एक आवाज़ जो हमारे बीच से चली गई है हम आपको उस आवाज़ तक फिर से ले जाना चाहते हैं. इससे पहले कि हम शुद्ध हवा के भी पैसे देने लगें, उस आदमी की बात सुन लेते हैं जो हमें पानी को लेकर याद दिलाता रहा. बताता रहा कि हमने पानी के साथ नाइंसाफी की है. पानी ही ख़त्म नहीं किया, बल्कि अपनी स्मृतियों को भी मिटा दिया है. सोमवार सुबह हमने अनुपम मिश्र को खो दिया. कहने वाले तो यह भी कहते हैं कि भारत में पर्यावरण को लेकर काम करने वाले चोटी के पांच लोगों में से एक थे.