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Coronavirus Time

'Coronavirus Time' - 66 News Result(s)
  • कोरोना के कहर के बीच डब्ल्यूएचओ ने चीन से मांगा कोविड संक्रमण का डेटा

    कोरोना के कहर के बीच डब्ल्यूएचओ ने चीन से मांगा कोविड संक्रमण का डेटा

    डब्ल्यूएचओ की ओर से शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया है कि संक्रमितों की संख्या में भारी वृद्धि के मद्देनजर कोविड-19 की स्थिति पर और जानकारी प्राप्त करने तथा डब्ल्यूएचओ की विशेषज्ञ एवं अन्य सहायता की पेशकश करने के लिए चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों के बीच एक उच्च स्तरीय बैठक हुई.

  • China में फंसे 2000 पर्यटक, COVID19 संक्रमण की नई लहर बनी वजह : रिपोर्ट

    China में फंसे 2000 पर्यटक, COVID19 संक्रमण की नई लहर बनी वजह : रिपोर्ट

    BA.5.2 सबवेरिएंट (Sub-Variant) है  BA.5 का जो पहले ही अमेरिका (US) में हावी हो रहा है और कोरोना (Corona) से पहले संक्रमित हो चुके व्यक्ति, कोरोना वैक्सीन लगवाए व्यक्ति, कोरोना का बूस्टर लगवाए हुए व्यक्ति की एंटीबॉडीज़ को भी मात देने में सक्षम है. 

  • प्रधानमंत्री जी, कोरोना की तबाही का सच आपके भाषणों में क्यों नहीं आता है?

    प्रधानमंत्री जी, कोरोना की तबाही का सच आपके भाषणों में क्यों नहीं आता है?

    लोकसभा में आज प्रधानमंत्री जब विपक्ष पर आक्रामक हो रहे थे तब क्या वे उस दौर की तस्वीर सही सही रख रहे थे जिसमें न जाने कितने लाख परिवारों के अपने तड़प तड़प कर मर गए और बिना आक्सीजन के मार दिए गए. उस दौर को आप किस किस तरह से याद करेंगे.

  • Winter health Care: जानें किस समय लेनी चाहिए धूप, जिससे आपको ज्यादा फायदा हो

    Winter health Care: जानें किस समय लेनी चाहिए धूप, जिससे आपको ज्यादा फायदा हो

    Sunlight Vitamin : सर्दियों में हर किसी को कुछ चाहिए तो वह उसकी बालकनी में उसको धूप मिल जाए. जी हां, सर्दियों में हर कोई धूप के लिए तरसता है. पर क्या आप जानते हैं कि आपको कब धूप में रहने से ज्यादा फायदा मिलता है. चलिए हम आपको आपको इसकी जानकारी देते हैं.

  • टीका अभियान सुस्त, विज्ञापन से नहीं होता जीवन यापन सरकार

    टीका अभियान सुस्त, विज्ञापन से नहीं होता जीवन यापन सरकार

    मौसम विभाग की आलोचना हो रही है कि उसकी बताई कई तारीखों पर दिल्ली में मानसून नहीं आया. दिल्ली के लोगों ने पेट्रोल के दाम कम होने का इंतज़ार छोड़ मानसून का शुरू कर दिया है. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी के विद्वानों के बीच यह दलील चल रही है कि दिल्ली में पेट्रोल 101 रुपया भी हो रहा है तो विकास भी तो हो रहा है. तो क्या शहडोल और गंगानगर में भी दिल्ली से ज़्यादा विकास हो गया है? मध्य प्रदेश का शहडोल जिला देश के अति पिछड़े ज़िलों में आता है. यहां के लोग 111 रुपया 71 पैसे लीटर पेट्रोल ख़रीद रहे हैं. गंगानगर के लोग 112 रुपया 49 पैसा लीटर पेट्रोल ख़रीद रहे हैं. यह अहसास होना चाहिए कि पेट्रोल के दाम बढ़ने से आम लोगों पर कितना बोझ बढ़ा है. ऐसा है तो सरकार विज्ञापन छाप दे कि 110 रुपया लीटर पेट्रोल देश के लिए ज़रूरी है. जैसे टीकाकरण के विज्ञापन छापे जा रही है. 

