीद पास में हो तो फिर बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर पर कॉल कर घटना की पूरी जानकारी देनी होती है. कई कंपनी फोन पर भी क्लेम फाइल कर देती है. वहीं, कुछ कंपनियों को फोन के बाद एक ईमेल में पूरा मामला लिखकर भेजना होता है. इसके साथ पुलिस में की गई शिकायत की कॉपी वगैरह भी अटैच करनी होती है. कंपनी को क्लेम सही लगता है तो वह इंश्योरेंस सर्व कर देती है. अगर उसे क्लेम पर शक होता है तो वह अधिक जांच करवाती है, ऑब्जेक्शन करती है फिर आखिर में क्लेम खारिज कर देती है.
भारत में गोल्ड इंश्योरेंस कौन सी कंपनी देती है?
भारत में अभी तक एचडीएफसी, रिलायंस जनरल इंश्योरेंस, रॉयल सुंदरम और ओरिएंटल इंश्योरेंस जैसी कुछ इंश्योरेंस कंपनियां ही गोल्ड इंश्योरेंस देती हैं. अपने देश में फिलहाल गोल्ड इंश्योरेंस पर सरकार का कोई सीधा हस्तक्षेप नहीं है. इसलिए सोना खरीदते वक्त ही इंश्योरेंस करने वाली कंपनी, पॉलिसी, प्रीमियम और क्लेम वगैरह के बारे में डिटेल में बात कर लेनी चाहिए. आमतौर पर गोल्ड इंश्योरेंस की पॉलिसी एक साल के लिए होती है. वहीं, कुछ कंपनियां इसे रिन्यू करवाने की सुविधा भी देती है.
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