Ravish Ranjan Shukla Blog
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कोविड से बचाव के लिए सभी पत्रकारों का वैक्सीनेशन क्यों नहीं?
- Wednesday April 14, 2021
- रवीश रंजन शुक्ला
पिछले साल 22 मार्च को प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि 'पुलिस और स्वास्थ्य कर्मियों की तरह मीडिया की भी इस महामारी से लड़ने में अहम भूमिका होगी.' कोरोना काल में ज्यादातर पत्रकारों ने काम के दौरान अपने जान की बाजी लगा दी...अस्पताल से लेकर श्मशान तक और सड़क से लेकर खलिहान तक की रिपोर्टिंग की. आम लोगों की समस्या को सरकार के सामने लाए, लेकिन वैक्सीन आने के बाद पुलिस और स्वास्थ्य कर्मी तो फ्रंटलाइन वर्कर माने गए लेकिन पत्रकारों को इस वैक्सीनेशन की प्रक्रिया में सरकारी बाबुओं ने दूध में मक्खी की तरह बाहर कर दिया. जबकि इस दौरान देशभर में 50 से ज्यादा पत्रकारों की कोरोना से मौत हुई, सैकड़ों बीमार हुए...हजारों को नौकरियों से हाथ धोना पड़ा...लेकिन मरने के बाद करीब 40 पत्रकारों को 5 लाख की आर्थिक मदद देकर सरकार ने अपना पल्ला झाड़ लिया.
- ndtv.in
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कोरोना काल में गुपचुप तरीके से किराया बढ़ा रही है रेलवे
- Thursday March 4, 2021
- रवीश रंजन शुक्ला
13 फरवरी को दिल्ली से करीब 1200 किमी दूर रांची रेलवे स्टेशन पर जब एक शख्स ने प्लेटफार्म टिकट खरीदा तो 15 रुपए का टिकट उसे 30 रुपए में दिया गया. उसने जब काउंटर पर पूछा कि ये टिकट तो पहले 15 रुपए का था तो जवाब मिला है कल यानि 12 फरवरी से ये 30 रुपए का हो गया है.
- ndtv.in
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टीवी मीडिया के गटर से निकला जमूरा पत्रकारिता का जिन्न
- Wednesday October 7, 2020
- रवीश रंजन शुक्ला
पुलिस बेरीकेटिंग के नजदीक हम लोग लाइव की तैयारी कर रहे थे..सुबह के आठ बजने वाले थे...नर्म धूप धीरे-धीरे तीखी हो रही थी लेकिन हवा में अब भी हल्की ठंड मौजूद थी. गांव जाने वाले रास्ते को पुलिस बेरीकेट से बंद कर दिया गया था और एक इंस्पेक्टर जीप के बोनट पर ड्यूटी बदलने का चार्ट बना रहा था. रात भर की ड्यूटी से हलकान पुलिस और PAC वालों के चेहरे तो मास्क में छिपे थे लेकिन कोई बेरीकेट तो कोई दीवार के सहारे टिका शरीर को थोड़ा आराम देने की कोशिश कर रहा था. असहाय सी दिखने वाली सबकी आंखें बस बिना उम्मीद मीडिया के कैमरे और रिपोर्टर पर टिकी थी. गोरिल्ला युद्ध की तरह अचानक लस्त पस्त पड़ी पुलिस फोर्स को देखकर एक महिला एंकर बेरीकेट खींचकर अंदर दाखिल हुई और लाइव में चीखते हुए.. ये देखिए किस तरह हमें रोकने की कोशिश हो रही है लेकिन हम इंसाफ दिलाकर रहेंगे...
- ndtv.in
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दिल्ली हिंसा : GTB अस्पताल में वो 5 दिन....
- Wednesday March 4, 2020
- रवीश रंजन शुक्ला
इमरजेंसी के बाहर खड़े होकर लाइव करने के दौरान ऐंबुलेंस और पुलिस जिप्सी की आवाजाही बढ़ती जा रही थी. कोई अपनों को स्कूटी पर ला रहा था तो कोई ई रिक्शा से. कुछ लोगों को ऐंबुलेंस तो कुछ को पुलिस जिप्सी में ला रही थी. जिस दंगे को कुछ देर पहले मैं रुटीन बवाल मान रहा था अब दिल दहलाने वाली घटना में तेजी से बदलती जा रहा था.
