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This Article is From Sep 08, 2019

क्या आज भी मौजूद हैं नमक के दरोगा?

Ravish Ranjan Shukla
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    सितंबर 09, 2019 12:33 pm IST
    • Published On सितंबर 08, 2019 20:33 pm IST
    • Last Updated On सितंबर 09, 2019 12:33 pm IST

नमक का दरोगा वंशीधर कड़क आवाज में बोले, मैं उन नमकहरामों में नहीं है जो कौड़ि‍यों पर अपना ईमान बेचते फिरते हैं. आप इस समय हिरासत में हैं. आपको कायदे के अनुसार चालान होगा. बस, मुझे अधिक बातों की फुर्सत नहीं है. जमादार बदलूसिंह! तुम इन्हें हिरासत में ले चलो, मैं हुक्म देता हूं.

पं. अलोपीदीन स्तम्भित हो गए. गाड़ीवानों में हलचल मच गई. पंडितजी के जीवन में कदाचित यह पहला ही अवसर था कि पंडितजी को ऐसी कठोर बातें सुननी पड़ीं. बदलूसिंह आगे बढ़ा, किन्तु रोब के मारे यह साहस न हुआ कि उनका हाथ पकड़ सके. पंडितजी ने धर्म को धन का ऐसा निरादर करते कभी न देखा था.

मित्रों मुंशी प्रेमचंद की कहानी नमक का दरोगा का ये अंश है. इस कहानी को दोबारा सालों बाद इसलिए पढ़ी कि शनिवार को मैं किसी पैरामिलिट्री के अफसर के पास बैठा था उन्होंने मुझे बताया कि ISS यानी इंडियन साल्ट सर्विसेज यानी भारतीय नमक सेवा अब भी देश में मौजूद है. देशभर में करीब दर्जनभर अधिकारी हैं जो नमक की गुणवत्ता और उसकी सप्लाई पर नजर रखते हैं. उन अधिकारी ने बताया कि पैरामिलिट्री फोर्स के अधिकारियों को भले वरिय रैंको पर न तो सरकार नियुक्ति दे रही है और न प्रमोशन के वित्तीय लाभ लेकिन नमक के अधिकारियों को पूरा लाभ मिल रहा है. सोचिए 1935 में जब अंग्रेजों ने कानून बनाया था कि नमक खाने और बेचने पर टैक्स लगेगा तब नमक के दरोगा की नियुक्तियां होती थी. लेकिन सोचिए आजादी से पहले लिखी गई नमक का दरोगा में पंडित अलोपीदीन जैसे न जाने कितने आदमी हमारे सिस्टम में मौजूद हैं जो पैसे के दम पर गैर कानूनी काम को भी कानूनी जामा पहनाते हैं. और सोचिए वंशीधर जैसे कितने नमक के दरोगा हैं जो अपने पिता की इस बात तो सिरे से खारिज करते हैं.

नौकरी में ओहदे की ओर ध्यान मत देना, यह तो पीर का मजार है. निगाह चढ़ावे और चादर पर रखनी चाहिए. ऐसा काम ढूंढना जहां कुछ ऊपरी आय हो. मासिक वेतन तो पूर्णमासी का चांद है, जो एक दिन दिखाई देता है और घटते-घटते लुप्त हो जाता है. ऊपरी आय बहता हुआ स्रोत है जिससे सदैव प्यास बुझती है. (नमक के दरोगा के अंश)

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) :इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति NDTV उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार NDTV के नहीं हैं, तथा NDTV उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.

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