  • पेट्रोल के दाम में दिल्ली से आगे बिहार, महंगाई की भारी मार; पेट्रोल-डीजल 100 के पार

    पेट्रोल के दाम में दिल्ली से आगे बिहार, महंगाई की भारी मार; पेट्रोल-डीजल 100 के पार

    भारत की आम जनता ने एक रिकार्ड बनाया है. आम खाने का नहीं बल्कि महंगा पेट्रोल खरीद कर सरकार को कई लाख करोड़ टैक्स देने का रिकार्ड. ये वो रिकार्ड है जो अमरीका की पूरी आबादी नहीं बना सकती. उपभोक्तावादी अमेरिकी लोग इस त्याग को समझ ही नहीं सकते हैं. अमेरिकी लोगों को अपनी सरकार से मंदी के संकट में 220 लाख करोड़ का पैकेज मिला. जिनकी नौकरी नहीं गई है उन्हें भी तीन तीन हज़ार डॉलर का चेक मिला. भारतीय रुपये में दो लाख होता है. परिवार के हर सदस्य को मिला. ऐसे लोगों ने चेक ले भी लिया. आध्यात्मिक भारत के लोगों को ऐसा कुछ नहीं मिला, मिलता भी तो शायद वे ठुकरा देते. क्या पता इसलिए भी सरकार ने नहीं दिया. वक्त आ गया है कि भारत के सभी पेशे के बर्बाद लोग अमेरिका की निंदा करें कि हम बर्बाद हो गए लेकिन हमने तो डोल नहीं लिया. उसकी जगह लोन लिया. भारत को इस हीन भावना से निकलना ही होगा, अमेरिका की निंदा करनी ही होगी. मंत्रियों को भी ट्वीट कर भारत की मिडिल क्लास जनता को इस बात का श्रेय देना चाहिए कि सरकार से कुछ न मांगने के लिए आभार. और तो और आपके सहयोग से प्रेरित होकर हम पेट्रोल और डीज़ल के दाम और बढ़ाएंगे. 

  • प्रकृति का सानिध्य और कोरोना काल

    प्रकृति का सानिध्य और कोरोना काल

    सुनामी रूपी कोरोना काल की इस दूसरी लहर में, मैंने अपने मानसिक दबाब को प्रकृति के नजदीक रखकर कैसे दूर किया? सरकार द्वारा जब पूर्ण लॉकडाउन की तिथि की घोषणा हुई, तो उस समय चारों तरफ बहुत ही भयाभय और पीड़ादायक स्थिति निर्मित हो रही थी, क्योंकि हम सक्षम होकर भी अपने लोगों की मदद नहीं कर पा रहे थे. यह सब देखकर मेरा मन भी काफी विचलित हुआ, जिसके कारण धीरे-धीरे मानसिक तनाव की स्थिति निर्मित हुई और यह हर किसी के साथ स्वाभाविक है क्योंकि इन्सान एक प्राणी है, जो मानवीय संवेदनाओं को भलीभांति महसूस कर सकता है. घर की चार-दीवारी में कैद होकर इन्सान मन ही मन कुंठित होता रहता है और परिणाम मानसिक तनाव की स्थिति निर्मित होती है.

  • अप्रैल-मई के दो महीने, जब जिंदगी की गरिमा ही नहीं बची

    अप्रैल-मई के दो महीने, जब जिंदगी की गरिमा ही नहीं बची

    दो महीने तक आपने देखा कि किसी की ज़िंदगी की कोई गरिमा नहीं बची थी. आम आदमी हो या मुग़ालते में रहने वाले रसूख़दार लोग. सब अस्पताल में बेड खोज रहे थे और ऑक्सीजन का सिलेंडर तक हासिल नहीं कर पा रहे थे. इस अंजाम से गुज़रने के बाद भी अगर आग़ाज़ नया नहीं होगा तो फिर से वही अंजाम होगा. गुजराती अख़बारों और भास्कर समूह ने तमाम राज्यों से मौत के आंकड़े को छिपाने का जो खेल पकड़ा है उसे कुछ अंग्रेज़ी अख़बार भी सीख रहे हैं.

  • सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की टीकाकरण नीति पर उठाए गंभीर सवाल

    सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की टीकाकरण नीति पर उठाए गंभीर सवाल

    क्या आप उन भारतीय वैज्ञानिकों के नाम जानते हैं जिन्होंने भारत में रहते हुए कोरोना के टीके की खोज की? क्या आपने उनका चेहरा देखा है जिस तरह मंगलयान के समय प्रधानमंत्री के साथ इसरो के वैज्ञानिकों को घुलते-मिलते देखा था. गया कि भारतीय वैज्ञानिकों ने टीके की खोज की है लेकिन उन भारतीय वैज्ञानिकों का ज़िक्र मन की बात में नहीं मिलता है.

  • टीका अभ‍ियान कैसे पड़ा फीका?

    टीका अभ‍ियान कैसे पड़ा फीका?

    सवाल चाहें जितने हों, जवाब जवाब की तरह नहीं मिलेगा. हमारे सहयोगी परिमल के सवाल का इतना ही जवाब मिला जो कि जवाब था भी नहीं. अलग-अलग समय पर सरकार के जवाबों को आप पढ़ेंगे तो पता चलेगा कि जवाब देने का मतलब आपको घुमाते रहना है. फरवरी महीने में केंद्रीय बजट में मोदी सरकार कहती है कि टीके की खरीद के लिए 35,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

  • कोरोना संकट में मोदी सरकार की गंभीरता पर सवाल

    कोरोना संकट में मोदी सरकार की गंभीरता पर सवाल

    कुछ छात्र होते हैं जिन्हें पता है कि प्रिंसिपल की डांट पड़ेगी लेकिन उन पर उस डांट का कोई असर नहीं होता. बस वे प्रिंसिपल के सामने डरते हुए खड़े होने का बहाना करते हैं, डांट खाते हैं और छुट्टी के बाद पूरे प्रसंग पर हंसी मज़ाक करते हैं. वापस वही सब करते हैं जिसके लिए डांट पड़ती है. कोविड के मामले में कोर्ट की फटकार सुन रहे अधिकारियों का भी लगता है यही हाल हो गया है.

  • Delhi lockdown: दिल्ली में लॉकडाउन के दौरान क्‍या खुला रहेगा, क्‍या रहेगा बंद और किन्‍हें होगी बाहर निकलने की इजाजत..

    Delhi lockdown: दिल्ली में लॉकडाउन के दौरान क्‍या खुला रहेगा, क्‍या रहेगा बंद और किन्‍हें होगी बाहर निकलने की इजाजत..

    Delhi lockdown timing: कोरोना पर 'लगाम' कसने के लिए दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने पूरी दिल्ली में सोमवार रात 10 बजे से लेकर अगले सोमवार 26 अप्रैल सुबह 5 बजे तक तक संपूर्ण कर्फ्यू लगाया गया है. आइए जानते है संपूर्ण कर्फ्यू के दौरान कौन सी सेवाएं को रहेगी कर्फ्यू से छूट..

  • PM नरेंद्र मोदी ने कहा, "छात्रों ने कोविड-19 के कारण 1 साल गंवाया, लेकिन बहुत कुछ सीखा"

    PM नरेंद्र मोदी ने कहा, "छात्रों ने कोविड-19 के कारण 1 साल गंवाया, लेकिन बहुत कुछ सीखा"

    Pariksha Pe Charcha 2021: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 के कारण छात्रों ने अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण साल तो गंवा दिया, लेकिन इस महामारी के कारण उन्हें बहुत कुछ सीख भी मिली. ‘‘परीक्षा पे चर्चा'' के ताजा संस्करण में डिजिटल माध्यम से छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों से संवाद करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि कोविड-19 ने सभी को विपरीत परिस्थितियों में जीवन जीने की सीख भी दी है.

