Kota News: कोटा में कोचिंग स्टूडेंटस की आई कमी को लेकर राजस्थान सरकार के यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बड़ा बयान दिया है. कोटा में मंत्री ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा है कि कोटा में कोचिंग में कमी आने का सबसे बड़ा कारण यहां नशे का फैला हुआ जाल है. उसके कारण बाहर के राज्यों से आने वाले स्टूडेंट्स में आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ी है. कोटा के प्रति दूसरे राज्यों के पेरेंट्स के मन में कुछ संदेह उत्पन्न हुआ और उन्होंने नए कोचिंग हब की तरफ अपने बच्चों को भेजने में ज्यादा रुचि दिखाई. यह इसका मूल कारण है.
यूडीएच मंत्री ने कहा कि पिछले दिनों आपने देखा होगा राजस्थान पुलिस ने महाराष्ट्र पुलिस से मिलकर झुंझुनू जिले में 100 करोड़ रुपए की नशे की फैक्ट्री का पता लगाकर उसकी नेस्तनाबूद किया है. कोटा सहित पूरे प्रदेश में नशे के खिलाफ प्रभावी अभियान शुरू किया है उसके माध्यम से हमारा प्रयास यह है कि जो दाग कोटा के माथे पर लगा वह पुलिस और प्रशासन के सहयोग से दूर कर कोटा वापस अपने वैभव को प्राप्त करें.
ढाई लाख की कोचिंग स्टूडेंट्स की संख्या अब 1 लाख के अंदर
साल 2023 से पहले कोटा में मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आने वाले स्टूडेंट्स की संख्या ढाई लाख के करीब थी लेकिन साल दर साल कोचिंग स्टूडेंट्स की तादाद में गिरावट दर्ज की गई सैकड़ो हॉस्टल खाली हो गए. कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल ने बताया कि कोटा में साल 2022-23 में 214000 स्टूडेंट्स कोटा में थे इसके बाद साल 2023-24 में स्टूडेंट्स की संख्या घटकर 1 लाख 74000 रह गई.
2 साल में कोटा में हॉस्टल इंडस्ट्रीज को बड़ा झटका लग सकता है
साल 2024-25 सत्र में कोटा में 122000 स्टूडेंट्स प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए आए, संख्या में लगातार गिरावट आई गई और साल 2025-26 में 87000 स्टूडेंट्स कोटा में है. मित्तल ने बताया कि हर साल 25 से 30% स्टूडेंट्स की संख्या में गिरावट आ रही है. ऐसे में आशंका है कि आने वाले 2 साल में कोटा में हॉस्टल इंडस्ट्रीज को बड़ा झटका लग सकता है . उन्होंने कहा कि कोटा में हॉस्टल संचालकों पर करीब 2000 करोड़ का कर्ज है बैंकों के लोन का.
करीब 4000 हॉस्टल कोटा में हैं. इनमें ढाई लाख कमरे हैं. करीब 30 से 40 हजार पीजी है. 10000 फ्लैट हैं. कुल मिलाकर कोटा में 5 लाख रूम विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं लेकिन संख्या में लगातार गिरावट दर्ज होने से अर्थव्यवस्था पर भी बड़ा फर्क पड़ा है.
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