- ndtv.in
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दिल्ली में BJP की हार से चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर पर उठने लगे हैं सवाल
- Friday February 14, 2020
- रवीश रंजन शुक्ला
दिल्ली के चुनाव नतीजे आने के बाद से ही अब तक न तो वो प्रदेश दफ्तर में दिखाई दिए और न ही इस करारी हार पर उनका कोई ट्वीट मिला. एक निजी टीवी इंटरव्यू में उन्होंने हार की ठीकरा कांग्रेस के गिरते वोट पर फोड़ा. हां, बीजेपी की हार का एक बड़ा कारण कांग्रेस का वोट बैंक 5 फीसदी से नीचे आना भी रहा. चुनाव त्रिकोणीय होने के बजाए बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच हुआ, जिसमें वोट परसेंटेज बढ़ने के बजाए बीजेपी को करारी हार मिली.
- ndtv.in
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आखिर कौन हैं दिल्ली के कातिलाना प्रदूषण के गुनहगार?
- Saturday November 16, 2019
- रवीश रंजन शुक्ला
प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की डांट फटकार, लोगों की लानत- मलानत, ऑड-इवेन स्कूलों को बंद करने और हमारे-आपके जैसे पत्रकारों की प्रदूषण पर थोक खबरों के बावजूद प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है.
- ndtv.in
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क्या आज भी मौजूद हैं नमक के दरोगा?
- Sunday September 8, 2019
- रवीश रंजन शुक्ला
मित्रों मुंशी प्रेमचंद की कहानी नमक का दरोगा का ये अंश है. इस कहानी को दोबारा सालों बाद इसलिए पढ़ी कि शनिवार को मैं किसी पैरामिलिट्री के अफसर के पास बैठा था उन्होंने मुझे बताया कि ISS यानी इंडियन साल्ट सर्विसेज यानी भारतीय नमक सेवा अब भी देश में मौजूद है. देशभर में करीब दर्जनभर अधिकारी हैं जो नमक की गुणवत्ता और उसकी सप्लाई पर नजर रखते हैं.
- ndtv.in
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यूपी में कागज पर गठबंधन और जमीन पर बीजेपी क्यों मजबूत है?
- Saturday May 18, 2019
- रवीश रंजन शुक्ला
ये लोकसभा चुनाव खासा असमंजस से भरा है. लोकसभा चुनाव के दौरान मैंने बीजेपी या गठबंधन के कोर वोटरों से बात करने के बजाए नॉन यादव ओबीसी और नॉन जाटव दलितों से ज्यादा बात करने की कोशिश की है. इसमें पाया कि नॉन यादव ओबीसी का बड़ा वर्ग बीजेपी और खासतौर से मोदी से प्रभावित है.
- ndtv.in
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फिरोजाबाद में चाचा शिवपाल यादव और भतीजे अक्षय यादव के सियासी मैदान का हाल
- Wednesday April 24, 2019
- रवीश रंजन शुक्ला
चूड़ियों की नगरी फिरोजाबाद में सबसे बड़े राजनीतिक परिवार का मनमुटाव यहां सियासी जंग में तब्दील हो चुका है. हर गली हर नुक्कड़ पर चाचा शिवपाल यादव और भतीजे अक्षय यादव की ही चर्चा चल रही है.
- ndtv.in
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फर्रुखाबाद की सियासत पर आलू और मोदी
- Tuesday April 23, 2019
- रवीश रंजन शुक्ला
उनसे जब सियासी हाल जानने की कोशिश की तो मुस्कुरा दिए बोले हम लोगों को खेती किसानी से फुरसत कहा लेकिन जब मैंने कहा कि लड़ाई किसमें है तो हंसते बोले बीजेपी और गठबंधन में... हमने कहा आप लोगों का वोट किसे जा रहा है...
- ndtv.in
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फर्रुखाबाद की ढहती विरासत और सियासी समीकरण का हाल
- Tuesday April 23, 2019
- रवीश रंजन शुक्ला
लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार सलमान खुर्शीद के घर कायम गंज जाते हुए रास्ते में कई मकबरे दिखे तो शहर के इतिहास की जानकारी लेने की उत्सुकता बढ़ी. फर्रुखाबाद में गुरुगांव मंदिर के ठीक पीछे नवाब मोहम्मद खां बंगश का मकबरा नजर आया.
