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भारत ने श्रीलंका को UN में याद दिलाया 'वादा', कहा- तमिल मुद्दे पर तुरंत उठाएं प्रभावी कदम
- Tuesday September 13, 2022
- Reported by: भाषा
श्रीलंका के संविधान का 13वां संशोधन तमिल समुदाय को सशक्त बनाता है. भारत श्रीलंका पर 13वां संशोधन लागू करने का दबाव डाल रहा है जो 1987 में हुए भारत-श्रीलंका समझौते के बाद लाया गया था.
- ndtv.in
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UN ने Sri Lanka Economic Crisis के कारणों पर Report की जारी...इन अपराधों की सजा ना होना बना बड़ी वजह
- Wednesday September 7, 2022
- Reported by: भाषा, Edited by: वर्तिका
यह पहली बार है कि संयुक्त राष्ट्र (UN) के शीर्ष निकाय ने आर्थिक संकट (Economic Crisis) को श्रीलंका (Sri Lanka) के मानवाधिकार उल्लंघन से जोड़ा है.
- ndtv.in
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Explainer : भारत में कहां से आए रोहिंग्या? अंग्रेजों के समय के भारत से क्या है संबंध?
- Thursday August 18, 2022
- Reported by: वर्तिका
रोहिंग्या (Rohingya) म्यांमार (Myanmar) से 1970 के दशक से ही पड़ोसी देशों में शरणार्थी बन कर पहुंचते रहे. रोहिंग्या शरणार्थियों का कहना था कि म्यांमार के सुरक्षा बलों ने उनपर पर बलात्कार, हत्या, आगजनी जैसे अत्याचार किए. अधिकार समूहों को संदेह है कि म्यांमार सरकार ने रोहिंग्याओं का नरसंहार (Genocide) किया लेकिन म्यांमार सरकार इससे इंकार करती है.
- ndtv.in
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भारत ने फिर काटी कन्नी, रूस के खिलाफ UNHRC वोटिंग में नहीं लिया हिस्सा, ये देश भी रहे दूर
- Friday March 4, 2022
- Reported by: भाषा
संयुक्त राष्ट्र की 47 सदस्यीय परिषद में 'रूसी आक्रमण से यूक्रेन में उपजी मानवाधिकारों की स्थिति' पर एक मसौदा प्रस्ताव पर मतदान हुआ. प्रस्ताव पारित कर दिया गया. प्रस्ताव के पक्ष में 32 मत पड़े जबकि दो वोट (रूस और इरित्रिया) इसके खिलाफ पड़े. वहीं भारत, चीन, पाकिस्तान, सूडान और वेनेजुएला सहित 13 देशों ने इस मतदान में हिस्सा नहीं लिया.
- ndtv.in
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महिलाओं के समर्थन में प्रदर्शन में भाग लेने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ता को तालिबानियों ने बेरहमी से पीटा
- Monday September 13, 2021
- Reported by: ANI, Translated by: आनंद नायक
हबीबुल्लाह फरजाद ने बताया, 'उन्होंने मेरे हाथ को पीछे करके हथकड़ी लगा दी और बुरी तरह से पीटना शुरू कर दिया. इसके कारण मैं बेहोश हो गया और करीब एक घंटे बाद मुझे होश आया. इसके बाद वे मुझे एक अन्य रूम में गए जहां पत्रकारों सहित अन्य लोगों को हिरासत में रखा गया था. '
- ndtv.in
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अमेरिका का चीन पर आरोप, कहा - धब्बा है ये देश, मुसलमानों और अल्पसंख्यकों को रखता है शिविरों में
- Thursday August 1, 2019
- भाषा
विदेश मंत्री ने धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन को लेकर कई देशों का नाम लिया लेकिन चीन का विशेष रूप से जिक्र किया. उन्होंने कहा कि अप्रैल, 2017 से चीन ने शिनजियांग में दस लाख से अधिक मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों को शिविरों में डाल रखा है.
- ndtv.in
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रोहिंग्या समुदाय की त्रासदी : कैसा लगेगा, यदि आपके पैरों तले से जमीन खींच ली जाए?
- Monday September 18, 2017
- सूर्यकांत पाठक
क्या अभागे रोहिंग्या मुसलमानों को कोई ऐसा टापू मिल पाएगा जहां बाढ़ न आती हो, जहां वे इंसानों की तरह जी सकें, जहां फिर कोई उनके घर न जला सके, हैलिकॉप्टरों से हमले करके उनका संहार न कर सके, जहां उनको उनके जीने के अधिकार से वंचित न किया जा सकता हो, जहां उनकी अपनी पहचान हो, अपनी जमीन हो और भविष्य भी हो?
- ndtv.in
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दुनिया के सामने 1945 के बाद सबसे भीषण मानवीय संकट, यूएन ने मदद की गुहार लगाई
- Sunday March 12, 2017
- Reported by: इंडो-एशियन न्यूज़ सर्विस
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि दुनिया 1945 के बाद के सबसे भयावह मानवीय संकट से गुजर रही है. विश्व संस्था ने 'व्यापक तबाही' से दुनिया के कुछ हिस्सों को बचाने के लिए मदद देने की गुहार लगाई है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र के लोकोपकारी मामलों के प्रमुख स्टीफन ओ ब्रायन ने कहा कि यमन, सोमालिया, साउथ सूडान और नाइजीरिया में करीब 2 करोड़ लोग भुखमरी और अकाल के खतरे का सामना कर रहे हैं.
