भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने आज रेफरी वीरेंदर मलिक को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है। मलिक को ग्लास्गो में कल संपन्न राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान कथित यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने आज दागी अधिकारी को निलंबित करने का फैसला किया, लेकिन उनके प्रतिबंध को स्थायी करने से पहले महासंघ स्काटलैंड यार्ड पुलिस की विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार करेगा।
डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा, 'मलिक की गिरफ्तारी की खबर कल आई और रविवार होने से कार्यालय बंद होने के कारण मलिक को निलंबित करने का फैसला डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ने आज लिया। अध्यक्ष ने आज सबसे पहले मलिक के खिलाफ तुरंत प्रभाव ने निलंबन आदेश जारी किया।'
उन्होंने कहा, 'उनके निलंबन को अंतिम रूप देने से पहले हालांकि हमें जांच रिपोर्ट का इंतजार है। रिपोर्ट मिलने के बाद अगर हम संतुष्ट होते हें कि उनके खिलाफ आरोप सही हैं जो हम उन्हें सभी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं से स्थायी तौर पर निलंबित कर देंगे।' तोमर ने कहा कि डब्ल्यूएफआई अपनी ओर से सुनिश्चित करना चाहेगा कि मलिक असल में दोषी हैं।
तोमर ने कहा, 'हमें नहीं पता कि ग्लास्गो में क्या हुआ? उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने से पहले हमें सुनिश्चित करना होगा कि उसके खिलाफ लगाए सभी आरोप सही हैं।' डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव ने कहा कि महिला इससे पहले भी कुश्ती रैफरी के तौर पर कई देशों में जा चुके हैं, लेकिन कभी उनके खिलाफ इस तरह की शिकायत नहीं की गई।
तोमर ने कहा, 'हाल में वह एक प्रतियोगिता में रेफरी के तौर पर स्लोवाकिया गया था, लेकिन ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली। अगर हमें इस तरह की कोई बात पता होती तो हम उसे किसी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए नहीं भेजते।' मलिक के अलावा भारतीय ओलंपिक संघ के महासचिव राजीव मेहता को भी कथित तौर पर खराब पीकर गाड़ी चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
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