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इटावा की 'घोड़ा चाय' की दुकान और सियासी चर्चा
- Sunday April 21, 2019
- रवीश रंजन शुक्ला
मैंने भी कुल्हड़ में चाय की चुस्की लेते पूछा कि जिस चाय की दुकान पर इतनी भीड़ होती हो वहां चुनावी चर्चा न होती हो ये कैसे मुमकिन है. अनिल कुमार गुप्ता बोले कि वो खुद लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं और भारत में नकली चुनाव के नाम से एक किताब भी लिख चुके हैं. उन्होंने इटावा में चाय पिलाने में ही क्रांति नहीं की है बल्कि 1975 में इमरजेंसी के दौरान सरकार से जब बगावत की तो 33 धाराऐं लगाकर इनको जेल में भी डाला गया. अब अनिल कुमार गुप्ता लोकतंत्र सेनानी के तौर पर जाने जाते हैं और चाय की केतली धीमी आंच पर रखते हुए वो गर्व से बताते हैं कि सपा सरकार की शुरू की गई सेनानी पेंशन के बीस हजार रुपये भी हर महीने मिलती है.
- ndtv.in
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महाप्रबंधक के दौरे के एक दिन बाद ही ट्रेन हादसा, उत्तर मध्य रेलवे जोन सवालों के घेरे में
- Saturday April 20, 2019
- रवीश रंजन शुक्ला
रेलवे दुर्घटनाओं के लिहाज से संवेदनशील उत्तर मध्य रेलवे जोन के महाप्रबंधक राजीव चौधरी 18 तारीख को कानपुर टुंडला मार्ग का रात को निरीक्षण करते हैं और बीस तारीख को पूर्वा एक्सप्रेस इस रुट पर डिरेल हो जाती है. एनडीटीवी को मिले दस्तावेज बताते हैं कि 18 अप्रैल रात 11.55 पर इलाहाबाद से महाप्रबंधक जी दौरे पर आते हैं और 48 घंटे के अंदर हादसा हो जाता है.
- ndtv.in
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क्यों रुला रहा है प्याज अब राजस्थान के किसानों को...
- Thursday November 29, 2018
- रवीश रंजन शुक्ला
राजस्थान में प्याज की खेती के लिए अलवर और भरतपुर मशहूर है. पिछले साल अलवर की मंडी में दाम 15 से 18 रुपये किलो था, जो इस साल गिरकर मात्र तीन से चार रुपये किलो रह गया है. अपनी फसल की सही रकम नहीं मिलने से यहां किसान परेशान हैं. सुबह मैं अलवर की प्याज मंडी पहुंच गया....किसान पप्पू भाई का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. दस बजे किसानों के प्याज की बोली लगेगी. पप्पू भाई आए और आते ही अजीब आवाज में बोले...ऐ...कालीचरण कहां रहता है तू....वो हंसते हुए दुबक गया...अब किसानों के 8 महीने की खून पसीने से उगाई प्याज की कीमत पप्पू भाई सैकड़ों में तय कर रहे हैं...अलवर की प्याज मंडी में इस प्याज की कीमत तय हुई है...दो सौ रुपये में 60 किलो यानि तीन साढ़े तीन रुपये किलो...
- ndtv.in
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राजस्थान में हिन्दुत्व की प्रयोगशाला का क्या है हाल?
- Wednesday November 28, 2018
- रवीश रंजन शुक्ला
26 नवंबर को ग्वालियर से चला, रात को भरतपुर में रुका. 27 को सुबह सात बजे रामगढ़ के लिए रवाना हो गया. चार महीना पहले यहीं रकबर को कथित तौर पर पीटा गया था, बाद में उसकी मौत हो गई थी. टैक्सी ड्राइवर से बात बढ़ाई तो बोलने लगा साहब यहां मेव अच्छी तादाद में हैं. पहले बहुत गाय बूचड़खाने जाती थी अब गौरक्षकों की बहुत निगरानी रहती है. मैंने पूछा ये बूचड़खाने किसके हैं, वो बोला अब ये का पता मुझे. मैं कौन सा आपकी तरह रिपोर्टर हूं. मैंने कहा फिर ये कैसे पता है कि सब गाय बूचड़खाने ही जा रही होंगी. वो बोला अरे साहब आप क्या जानते हैं अभी वीडियो दिखाता हूं कैसे कटती हैं. मैं कहा नहीं ये व्हाट्सअप वीडियो मत दिखाओ गाड़ी ध्यान से चलाओ. मैं सोचने लगा मोबाइल जाति और धर्म के ध्रुवीकरण के केंद्र में है. लोगों में डर और धारणाएं बहुत तेजी से बनाता है. इस बात का अंदाजा हुआ जब रामगढ़ के रास्ते में कई जगह बड़ी बड़ी गौशालाएं और गौरक्षकों के होर्डिंग्स लगे देखे.