- ndtv.in
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भारत ने श्रीलंका को UN में याद दिलाया 'वादा', कहा- तमिल मुद्दे पर तुरंत उठाएं प्रभावी कदम
- Tuesday September 13, 2022
- Reported by: भाषा
श्रीलंका के संविधान का 13वां संशोधन तमिल समुदाय को सशक्त बनाता है. भारत श्रीलंका पर 13वां संशोधन लागू करने का दबाव डाल रहा है जो 1987 में हुए भारत-श्रीलंका समझौते के बाद लाया गया था.
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UN ने Sri Lanka Economic Crisis के कारणों पर Report की जारी...इन अपराधों की सजा ना होना बना बड़ी वजह
- Wednesday September 7, 2022
- Reported by: भाषा, Edited by: वर्तिका
यह पहली बार है कि संयुक्त राष्ट्र (UN) के शीर्ष निकाय ने आर्थिक संकट (Economic Crisis) को श्रीलंका (Sri Lanka) के मानवाधिकार उल्लंघन से जोड़ा है.
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Explainer : भारत में कहां से आए रोहिंग्या? अंग्रेजों के समय के भारत से क्या है संबंध?
- Thursday August 18, 2022
- Reported by: वर्तिका
रोहिंग्या (Rohingya) म्यांमार (Myanmar) से 1970 के दशक से ही पड़ोसी देशों में शरणार्थी बन कर पहुंचते रहे. रोहिंग्या शरणार्थियों का कहना था कि म्यांमार के सुरक्षा बलों ने उनपर पर बलात्कार, हत्या, आगजनी जैसे अत्याचार किए. अधिकार समूहों को संदेह है कि म्यांमार सरकार ने रोहिंग्याओं का नरसंहार (Genocide) किया लेकिन म्यांमार सरकार इससे इंकार करती है.
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भारत ने फिर काटी कन्नी, रूस के खिलाफ UNHRC वोटिंग में नहीं लिया हिस्सा, ये देश भी रहे दूर
- Friday March 4, 2022
- Reported by: भाषा
संयुक्त राष्ट्र की 47 सदस्यीय परिषद में 'रूसी आक्रमण से यूक्रेन में उपजी मानवाधिकारों की स्थिति' पर एक मसौदा प्रस्ताव पर मतदान हुआ. प्रस्ताव पारित कर दिया गया. प्रस्ताव के पक्ष में 32 मत पड़े जबकि दो वोट (रूस और इरित्रिया) इसके खिलाफ पड़े. वहीं भारत, चीन, पाकिस्तान, सूडान और वेनेजुएला सहित 13 देशों ने इस मतदान में हिस्सा नहीं लिया.
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महिलाओं के समर्थन में प्रदर्शन में भाग लेने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ता को तालिबानियों ने बेरहमी से पीटा
- Monday September 13, 2021
- Reported by: ANI, Translated by: आनंद नायक
हबीबुल्लाह फरजाद ने बताया, 'उन्होंने मेरे हाथ को पीछे करके हथकड़ी लगा दी और बुरी तरह से पीटना शुरू कर दिया. इसके कारण मैं बेहोश हो गया और करीब एक घंटे बाद मुझे होश आया. इसके बाद वे मुझे एक अन्य रूम में गए जहां पत्रकारों सहित अन्य लोगों को हिरासत में रखा गया था. '
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अमेरिका का चीन पर आरोप, कहा - धब्बा है ये देश, मुसलमानों और अल्पसंख्यकों को रखता है शिविरों में
- Thursday August 1, 2019
- भाषा
विदेश मंत्री ने धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन को लेकर कई देशों का नाम लिया लेकिन चीन का विशेष रूप से जिक्र किया. उन्होंने कहा कि अप्रैल, 2017 से चीन ने शिनजियांग में दस लाख से अधिक मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों को शिविरों में डाल रखा है.
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रोहिंग्या समुदाय की त्रासदी : कैसा लगेगा, यदि आपके पैरों तले से जमीन खींच ली जाए?
- Monday September 18, 2017
- सूर्यकांत पाठक
क्या अभागे रोहिंग्या मुसलमानों को कोई ऐसा टापू मिल पाएगा जहां बाढ़ न आती हो, जहां वे इंसानों की तरह जी सकें, जहां फिर कोई उनके घर न जला सके, हैलिकॉप्टरों से हमले करके उनका संहार न कर सके, जहां उनको उनके जीने के अधिकार से वंचित न किया जा सकता हो, जहां उनकी अपनी पहचान हो, अपनी जमीन हो और भविष्य भी हो?
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दुनिया के सामने 1945 के बाद सबसे भीषण मानवीय संकट, यूएन ने मदद की गुहार लगाई
- Sunday March 12, 2017
- Reported by: इंडो-एशियन न्यूज़ सर्विस
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि दुनिया 1945 के बाद के सबसे भयावह मानवीय संकट से गुजर रही है. विश्व संस्था ने 'व्यापक तबाही' से दुनिया के कुछ हिस्सों को बचाने के लिए मदद देने की गुहार लगाई है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र के लोकोपकारी मामलों के प्रमुख स्टीफन ओ ब्रायन ने कहा कि यमन, सोमालिया, साउथ सूडान और नाइजीरिया में करीब 2 करोड़ लोग भुखमरी और अकाल के खतरे का सामना कर रहे हैं.
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