  • 'परीक्षा पे चर्चा' में बोले PM नरेंद्र मोदी, "परीक्षा जीवन का आखिरी मुकाम नहीं, छोटा सा पड़ाव, बच्चों पर दबाव न बनाएं अभिभावक"

    'परीक्षा पे चर्चा' में बोले PM नरेंद्र मोदी, "परीक्षा जीवन का आखिरी मुकाम नहीं, छोटा सा पड़ाव, बच्चों पर दबाव न बनाएं अभिभावक"

    Pariksha Pe Charcha 2021: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि परीक्षा छात्रों के जीवन में आखिरी मुकाम नहीं, बल्कि एक छोटा सा पड़ाव होता है. इसलिए अभिभावकों या शिक्षकों को बच्चों पर दबाव नहीं बनाना चाहिए. ‘‘परीक्षा पर चर्चा'' के ताजा संस्करण में डिजिटल माध्यम से छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से संवाद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि बच्चों पर बाहर का दबाव कम हो जाता है, तो वे कभी परीक्षा का दबाव महसूस नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण छात्रों ने अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण साल तो गंवा दिया, लेकिन इस महामारी के कारण उन्हें बहुत कुछ सीख भी मिली.

  • PM मोदी आज शाम 7 बजे करेंगे 'परीक्षा पे चर्चा', लाखों छात्र होंगे शामिल

    PM मोदी आज शाम 7 बजे करेंगे 'परीक्षा पे चर्चा', लाखों छात्र होंगे शामिल

    Pariksha Pe Charcha 2021: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 7 बजे बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों के साथ 'परीक्षा पे चर्चा' करेंगे. COVID-19 की स्थिति को देखते हुए, इस साल 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम वर्चुअली आयोजित किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार संवाद कार्यक्रम ‘परीक्षा पे चर्चा' का चौथा संस्करण आयोजित करेंगे. इस कार्यक्रम की शुरुआत साल 2018 में दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम से हुई थी.

'Coronavirus Time' - 197 Video Result(s)
'Coronavirus Time' - 66 News Result(s)
  • कोरोना के कहर के बीच डब्ल्यूएचओ ने चीन से मांगा कोविड संक्रमण का डेटा

    कोरोना के कहर के बीच डब्ल्यूएचओ ने चीन से मांगा कोविड संक्रमण का डेटा

    डब्ल्यूएचओ की ओर से शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया है कि संक्रमितों की संख्या में भारी वृद्धि के मद्देनजर कोविड-19 की स्थिति पर और जानकारी प्राप्त करने तथा डब्ल्यूएचओ की विशेषज्ञ एवं अन्य सहायता की पेशकश करने के लिए चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों के बीच एक उच्च स्तरीय बैठक हुई.

  • China में फंसे 2000 पर्यटक, COVID19 संक्रमण की नई लहर बनी वजह : रिपोर्ट

    China में फंसे 2000 पर्यटक, COVID19 संक्रमण की नई लहर बनी वजह : रिपोर्ट

    BA.5.2 सबवेरिएंट (Sub-Variant) है  BA.5 का जो पहले ही अमेरिका (US) में हावी हो रहा है और कोरोना (Corona) से पहले संक्रमित हो चुके व्यक्ति, कोरोना वैक्सीन लगवाए व्यक्ति, कोरोना का बूस्टर लगवाए हुए व्यक्ति की एंटीबॉडीज़ को भी मात देने में सक्षम है. 

  • प्रधानमंत्री जी, कोरोना की तबाही का सच आपके भाषणों में क्यों नहीं आता है?

    प्रधानमंत्री जी, कोरोना की तबाही का सच आपके भाषणों में क्यों नहीं आता है?

    लोकसभा में आज प्रधानमंत्री जब विपक्ष पर आक्रामक हो रहे थे तब क्या वे उस दौर की तस्वीर सही सही रख रहे थे जिसमें न जाने कितने लाख परिवारों के अपने तड़प तड़प कर मर गए और बिना आक्सीजन के मार दिए गए. उस दौर को आप किस किस तरह से याद करेंगे.

