
नीतीश कुमार ने कहा है कि वे केंद्र के नोटबंदी के फैसले का समर्थन जारी रखेंगे (पीएम मोदी और नीतीश कुमार-फाइल फोटो).
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नोटबंदी को साधारण नहीं बल्कि बड़ा कदम मानते हैं नीतीश कुमार
नोटबंदी के कारण अर्थव्यवस्था में मंदी आने की बात स्वीकार की
कहा, फिलहाल यूनिफार्म सिविल कोड के लिए माहौल नहीं
सोमवार की शाम को भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ घंटों मंथन करने के बाद नीतीश ने फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि नोटबंदी कोई साधारण कदम नहीं बल्कि बड़ा कदम मानते हैं और इरादे ठीक लगते हैं ...और अब 50 दिनों से ज्यादा 70 दिन होने को आए. प्रधानमंत्री को इस कदम के बाद जो अच्छी बातें हुई हैं उसके बारे में देश के लोगों को बताना चाहिए. हालांकि नीतीश ने पहली बार माना कि नोटबंदी के कारण अर्थव्यवस्था में मंदी आई है. उन्होंने कहा कि केंद्र को इसके कारण जितने लोग बेरोजगार हुए हैं या जिन्हें आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है उनकी भरपाई करनी चाहिए.
पीएम मोदी से करीबी को लेकर लगाए जा रहे कयासों को लेकर नीतीश कुमार ने अपने समर्थकों और नेताओं से साफ कहा कि लोग बेवजह राजनैतिक कयास लगाने लगते हैं. उन्हें जो अच्छा लगता है उसे अच्छा कहने में हिचकते नहीं, लेकिन लोग इसे राजनैतिक मिलन से जोड़ने लगते हैं. नीतीश ने कहा कि 'वे यह भूल जाते हैं कि जब मैं बीजेपी के साथ सरकार चला रहा था तब मनमोहन सिंह की सरकार जीएसटी लाई थी. तब मैंने समर्थन किया, जबकि बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री इसका विरोध कर रहे थे.' इसी तरह नीतीश ने याद दिलाया कि राष्ट्रपति के चुनाव में उन्होंने प्रणब बाबू का समर्थन किया था.
नीतीश ने जहां एक और नोटबंदी पर समर्थन जारी रखने की घोषणा की वहीं यूनिफार्म सिविल कोड के लिए राष्ट्रीय विधि आयोग द्वारा राज्यों से राय मांगे जाने पर आपत्ति जाहिर की. नीतीश ने साफ कहा कि यह बिलकुल गलत है और फिलहाल इसके लिए माहौल नहीं है. उन्होंने कहा कि सभी सामाजिक संगठनों से विचार विमर्श करने के लिए केंद्र सरकार को सलाह दी है और कहा है कि राज्यों को जिस तरह प्रश्नावली भेजकर राय मांगी गई है, वह उचित नहीं है. राज्यों के साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है जैसे हम किसी परीक्षा में बैठे हों और वहां हां या न में जवाब देना है. नीतीश ने केंद्र को सलाह दी कि हमारे समाज में जो विभिन्नता है उसे खत्म करने की कोशिश न करें. पहले नीतीश कुमार ने कैबिनेट से केंद्र की प्रश्नावली को खारिज कर दिया था.
नीतीश कुमार ने इस बैठक में कर्पूरी ठाकुर के बहाने बीजेपी की जमकर आलोचना यह कहते हुए की कि जिन लोगों ने कर्पूरी के जिंदा रहने पर उनका विरोध किया, अब उनकी जयंती माना रहा हैं. इसका मतलब है कि थक हारकर उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया. हम लोगों की बहुत बड़ी जीत है. नीतीश कुमार ने शराबबंदी के मुद्दे पर बिहार बीजेपी के नेताओं की आलोचना पर कहा कि अब वे प्रधानमंत्री से आग्रह करेंगे कि उनके नेताओं का मन ठीक नहीं हो रहा है इसलिए सभी बीजेपी शासित राज्यों में शराबबंदी लागू कर दीजिए. नीतीश ने शराबबंदी के मुद्दे पर मानव श्रृंखला में बच्चों की भागीदारी पर बीजेपी नेताओं द्वारा की गई आलोचना का जवाब देते हुए कहा की जब वे आरएसएस की शाखा में लेकर जाते हैं तब उन्हें खराब नहीं लगता लेकिन अगर अच्छे कामों के लिए बच्चे आगे आए तब उन्हें विरोध का मुद्दा दिखता है.
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