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PM किसान की 21वीं किस्त के बाद किसानों को नया तोहफा! कृषि मंत्री का बड़ा ऐलान, जानिए कब और क्या मिलेगा फायदा?

PM Fasal Bima Yojana: एक तरफ किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त का पैसा मिल चुका है, दूसरी तरफ फसल बीमा में हुए बदलाव से किसानों को अब उन नुकसानों की भरपाई भी होगी, जिनके लिए वे पहले असहाय महसूस करते थे. सरकार का दावा है कि इससे किसानों की कमाई सुरक्षित होगी और खेती का जोखिम भी काफी कम हो जाएगा.

PM किसान की 21वीं किस्त के बाद किसानों को नया तोहफा! कृषि मंत्री का बड़ा ऐलान, जानिए कब और क्या मिलेगा फायदा?
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana: सरकार के मुताबिक अगर कोई हाथी, जंगली सूअर, नीलगाय, हिरन या बंदर किसी किसान की बीमित फसल को नुकसान पहुंचाते हैं, तो किसान बीमा का क्लेम ले सकता है.

देश के किसानों के लिए लगातार दूसरी बड़ी खुशखबरी आई है. पहले जहां पीएम किसान योजना की 21वीं किस्त (PM Kisan 21st Installment) उनके खाते में पहुंच गई, वहीं अब सरकार ने फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana)को लेकर एक ऐसा फैसला किया है, जिसकी मांग किसान कई सालों से करते आ रहे थे. खेती करने वालों के लिए सबसे बड़ी दिक्कत यही होती है कि मेहनत से उगाई गई फसल अगर अचानक किसी जंगली जानवर के हमले से बर्बाद हो जाए या तेज बारिश और जलभराव में डूब जाए, तो पूरा नुकसान किसान को ही झेलना पड़ता है. अब सरकार ने इसी चिंता को दूर करते हुए बड़ी राहत दी है.

फसल बीमा में दो बड़े बदलाव

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) में दो नए जोखिम जोड़ दिए गए हैं. 
पहला: जंगली जानवरों द्वारा फसल को नुकसान. 
दूसरा:  ज्यादा बारिश या जलभराव से फसल का खराब होना.

ये दोनों नुकसान अब बीमा के अंदर शामिल होंगे और इसका फायदा किसानों को खरीफ 2026 से मिलेगा.

सरकार के मुताबिक अगर कोई हाथी, जंगली सूअर, नीलगाय, हिरन या बंदर किसी किसान की बीमित फसल को नुकसान पहुंचाते हैं, तो किसान बीमा का क्लेम ले सकता है. बस किसान को 72 घंटे के अंदर फसल बीमा ऐप पर जियो-टैग फोटो के साथ नुकसान की जानकारी दर्ज करनी होगी, ताकि बीमे की प्रक्रिया जल्दी आगे बढ़ सके.

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शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा,“पहले जंगली जानवरों और जलभराव से नुकसान कवर नहीं होता था.

अब दोनों नुकसान का पूरा मुआवजा दिया जाएगा. प्रधानमंत्री जी का धन्यवाद, जिन्होंने किसानों की मांग को स्वीकार किया.”

उन्होंने किसानों से अपील की कि वे जल्द से जल्द अपनी फसल का बीमा करवाएं, क्योंकि अब सुरक्षा दायरा और मजबूत हो गया है.

कैसे मिलेगी भरपाई? सरकार ने आसान बनाया पूरा प्रोसेस

पहले भी किसान प्राकृतिक आपदाओं में फसल का क्लेम ले सकते थे, लेकिन जंगली जानवरों और जलभराव से होने वाला नुकसान योजना में शामिल नहीं था. यही कारण था कि जंगलों के पास खेती करने वाले किसान सबसे ज्यादा परेशान रहते थे.अब नियम बदलने के बाद ऐसी फसलें भी बीमे में कवर होंगी और किसान को उसका पूरा हक मिलेगा.

सरकार का कहना है कि इस फैसले से लाखों किसानों की आर्थिक परेशानी काफी कम होगी, क्योंकि हर साल बारिश और जंगली जानवर फसल का भारी नुकसान करते हैं. अब चाहे नुकसान खेत के अंदर जानवरों ने किया हो या खेत पानी से भर गया हो, दोनों ही हालात में अब बीमा कंपनी भरपाई करेगी.

किसानों के लिए डबल फायदा वाला फैसला

एक तरफ 21वीं किस्त का पैसा मिल चुका है, दूसरी तरफ फसल बीमा में हुए बदलाव से किसानों को अब उन नुकसानों की भरपाई भी होगी, जिनके लिए वे पहले असहाय महसूस करते थे.यह फैसला खास तौर पर उन किसानों के लिए बड़ी राहत है जो जंगलों के आसपास खेती करते हैं या ऐसे गांवों में रहते हैं जहां हर साल बारिश और पानी भरने से फसलों का नुकसान होता है.

सरकार का दावा है कि इससे किसानों की कमाई सुरक्षित होगी और खेती का जोखिम भी काफी कम हो जाएगा.
 

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