
अगर आप घूमने का प्लान बना रहे हैं और किसी ऐसी जगह पर जाना चाहते हैं, जहां आप ट्रैकिंग का मजा ले सके, उगते हुए सूरज को देख सकें और पहाड़ों पर तैरते बादल को निहार सके, तो यकीनन आपको नॉर्थ ईस्ट इंडिया घूमने का प्लान बना लेना चाहिए. बता दें, ये देश का वो हिस्सा, जहां पर आपको प्राकृतिक सुंदरता देखने को मिलेगी, जो भीड़-भाड़ से दूर, आपका मन मोह लेंगी. यहां आपको नागालैंड की धुंध भरी घाटियां, मेघालय के जंगलों में जड़ से बने पुल और सिक्किम में हिमालय पर सनराइज के खूबसूरत नजारों को देखने का मौका मिलेगा. जिसे देखकर आपको ऐसा लगेगा, जैसे आप जन्नत की सैर कर रहे हैं. आइए जानते हैं आप नॉर्थ ईस्ट इंडिया में कहां कर सकते हैं ट्रैकिंग.
1. जुकोऊ घाटी, नागालैंड (Dzukou Valley, Nagaland)
नागालैंड और मणिपुर की सीमा पर स्थित, दजुकोऊ घाटी वैसी ही है जैसी आपको पोस्टकार्ड और बॉब रॉस की पेंटिंग से मिलती है. यह ट्रेक विस्वेमा या जाखमा गांव से शुरू होता है और आपको घुमावदार घास के मैदानों, बांस के पेड़ों और फूलों से भरी घाटियों से होकर ले जाता है. मानसून के दौरान यहां का नजारा काफी सुंदर हो जाता है, यहां आप दजुकोउ लिली, जो कि एक दुर्लभ फूल है, उसे देख सकते हैं। बता दें, एक तरफ की ट्रैकिंग 6 किमी है.

2. नोंग्रियाट, मेघालय (Nongriat, Meghalaya)
नोंग्रियाट ट्रैक मेघालय में स्थित फेमस ट्रेकिंग डेस्टिनेशन है, इस ट्रैक के दौरान आपको डबल-डेकर लिविंग रूट ब्रिज से गुजरने के मौका मिलेगा. नोंग्रियाट तक पहुंचने के लिए, आपको टायरना गांव से शुरू होने वाली लगभग 3,000 खड़ी पत्थर की सीढ़ियों को पार करना होगा. जिसके बाद आपको डबल-डेकर लिविंग रूट ब्रिज मिलेगा, जिसे खासी जनजाति द्वारा सदियों से हाथ से बनाया गया है और आज भी सुरक्षित है. अगर आप इस ट्रैकिंग को करने आ रहे हैं, तो सलाह दी जाती है, हल्का सामान पैक करें और मजबूत जूते पहनें. बता दें, एक तरफ की ट्रैकिंग 6 किमी है.

3. गोएचा ला, सिक्किम (Goecha La, Sikkim)
गोएचा ला ट्रैक उन्हीं लोगों के लिए है, जो सच में ट्रैकिंग का शौक रखते हैं. सच कहें तो यह कमजोर दिल वालों के लिए नहीं है. अगर आप स्वस्थ हैं और चुनौती के लिए तैयार हैं, तो 90 किमी का गोएचा ला ट्रेक आपको माउंट कंचनजंगा के नजदीक ले जाएगा. ट्रैकिंग के दौरान आपको घने जंगलों, अल्पाइन घास के मैदानों और हिमनद नदियों से गुजरने का मौका मिलेगा. जोंगरी टॉप पर सनराइज देखने पर ऐसा लगेगा, जैसे आप सपनों की दुनिया देख रहे हैं.
4. संदकफू, पश्चिम बंगाल (Sandakphu, West Bengal)
कल्पना कीजिए कि आप सुबह उठकर एवरेस्ट, कंचनजंगा, लोत्से और मकालू के नजारे देख रहे हैं तो कैसा लगेगा? यकीनन आपको काफी अच्छा लगेगा. ऐसे में अगर आप इन नजारों को सच में देखना चाहते हैं, तो आपको 52 किमी का संदकफू ट्रेक लाइफ में एक बार करना चाहिए. यह ट्रैक भारत-नेपाल सीमा पर फैला हुआ है और आपको सुंदर गांवों, देवदार के जंगलों और खेतों से होकर गुजरने का मौका देगा.

5. बार्सी रोडोडेंड्रोन ट्रेक, सिक्किम (Barsey Rhododendron Trek, Sikkim)
अगर आपको जंगली फूल पसंद हैं, तो ट्रैकिंग के लिए बार्सी आपकी विश लिस्ट में होना चाहिए. पश्चिम सिक्किम में यह फेमस ट्रेक अपने रोडोडेंड्रोन सेंचुरी के लिए जाना जाता है, जो मार्च से मई तक गुलाबी, बैंगनी और लाल रंग में जगमगाता है. यह ट्रेक 4 किमी का है.

6. जप्फू पीक, नागालैंड (Japfu Peak, Nagaland)
कोहिमा के पास स्थित, जप्फू पीक नागालैंड में दूसरी सबसे ऊंची चोटी है और वसंत के दौरान यहां का नजारा बेहद खूबसूरत हो जाता है. यह रास्ता हरे-भरे जंगलों से होकर गुजरता है और अगर सही समय पर पहुंचा जाए, तो आप दुनिया के सबसे ऊंचे रोडोडेंड्रॉन पेड़ को पूरी तरह खिलते हुए देख पाएंगे. बता दें, पूरा ट्रैक 10 किमी का है.
7. ट्रांस भूटान ट्रेल (अरुणाचल सीमा से होकर गुजरेगा ट्रेक) (Trans Bhutan Trail (via Arunachal border)
ट्रांस भूटान ट्रेल आम लोगों के लिए 60 वर्षों के बाद फिर से खोला गया है. भूटान में स्थित होने के बावजूद, ट्रांस भूटान ट्रेल अरुणाचल सीमा से होकर गुजरता है. बता, ये ट्रैक पूरी तरह से सांस्कृतिक यात्रा है, जो 403 किमी लंबा मार्ग है. बता दें, ये ट्रेक भूटान के पश्चिम में हाआ से लेकर त्राशीगांग तक फैला हुआ है. इस ट्रैक की गिनती दुनिया के सबसे बेहतरीन मार्गों में की जाती है. इस दौरान आपको मठों, हरे-भरे जंगलों और कई फेमस टूरिस्ट्स प्लेस से गुजरने का मौका मिलेगा.

8. सेवन लेक्स ट्रैक, अरुणाचल प्रदेश (Seven Lakes Trek, Arunachal Pradesh)
इस ट्रैक के बारे में शायद ही कोई बात करता हो, जो वाकई हैरान करने वाला है. अरुणाचल प्रदेश की दिबांग घाटी में बसे सेवन लेक्स ट्रैक की गिनती दुनिया के सबसे लंबे ट्रेक में की जाती है. ये ट्रेक आसान नहीं बल्कि एक चुनौतीपूर्ण रास्ता है, जो आपको ऊंची-ऊंची झीलों से होकर ले जाता है. हालांकि इस ट्रैक पर कम ही लोग आते हैं, ऐसे में यहां आने से पहले परमिट और एक अच्छे गाइड की जरूरत होगी. बता दें, ट्रेक 50-60 किमी लंबा है.
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