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कोविड से बचाव के लिए सभी पत्रकारों का वैक्सीनेशन क्यों नहीं?
- Wednesday April 14, 2021
- रवीश रंजन शुक्ला
पिछले साल 22 मार्च को प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि 'पुलिस और स्वास्थ्य कर्मियों की तरह मीडिया की भी इस महामारी से लड़ने में अहम भूमिका होगी.' कोरोना काल में ज्यादातर पत्रकारों ने काम के दौरान अपने जान की बाजी लगा दी...अस्पताल से लेकर श्मशान तक और सड़क से लेकर खलिहान तक की रिपोर्टिंग की. आम लोगों की समस्या को सरकार के सामने लाए, लेकिन वैक्सीन आने के बाद पुलिस और स्वास्थ्य कर्मी तो फ्रंटलाइन वर्कर माने गए लेकिन पत्रकारों को इस वैक्सीनेशन की प्रक्रिया में सरकारी बाबुओं ने दूध में मक्खी की तरह बाहर कर दिया. जबकि इस दौरान देशभर में 50 से ज्यादा पत्रकारों की कोरोना से मौत हुई, सैकड़ों बीमार हुए...हजारों को नौकरियों से हाथ धोना पड़ा...लेकिन मरने के बाद करीब 40 पत्रकारों को 5 लाख की आर्थिक मदद देकर सरकार ने अपना पल्ला झाड़ लिया.
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कोरोना काल में गुपचुप तरीके से किराया बढ़ा रही है रेलवे
- Thursday March 4, 2021
- रवीश रंजन शुक्ला
13 फरवरी को दिल्ली से करीब 1200 किमी दूर रांची रेलवे स्टेशन पर जब एक शख्स ने प्लेटफार्म टिकट खरीदा तो 15 रुपए का टिकट उसे 30 रुपए में दिया गया. उसने जब काउंटर पर पूछा कि ये टिकट तो पहले 15 रुपए का था तो जवाब मिला है कल यानि 12 फरवरी से ये 30 रुपए का हो गया है.
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टीवी मीडिया के गटर से निकला जमूरा पत्रकारिता का जिन्न
- Wednesday October 7, 2020
- रवीश रंजन शुक्ला
पुलिस बेरीकेटिंग के नजदीक हम लोग लाइव की तैयारी कर रहे थे..सुबह के आठ बजने वाले थे...नर्म धूप धीरे-धीरे तीखी हो रही थी लेकिन हवा में अब भी हल्की ठंड मौजूद थी. गांव जाने वाले रास्ते को पुलिस बेरीकेट से बंद कर दिया गया था और एक इंस्पेक्टर जीप के बोनट पर ड्यूटी बदलने का चार्ट बना रहा था. रात भर की ड्यूटी से हलकान पुलिस और PAC वालों के चेहरे तो मास्क में छिपे थे लेकिन कोई बेरीकेट तो कोई दीवार के सहारे टिका शरीर को थोड़ा आराम देने की कोशिश कर रहा था. असहाय सी दिखने वाली सबकी आंखें बस बिना उम्मीद मीडिया के कैमरे और रिपोर्टर पर टिकी थी. गोरिल्ला युद्ध की तरह अचानक लस्त पस्त पड़ी पुलिस फोर्स को देखकर एक महिला एंकर बेरीकेट खींचकर अंदर दाखिल हुई और लाइव में चीखते हुए.. ये देखिए किस तरह हमें रोकने की कोशिश हो रही है लेकिन हम इंसाफ दिलाकर रहेंगे...
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दिल्ली हिंसा : GTB अस्पताल में वो 5 दिन....
- Wednesday March 4, 2020
- रवीश रंजन शुक्ला
इमरजेंसी के बाहर खड़े होकर लाइव करने के दौरान ऐंबुलेंस और पुलिस जिप्सी की आवाजाही बढ़ती जा रही थी. कोई अपनों को स्कूटी पर ला रहा था तो कोई ई रिक्शा से. कुछ लोगों को ऐंबुलेंस तो कुछ को पुलिस जिप्सी में ला रही थी. जिस दंगे को कुछ देर पहले मैं रुटीन बवाल मान रहा था अब दिल दहलाने वाली घटना में तेजी से बदलती जा रहा था.
