
- ISRO चेयरमैन डॉ. वी. नारायणन और ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने की प्रेस कांफ्रेंस
- ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने Axiom-4 मिशन में अपने रोल के बारे में बताया
- इसरो चेयरमैन ने अंतरिक्ष में भारत की उपलब्धियों के बारे में बताया
ISRO के चेयरमैन डॉ. वी. नारायणन और ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं में हो रही तेज़ प्रगति और Axiom-4 मिशन की उपलब्धियों पर प्रेस कांफ्रेंस की. कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अपने मिशन के बारे में बात करते हुए कहा कि ये आम आदमी का मिशन है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज भी अंतरिक्ष की दुनिया से भारत सारे जहां से अच्छा दिखता है. दरअसल ये वहीं लाइन है जब 1984 में जब राकेश शर्मा अंतरिक्ष में गए थे, तब इंदिरा गांधी ने उनसे पूछा था कि हिंदुस्तान कैसा दिखता है, जिसके जवाब में राकेश शर्मा ने जवाब दिया था कि "सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा."
#WATCH | Delhi | Group Captain Shubhanshu Shukla says, "... Bharat aaj bhi Antariksh se saare jahaan se achha dikhta hai. Jai Hind, Jai Bharat..." pic.twitter.com/mvq6zoGBqV
— ANI (@ANI) August 21, 2025
शुभांशु शुक्ला ने एक्सिओम मिशन पर क्या बताया
एक्सिओम-4 मिशन पर, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने कहा, "... मैं भारत सरकार, इसरो और अपने सहयोगियों का धन्यवाद करना चाहता हूं. हम फाल्कन 9 यान के ऊपर उड़ान भर रहे थे... क्रू ड्रैगन उन तीन यानों में से एक है जो मनुष्यों को अंतरिक्ष में ले जा सकते हैं. इस मिशन में मेरा पद मिशन पायलट का था, क्रू ड्रैगन में चार सीटें होती हैं. मैं मिशन पायलट था और मुझे कमांडर के साथ काम करना था और क्रू ड्रैगन की प्रणालियों के साथ बातचीत करनी थी... हमें भारतीय शोधकर्ताओं द्वारा परिकल्पित, विकसित और साकार किए गए प्रयोग करने थे।़ और साथ ही STEM प्रदर्शन भी करने थे, फ़ोटो और वीडियोग्राफ़ भी लेने थे..."
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अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला
इसरो अध्यक्ष ने क्या कुछ कहा
इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने कहा, "... प्रधानमंत्री मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद, दक्षिण एशियाई सैटेलाइट का निर्माण किया गया, उसे प्रक्षेपित किया गया और दक्षिण एशियाई देशों को डोनेट किया गया. उनके नेतृत्व में, हमने जी-20 देशों के लिए जी-20 सैटेलाइट का भी निर्माण किया है... 10 साल पहले, अंतरिक्ष क्षेत्र में हमारे पास केवल एक स्टार्टअप कंपनी थी. लेकिन आज, स्पेस की इंडस्ट्री में हमारे पास 300 से अधिक स्टार्टअप हैं... निजी कंपनियों की ओर से भी दो उप-कक्षीय मिशन किए गए हैं..."
इसके साथ ही इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने कहा, "... जीएसएलवी-एफ16 रॉकेट ने 30 जुलाई को सबसे प्रतिष्ठित नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार को पूरी तरह से स्थापित कर दिया. जेपीएल नासा और इसरो द्वारा संयुक्त रूप से छोड़ा गया एक सैटेलाइट... आज, सैटेलाइट पूरी तरह से सही है... अगले 2-3 महीनों में, हम यूएसए का 6500 किलोग्राम का संचार सैटेलाइट लॉन्च करेंगे, जिसे हमारे प्रक्षेपण यान का उपयोग करके लॉन्च किया जाएगा..."
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