  • Winter health Care: जानें किस समय लेनी चाहिए धूप, जिससे आपको ज्यादा फायदा हो

    Winter health Care: जानें किस समय लेनी चाहिए धूप, जिससे आपको ज्यादा फायदा हो

    Sunlight Vitamin : सर्दियों में हर किसी को कुछ चाहिए तो वह उसकी बालकनी में उसको धूप मिल जाए. जी हां, सर्दियों में हर कोई धूप के लिए तरसता है. पर क्या आप जानते हैं कि आपको कब धूप में रहने से ज्यादा फायदा मिलता है. चलिए हम आपको आपको इसकी जानकारी देते हैं.

  • टीका अभियान सुस्त, विज्ञापन से नहीं होता जीवन यापन सरकार

    टीका अभियान सुस्त, विज्ञापन से नहीं होता जीवन यापन सरकार

    मौसम विभाग की आलोचना हो रही है कि उसकी बताई कई तारीखों पर दिल्ली में मानसून नहीं आया. दिल्ली के लोगों ने पेट्रोल के दाम कम होने का इंतज़ार छोड़ मानसून का शुरू कर दिया है. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी के विद्वानों के बीच यह दलील चल रही है कि दिल्ली में पेट्रोल 101 रुपया भी हो रहा है तो विकास भी तो हो रहा है. तो क्या शहडोल और गंगानगर में भी दिल्ली से ज़्यादा विकास हो गया है? मध्य प्रदेश का शहडोल जिला देश के अति पिछड़े ज़िलों में आता है. यहां के लोग 111 रुपया 71 पैसे लीटर पेट्रोल ख़रीद रहे हैं. गंगानगर के लोग 112 रुपया 49 पैसा लीटर पेट्रोल ख़रीद रहे हैं. यह अहसास होना चाहिए कि पेट्रोल के दाम बढ़ने से आम लोगों पर कितना बोझ बढ़ा है. ऐसा है तो सरकार विज्ञापन छाप दे कि 110 रुपया लीटर पेट्रोल देश के लिए ज़रूरी है. जैसे टीकाकरण के विज्ञापन छापे जा रही है. 

  • पेट्रोल के दाम में दिल्ली से आगे बिहार, महंगाई की भारी मार; पेट्रोल-डीजल 100 के पार

    पेट्रोल के दाम में दिल्ली से आगे बिहार, महंगाई की भारी मार; पेट्रोल-डीजल 100 के पार

    भारत की आम जनता ने एक रिकार्ड बनाया है. आम खाने का नहीं बल्कि महंगा पेट्रोल खरीद कर सरकार को कई लाख करोड़ टैक्स देने का रिकार्ड. ये वो रिकार्ड है जो अमरीका की पूरी आबादी नहीं बना सकती. उपभोक्तावादी अमेरिकी लोग इस त्याग को समझ ही नहीं सकते हैं. अमेरिकी लोगों को अपनी सरकार से मंदी के संकट में 220 लाख करोड़ का पैकेज मिला. जिनकी नौकरी नहीं गई है उन्हें भी तीन तीन हज़ार डॉलर का चेक मिला. भारतीय रुपये में दो लाख होता है. परिवार के हर सदस्य को मिला. ऐसे लोगों ने चेक ले भी लिया. आध्यात्मिक भारत के लोगों को ऐसा कुछ नहीं मिला, मिलता भी तो शायद वे ठुकरा देते. क्या पता इसलिए भी सरकार ने नहीं दिया. वक्त आ गया है कि भारत के सभी पेशे के बर्बाद लोग अमेरिका की निंदा करें कि हम बर्बाद हो गए लेकिन हमने तो डोल नहीं लिया. उसकी जगह लोन लिया. भारत को इस हीन भावना से निकलना ही होगा, अमेरिका की निंदा करनी ही होगी. मंत्रियों को भी ट्वीट कर भारत की मिडिल क्लास जनता को इस बात का श्रेय देना चाहिए कि सरकार से कुछ न मांगने के लिए आभार. और तो और आपके सहयोग से प्रेरित होकर हम पेट्रोल और डीज़ल के दाम और बढ़ाएंगे. 

