नयी दिल्ली:
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान के बेटे अब्दुल्ला आज़म ख़ान इस बार के विधानसभा चुनाव से अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत कर रहे हैं. अब्दुल्ला रामपुर के 5 निवार्चन क्षेत्रों में से एक स्वार सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. अब्दुल्ला रामपुर की जौहर यूनिवर्सिटी के सीईओ भी हैं.
अब्दुल्ला कहते हैं कि 2014 के बाद 2017 तक काफ़ी कुछ बदल गया है. नौजवान को तरक्की और सुरक्षा चाहिए और इसी मुद्दे पर हम आगे बढ़ रहे हैं. उनका कहना है इस बार के चुनाव में मुस्लिम वोट निर्णायक होंगे.
अब्दुल्ला स्वार टांडा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की पूर्व सांसद बेगम नूरबानो के बेटे नवाब काजिम अली खान उर्फ नावेद मियां के खिलाफ चुनाव मैदान में है. नावेद लगातर स्वार टांडा से चुनाव जीतते आए हैं. वहीं इस सीट से भाजपा के लक्ष्मी सैनी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
अब्दुल्ला कहते हैं कि 2014 के बाद 2017 तक काफ़ी कुछ बदल गया है. नौजवान को तरक्की और सुरक्षा चाहिए और इसी मुद्दे पर हम आगे बढ़ रहे हैं. उनका कहना है इस बार के चुनाव में मुस्लिम वोट निर्णायक होंगे.
अब्दुल्ला स्वार टांडा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की पूर्व सांसद बेगम नूरबानो के बेटे नवाब काजिम अली खान उर्फ नावेद मियां के खिलाफ चुनाव मैदान में है. नावेद लगातर स्वार टांडा से चुनाव जीतते आए हैं. वहीं इस सीट से भाजपा के लक्ष्मी सैनी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
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