विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप जीतने की कोशिश करूंगा: टोक्यो में गोल्ड मेडल जीतने के बाद नीरज चोपड़ा ने NDTV से कहा...

Neeraj Chopra Gold Medal : नीरज चोपड़ा ने कहा, 2019 का साल चोट के कारण मेरा बेकार चला गया. लेकिन मेरा फोकस हमेशा ओलंपिक पर ही था. वर्ष 2020 में वो ट्रैक में वापस लौटे. टोक्यो ओलंपिक कुछ महीने टाले जाने से भी उनके कार्यक्रम में कोई खलल नहीं पड़ा.

नई दिल्ली:

Neeraj Chopra Interview : टोक्यो ओलंपिक में जेवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीतकर भारत को गौरवान्वित करने वाले नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra Wins Gold Medal) ने कहा है कि उन्होंने फाइनल को लेकर अपने ऊपर जरा सा भी दबाव महसूस नहीं किया. नीरज चोपड़ा ने पुरुषों के जेवेलिन थ्रो फाइनल में जबरदस्त प्रदर्शन के साथ इतिहास रच दिया. उनके 87.58 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास ने भारत को ओलंपिक खेलों में एथलेटिक्स में अपना पहला स्वर्ण पदक जीतने में मदद की. 23 वर्षीय ने इतनी आसानी से फाइनल जीता कि 11 अन्य प्रतियोगियों में से कोई भी उनके 87.03 मीटर के दूसरे सर्वश्रेष्ठ थ्रो के करीब नहीं आ सका. नीरज चोपड़ा ने 2018 में एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता था. उन्होंने कहा कि वह अब अपना ध्यान विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में खिताब जीतने पर केंद्रित करेंगे. एनडीटीवी के साथ एक विशेष बातचीत में चोपड़ा ने कहा कि वह अगले विश्व चैंपियनशिप के पूरा दम-खम लगा देंगे, जो अगले साल यूजीन यूएस में होने वाला है.

ओलिंपिक के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि दो बार भाला फेंकने (Tokyo Olympics Men's Javelin Throw Final ) के बाद पदक को लेकर निश्चिंत होने के सवाल पर नीरज चोपड़ा ने कहा कि थोड़ा तय तो था, लेकिन वो कोशिश करते हैं कि जब तक फाइनल रिजल्ट न आ जाए तब तक वो 100 फीसदी फोकस अपने लक्ष्य पर रखें.

नीरज चोपड़ा के गोल्ड मेडल जीतते ही बना नया रिकॉर्ड, 125 साल के इतिहास में पहली बार ओलंपिक में भारत को 7 मेडल

इतनी कम उम्र में रोल मॉडल होने और साथी खिलाड़ियों के साथ सहयोग के प्रश्न पर नीरज चोपड़ा ने कहा कि हम साथ में खेल रहे हैं. आपस में एक दूसरे का हौसला बढ़ाना चाहिए. कभी कभी किसी खिलाड़ी का दिन नहीं होता है, उनके साथ खेले बड़े खिलाड़ियों के अच्छा प्रदर्शन न करने का उन्हें दुख भी हुआ.

चोपड़ा ने कहा कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट खेलने का पहले से अनुभव था, इसलिए उनके ऊपर किसी तरह का दबाव नहीं आय़ा. 23 साल के नीरज चोपड़ा पहले ऐसे भारतीय हैं, जिन्होंने एथलेटिक्स में गोल्ड मेडल जीता है. 87.58 मीटर दूर भाला फेंककर रिकॉर्ड कायम करने वाले नीरज चोपड़ा ने एक वर्चुअल प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि पहली बार में ही 87.03 मीटर दूर जेवलिन थ्रो कर उनका आत्मविश्वास और बढ़ गया. उसके बाद उनके दिमाग में ओलंपिक का 90.57 मीटर का रिकॉर्ड भी घूमने लगा.

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नीरज चोपड़ा का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी 88.07 मीटर था. लिहाजा वो ओलंपिक रिकॉर्ड को ध्वस्त करने के बारे में सोचना लगे. चोपड़ा ने कहा, आपको अंदाजा नहीं है कि आज मैं कितना खुश हूं, चोट लगने के कारण यह समय मेरे लिए काफी मुश्किल था. उसके बाद मेरी सफल सर्जरी हुई. 2019 का साल चोट के कारण मेरा बेकार चला गया. लेकिन मेरा फोकस हमेशा ओलंपिक पर ही था. वर्ष 2020 में वो ट्रैक में वापस लौटे. टोक्यो ओलंपिक कुछ महीने टाले जाने से भी उनके कार्यक्रम में कोई खलल नहीं पड़ा.