  • प्रकृति का सानिध्य और कोरोना काल

    प्रकृति का सानिध्य और कोरोना काल

    सुनामी रूपी कोरोना काल की इस दूसरी लहर में, मैंने अपने मानसिक दबाब को प्रकृति के नजदीक रखकर कैसे दूर किया? सरकार द्वारा जब पूर्ण लॉकडाउन की तिथि की घोषणा हुई, तो उस समय चारों तरफ बहुत ही भयाभय और पीड़ादायक स्थिति निर्मित हो रही थी, क्योंकि हम सक्षम होकर भी अपने लोगों की मदद नहीं कर पा रहे थे. यह सब देखकर मेरा मन भी काफी विचलित हुआ, जिसके कारण धीरे-धीरे मानसिक तनाव की स्थिति निर्मित हुई और यह हर किसी के साथ स्वाभाविक है क्योंकि इन्सान एक प्राणी है, जो मानवीय संवेदनाओं को भलीभांति महसूस कर सकता है. घर की चार-दीवारी में कैद होकर इन्सान मन ही मन कुंठित होता रहता है और परिणाम मानसिक तनाव की स्थिति निर्मित होती है.

  • अप्रैल-मई के दो महीने, जब जिंदगी की गरिमा ही नहीं बची

    अप्रैल-मई के दो महीने, जब जिंदगी की गरिमा ही नहीं बची

    दो महीने तक आपने देखा कि किसी की ज़िंदगी की कोई गरिमा नहीं बची थी. आम आदमी हो या मुग़ालते में रहने वाले रसूख़दार लोग. सब अस्पताल में बेड खोज रहे थे और ऑक्सीजन का सिलेंडर तक हासिल नहीं कर पा रहे थे. इस अंजाम से गुज़रने के बाद भी अगर आग़ाज़ नया नहीं होगा तो फिर से वही अंजाम होगा. गुजराती अख़बारों और भास्कर समूह ने तमाम राज्यों से मौत के आंकड़े को छिपाने का जो खेल पकड़ा है उसे कुछ अंग्रेज़ी अख़बार भी सीख रहे हैं.

  • सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की टीकाकरण नीति पर उठाए गंभीर सवाल

    सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की टीकाकरण नीति पर उठाए गंभीर सवाल

    क्या आप उन भारतीय वैज्ञानिकों के नाम जानते हैं जिन्होंने भारत में रहते हुए कोरोना के टीके की खोज की? क्या आपने उनका चेहरा देखा है जिस तरह मंगलयान के समय प्रधानमंत्री के साथ इसरो के वैज्ञानिकों को घुलते-मिलते देखा था. गया कि भारतीय वैज्ञानिकों ने टीके की खोज की है लेकिन उन भारतीय वैज्ञानिकों का ज़िक्र मन की बात में नहीं मिलता है.

  • टीका अभ‍ियान कैसे पड़ा फीका?

    टीका अभ‍ियान कैसे पड़ा फीका?

    सवाल चाहें जितने हों, जवाब जवाब की तरह नहीं मिलेगा. हमारे सहयोगी परिमल के सवाल का इतना ही जवाब मिला जो कि जवाब था भी नहीं. अलग-अलग समय पर सरकार के जवाबों को आप पढ़ेंगे तो पता चलेगा कि जवाब देने का मतलब आपको घुमाते रहना है. फरवरी महीने में केंद्रीय बजट में मोदी सरकार कहती है कि टीके की खरीद के लिए 35,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

  • कोरोना संकट में मोदी सरकार की गंभीरता पर सवाल

    कोरोना संकट में मोदी सरकार की गंभीरता पर सवाल

    कुछ छात्र होते हैं जिन्हें पता है कि प्रिंसिपल की डांट पड़ेगी लेकिन उन पर उस डांट का कोई असर नहीं होता. बस वे प्रिंसिपल के सामने डरते हुए खड़े होने का बहाना करते हैं, डांट खाते हैं और छुट्टी के बाद पूरे प्रसंग पर हंसी मज़ाक करते हैं. वापस वही सब करते हैं जिसके लिए डांट पड़ती है. कोविड के मामले में कोर्ट की फटकार सुन रहे अधिकारियों का भी लगता है यही हाल हो गया है.

