'Anupam mishra'

- 25 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • Bollywood | Written by: प्रतिभा गौड़ |शुक्रवार जून 28, 2019 10:33 AM IST
    अनुपम खेर (Anupam Kher) और ईशा गुप्ता (Esha Gupta) स्टारर फिल्म 'वन डे: जस्टिस डिलीवर्ड' (One Day: Justice Delivered) की रिलीजिंग डेट को लेकर अब एक और खबर सामने आई है. खबरों के मुताबिक अब अनुपम खेर की ये फिल्म 5 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज होगी.
  • Blogs | विजय बहादुर सिंह |मंगलवार अप्रैल 11, 2017 09:32 PM IST
    अनुपम का जाना उनके घर-परिवार, स्वयं मेरे लिए भी उतनी बड़ी क्षति नहीं, जितनी इस दुनिया और वर्तमान सभ्यता के लिए है. पुराणों में जो हम भगीरथ आदि युगान्तरकारी महान पुरुषों के बारे में पढ़ते हैं, हमारे आज के जमाने में अनुपम उसी वंश और गोत्र के थे.
  • Blogs | चिन्मय मिश्र |शुक्रवार फ़रवरी 10, 2017 03:58 PM IST
    अनुपम जी का यूं पर्दा कर लेना बहुत भाया नहीं. उन्होंने जीवन में पहली बार कोई मनमानी की. मगर एक बार ऐसा करने का हक तो उन्हें भी है. आसन्न मृत्यु को इतनी सहजता और शांति से ग्रहण करने वाले को क्या संज्ञा दी जा सकती है? उन्हीं से कैंसर की खबर पाकर फोन हाथ में जम सा गया और आंखें सूख गईं. क्योंकि उनमें पानी लाने वाला अब डूब रहा था. मगर विश्वास था कि तूफान भी उनका हौसला तोड़ नहीं पाएगा क्योंकि उनकी तो नदी से दोस्ती है.
  • Blogs | प्रभाष जोशी |बुधवार दिसम्बर 21, 2016 07:44 PM IST
    प्रसिद्ध पर्यावरणविद अनुपम मिश्र पर यह लेख वरिष्ठ पत्रकार प्रभाष जोशी ने 'अपने पर्यावरण का यह अनुपम आदमी' शीर्षक से 1993 में 'जनसत्ता' में लिखा था. इस आलेख को आज 'सत्‍याग्रह' ने प्रकाशित किया है. हम अपने पाठकों के लिए इसे 'सत्‍याग्रह' की अनुमति से प्रकाशित कर रहे हैं.
  • Blogs | Pankaj Shukla |मंगलवार दिसम्बर 20, 2016 04:13 PM IST
    बात कुछ यूं थी कि मैंने पानी पर कुछ कच्‍चा–पक्‍का लिखा था. और सामाजिक विषयों पर काम करने वाली एक संस्‍था को दे दिया था. एक दिन अचानक उनके यहां से फोन आया कि वह इसे प्रकाशित करना चाहते हैं. बस फिर क्‍या था, पानी पर अपनी किताब होगी, इस कल्‍पना के साथ यह संकल्‍प भी बलवती हो गया कि इसकी भूमिका को अनुपम जी ही लिखेंगे. किताब का काम पूरा हुआ. और अनुपम जी को आग्रह प्रस्‍तुत कर दिया गया.
  • Blogs | राकेश दीवान |मंगलवार दिसम्बर 20, 2016 01:48 PM IST
    हमारे समाज को अभी अनुपम की कम से कम 20 साल और ज़रूरत थी, क्योकि जो काम उन्होंने शुरू किया था, अब जाकर समाजों, सरकारों, नीति निर्माताओं और मीडिया ने समझना शुरू किया है... ऐसे समय में अनुपम जैसे लोगों की ज़्यादा ज़रूरत थी, ताकि उनकी पहल मूर्त रूप ले सके...
  • Blogs | सुधीर जैन |मंगलवार दिसम्बर 20, 2016 01:34 PM IST
    उनके लिए कोई उपमा नहीं सोची जा सकती. वह वाकई अनुपम थे. उनसे मेरी पहचान प्रभाष जोशी ने करवाई थी. सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट के लिए भारतीय जल प्रबंधन पर शोध के सिलसिले में अनुपम जी से पहली मुलाकात हुई, और फिर उनसे राग हो गया.
  • Blogs | राकेश कुमार मालवीय |मंगलवार दिसम्बर 20, 2016 12:32 PM IST
    अनुपम हमारे लिए बहुत कुछ छोड़ गए हैं. एक जीवनशैली, एक लेखनशैली, एक विचारशैली, एक व्यक्तित्वशैली. वह हमें इस दौर में भी कभी निराश नहीं करते. हमेशा उम्मीद बंधाते हैं.
  • Blogs | रवीश कुमार |सोमवार दिसम्बर 19, 2016 09:43 PM IST
    सोचा नहीं था कि जिनसे ज़िंदगी का रास्ता पूछता था, आज उन्हीं के ज़िंदगी से चले जाने की ख़बर लिखूंगा. जाने वाले को अगर ख़ुद कहने का मौका मिलता तो यही कहते कि अरे मैं कौन सा बड़ा शख़्स हूं कि मेरे जाने का शोक समाचार दुनिया को दिया जाए.
  • Blogs | रवीश कुमार |सोमवार दिसम्बर 19, 2016 09:57 PM IST
    अनुपम मिश्र को खूब पढ़ा है. तीन-चार किताबों को कई बार पढ़ा है. जब भी किताबों से धूलों की विदाई करता हूं, एक बार याद कर लेता हूं. जब भी लगता है कि भाषा बिगड़ रही है तो 'गांधी मार्ग' और 'आज भी खरे हैं तालाब' पढ़ लेता था. उनकी भाषा हिंसा रहित भाषा थी, चिन्ता रहित भाषा थी, आक्रोश रहित भाषा थी. हम सबकी भाषा में यह गुण नहीं हैं. इसीलिए वे अनुपम थे, हम अनुपम नहीं हैं. वे चले गए हैं.
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