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दिल्ली में BJP की हार से चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर पर उठने लगे हैं सवाल
- Friday February 14, 2020
- रवीश रंजन शुक्ला
दिल्ली के चुनाव नतीजे आने के बाद से ही अब तक न तो वो प्रदेश दफ्तर में दिखाई दिए और न ही इस करारी हार पर उनका कोई ट्वीट मिला. एक निजी टीवी इंटरव्यू में उन्होंने हार की ठीकरा कांग्रेस के गिरते वोट पर फोड़ा. हां, बीजेपी की हार का एक बड़ा कारण कांग्रेस का वोट बैंक 5 फीसदी से नीचे आना भी रहा. चुनाव त्रिकोणीय होने के बजाए बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच हुआ, जिसमें वोट परसेंटेज बढ़ने के बजाए बीजेपी को करारी हार मिली.
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आखिर कौन हैं दिल्ली के कातिलाना प्रदूषण के गुनहगार?
- Saturday November 16, 2019
- रवीश रंजन शुक्ला
प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की डांट फटकार, लोगों की लानत- मलानत, ऑड-इवेन स्कूलों को बंद करने और हमारे-आपके जैसे पत्रकारों की प्रदूषण पर थोक खबरों के बावजूद प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है.
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क्या आज भी मौजूद हैं नमक के दरोगा?
- Sunday September 8, 2019
- रवीश रंजन शुक्ला
मित्रों मुंशी प्रेमचंद की कहानी नमक का दरोगा का ये अंश है. इस कहानी को दोबारा सालों बाद इसलिए पढ़ी कि शनिवार को मैं किसी पैरामिलिट्री के अफसर के पास बैठा था उन्होंने मुझे बताया कि ISS यानी इंडियन साल्ट सर्विसेज यानी भारतीय नमक सेवा अब भी देश में मौजूद है. देशभर में करीब दर्जनभर अधिकारी हैं जो नमक की गुणवत्ता और उसकी सप्लाई पर नजर रखते हैं.
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यूपी में कागज पर गठबंधन और जमीन पर बीजेपी क्यों मजबूत है?
- Saturday May 18, 2019
- रवीश रंजन शुक्ला
ये लोकसभा चुनाव खासा असमंजस से भरा है. लोकसभा चुनाव के दौरान मैंने बीजेपी या गठबंधन के कोर वोटरों से बात करने के बजाए नॉन यादव ओबीसी और नॉन जाटव दलितों से ज्यादा बात करने की कोशिश की है. इसमें पाया कि नॉन यादव ओबीसी का बड़ा वर्ग बीजेपी और खासतौर से मोदी से प्रभावित है.
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फिरोजाबाद में चाचा शिवपाल यादव और भतीजे अक्षय यादव के सियासी मैदान का हाल
- Wednesday April 24, 2019
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चूड़ियों की नगरी फिरोजाबाद में सबसे बड़े राजनीतिक परिवार का मनमुटाव यहां सियासी जंग में तब्दील हो चुका है. हर गली हर नुक्कड़ पर चाचा शिवपाल यादव और भतीजे अक्षय यादव की ही चर्चा चल रही है.
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फर्रुखाबाद की सियासत पर आलू और मोदी
- Tuesday April 23, 2019
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उनसे जब सियासी हाल जानने की कोशिश की तो मुस्कुरा दिए बोले हम लोगों को खेती किसानी से फुरसत कहा लेकिन जब मैंने कहा कि लड़ाई किसमें है तो हंसते बोले बीजेपी और गठबंधन में... हमने कहा आप लोगों का वोट किसे जा रहा है...
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फर्रुखाबाद की ढहती विरासत और सियासी समीकरण का हाल
- Tuesday April 23, 2019
- रवीश रंजन शुक्ला
लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार सलमान खुर्शीद के घर कायम गंज जाते हुए रास्ते में कई मकबरे दिखे तो शहर के इतिहास की जानकारी लेने की उत्सुकता बढ़ी. फर्रुखाबाद में गुरुगांव मंदिर के ठीक पीछे नवाब मोहम्मद खां बंगश का मकबरा नजर आया.
