- संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से शुरू होगा और 19 दिसंबर तक चलेगा
- इस सत्र में केंद्र सरकार कई अहम बिल को पास कराने का प्रयास करेगी
- मॉनसून सत्र के दौरान SIR के मुद्दे पर विपक्ष ने काफी हंगामा किया और कार्यवाही काफी बाधित हुई थी
संसद का शीतकालीन सत्र का ऐलान हो गया है. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस बारे में एक्स पोस्ट के जरिए जानकारी दी है. रिजिजू ने बताया सत्र 1 दिसंबर से 19 दिसंबर तक चलेगा.
रिजिजू ने एक्स पर पोस्ट के जरिए बताया है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सरकार के शीतकालीन सत्र के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. उन्होंने आगे लिखा है कि उन्हें शीतकालीन सत्र के रचनात्मक और सार्थक होने की आशा है. उन्होंने कहा कि जो हमारे लोकतंत्र को मजबूत करेगा और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगा.
छोटा होगा सत्र
संसद का ये सत्र अन्य सत्रों के मुकाबले छोटा होगा. इस सत्र में बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों का दिखेगा. देश के 12 राज्यों और यूटी में चल रहे मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान एसआईआर के दूसरे चरण को लेकर विपक्ष का विरोध दिख सकता है. इसके अलावा मतदाता सूची में गड़बड़ियों को लेकर भी विपक्ष साध सकता है निशाना.
सरकार अहम बिल पास कराने का करेगी प्रयास
संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार कई महत्वपूर्ण बिल पारित कराने का करेगी प्रयास. इनमें संविधान में 129वां, 130वां संशोधन बिल, जन विश्वास बिल, इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बिल आदि शामिल हैं. इससे पहले 2013 में छोटा शीतकालीन सत्र हुआ था. पांच दिसंबर से 18 दिसंबर तक केवल 14 दिन चले इस सत्र में 11 बैठकें ही हुईं थीं.
गौरतलब है कि संसद का मॉनसून सत्र काफी हंगामेदार रहा था. 20 दिनों तक इंडिया ब्लॉक से जुड़े विपक्षी दलों ने SIR के मुद्दे पर काफी हंगामा किया था. इस बार भी विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेर सकता है. पिछले सत्र में लोकसभा से लेकर राज्यसभा में कार्यवाही काफी बाधित रही थी.
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