  • Delhi lockdown: दिल्ली में लॉकडाउन के दौरान क्‍या खुला रहेगा, क्‍या रहेगा बंद और किन्‍हें होगी बाहर निकलने की इजाजत..

    Delhi lockdown: दिल्ली में लॉकडाउन के दौरान क्‍या खुला रहेगा, क्‍या रहेगा बंद और किन्‍हें होगी बाहर निकलने की इजाजत..

    Delhi lockdown timing: कोरोना पर 'लगाम' कसने के लिए दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने पूरी दिल्ली में सोमवार रात 10 बजे से लेकर अगले सोमवार 26 अप्रैल सुबह 5 बजे तक तक संपूर्ण कर्फ्यू लगाया गया है. आइए जानते है संपूर्ण कर्फ्यू के दौरान कौन सी सेवाएं को रहेगी कर्फ्यू से छूट..

  • PM नरेंद्र मोदी ने कहा, "छात्रों ने कोविड-19 के कारण 1 साल गंवाया, लेकिन बहुत कुछ सीखा"

    PM नरेंद्र मोदी ने कहा, "छात्रों ने कोविड-19 के कारण 1 साल गंवाया, लेकिन बहुत कुछ सीखा"

    Pariksha Pe Charcha 2021: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 के कारण छात्रों ने अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण साल तो गंवा दिया, लेकिन इस महामारी के कारण उन्हें बहुत कुछ सीख भी मिली. ‘‘परीक्षा पे चर्चा'' के ताजा संस्करण में डिजिटल माध्यम से छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों से संवाद करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि कोविड-19 ने सभी को विपरीत परिस्थितियों में जीवन जीने की सीख भी दी है.

  • 'परीक्षा पे चर्चा' में बोले PM नरेंद्र मोदी, "परीक्षा जीवन का आखिरी मुकाम नहीं, छोटा सा पड़ाव, बच्चों पर दबाव न बनाएं अभिभावक"

    'परीक्षा पे चर्चा' में बोले PM नरेंद्र मोदी, "परीक्षा जीवन का आखिरी मुकाम नहीं, छोटा सा पड़ाव, बच्चों पर दबाव न बनाएं अभिभावक"

    Pariksha Pe Charcha 2021: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि परीक्षा छात्रों के जीवन में आखिरी मुकाम नहीं, बल्कि एक छोटा सा पड़ाव होता है. इसलिए अभिभावकों या शिक्षकों को बच्चों पर दबाव नहीं बनाना चाहिए. ‘‘परीक्षा पर चर्चा'' के ताजा संस्करण में डिजिटल माध्यम से छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से संवाद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि बच्चों पर बाहर का दबाव कम हो जाता है, तो वे कभी परीक्षा का दबाव महसूस नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण छात्रों ने अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण साल तो गंवा दिया, लेकिन इस महामारी के कारण उन्हें बहुत कुछ सीख भी मिली.

  • PM मोदी आज शाम 7 बजे करेंगे 'परीक्षा पे चर्चा', लाखों छात्र होंगे शामिल

    PM मोदी आज शाम 7 बजे करेंगे 'परीक्षा पे चर्चा', लाखों छात्र होंगे शामिल

    Pariksha Pe Charcha 2021: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 7 बजे बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों के साथ 'परीक्षा पे चर्चा' करेंगे. COVID-19 की स्थिति को देखते हुए, इस साल 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम वर्चुअली आयोजित किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार संवाद कार्यक्रम ‘परीक्षा पे चर्चा' का चौथा संस्करण आयोजित करेंगे. इस कार्यक्रम की शुरुआत साल 2018 में दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम से हुई थी.

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