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इटावा की 'घोड़ा चाय' की दुकान और सियासी चर्चा
- Sunday April 21, 2019
- रवीश रंजन शुक्ला
मैंने भी कुल्हड़ में चाय की चुस्की लेते पूछा कि जिस चाय की दुकान पर इतनी भीड़ होती हो वहां चुनावी चर्चा न होती हो ये कैसे मुमकिन है. अनिल कुमार गुप्ता बोले कि वो खुद लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं और भारत में नकली चुनाव के नाम से एक किताब भी लिख चुके हैं. उन्होंने इटावा में चाय पिलाने में ही क्रांति नहीं की है बल्कि 1975 में इमरजेंसी के दौरान सरकार से जब बगावत की तो 33 धाराऐं लगाकर इनको जेल में भी डाला गया. अब अनिल कुमार गुप्ता लोकतंत्र सेनानी के तौर पर जाने जाते हैं और चाय की केतली धीमी आंच पर रखते हुए वो गर्व से बताते हैं कि सपा सरकार की शुरू की गई सेनानी पेंशन के बीस हजार रुपये भी हर महीने मिलती है.
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महाप्रबंधक के दौरे के एक दिन बाद ही ट्रेन हादसा, उत्तर मध्य रेलवे जोन सवालों के घेरे में
- Saturday April 20, 2019
- रवीश रंजन शुक्ला
रेलवे दुर्घटनाओं के लिहाज से संवेदनशील उत्तर मध्य रेलवे जोन के महाप्रबंधक राजीव चौधरी 18 तारीख को कानपुर टुंडला मार्ग का रात को निरीक्षण करते हैं और बीस तारीख को पूर्वा एक्सप्रेस इस रुट पर डिरेल हो जाती है. एनडीटीवी को मिले दस्तावेज बताते हैं कि 18 अप्रैल रात 11.55 पर इलाहाबाद से महाप्रबंधक जी दौरे पर आते हैं और 48 घंटे के अंदर हादसा हो जाता है.
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क्यों रुला रहा है प्याज अब राजस्थान के किसानों को...
- Thursday November 29, 2018
- रवीश रंजन शुक्ला
राजस्थान में प्याज की खेती के लिए अलवर और भरतपुर मशहूर है. पिछले साल अलवर की मंडी में दाम 15 से 18 रुपये किलो था, जो इस साल गिरकर मात्र तीन से चार रुपये किलो रह गया है. अपनी फसल की सही रकम नहीं मिलने से यहां किसान परेशान हैं. सुबह मैं अलवर की प्याज मंडी पहुंच गया....किसान पप्पू भाई का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. दस बजे किसानों के प्याज की बोली लगेगी. पप्पू भाई आए और आते ही अजीब आवाज में बोले...ऐ...कालीचरण कहां रहता है तू....वो हंसते हुए दुबक गया...अब किसानों के 8 महीने की खून पसीने से उगाई प्याज की कीमत पप्पू भाई सैकड़ों में तय कर रहे हैं...अलवर की प्याज मंडी में इस प्याज की कीमत तय हुई है...दो सौ रुपये में 60 किलो यानि तीन साढ़े तीन रुपये किलो...
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राजस्थान में हिन्दुत्व की प्रयोगशाला का क्या है हाल?
- Wednesday November 28, 2018
- रवीश रंजन शुक्ला
26 नवंबर को ग्वालियर से चला, रात को भरतपुर में रुका. 27 को सुबह सात बजे रामगढ़ के लिए रवाना हो गया. चार महीना पहले यहीं रकबर को कथित तौर पर पीटा गया था, बाद में उसकी मौत हो गई थी. टैक्सी ड्राइवर से बात बढ़ाई तो बोलने लगा साहब यहां मेव अच्छी तादाद में हैं. पहले बहुत गाय बूचड़खाने जाती थी अब गौरक्षकों की बहुत निगरानी रहती है. मैंने पूछा ये बूचड़खाने किसके हैं, वो बोला अब ये का पता मुझे. मैं कौन सा आपकी तरह रिपोर्टर हूं. मैंने कहा फिर ये कैसे पता है कि सब गाय बूचड़खाने ही जा रही होंगी. वो बोला अरे साहब आप क्या जानते हैं अभी वीडियो दिखाता हूं कैसे कटती हैं. मैं कहा नहीं ये व्हाट्सअप वीडियो मत दिखाओ गाड़ी ध्यान से चलाओ. मैं सोचने लगा मोबाइल जाति और धर्म के ध्रुवीकरण के केंद्र में है. लोगों में डर और धारणाएं बहुत तेजी से बनाता है. इस बात का अंदाजा हुआ जब रामगढ़ के रास्ते में कई जगह बड़ी बड़ी गौशालाएं और गौरक्षकों के होर्डिंग्स लगे देखे.
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