रीता बहुगुणा जोशी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
67 साल की रीता बहुगुणा जोशी, लखनऊ कैंट विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक थीं. लेकिन कांग्रेस को अलविदा कर अब वह बीजेपी में शामिल हो गई हैं और अब वह बीजेपी उम्मीदवार है. जोशी यूपी में एक प्रमुख राजनीतिक परिवार में से हैं. वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय में इतिहास की प्रोफेसर भी हैं.
कांग्रेस में अपने 24 साल के करियर में जोशी पार्टी के कई अहम पद संभाल चुकी हैं. वह पार्टी की महिला शाखा की प्रमुख और यूपी प्रमुख रह चुकी हैं. वह इलाहबाद की मेयर का पद भी संभाल चुकी हैं. 2014 के चुनाव में जोशी ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह के खिलाफ लखनऊ संसदीय सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
जोशी के बीजेपी में शामिल होने के पीछे एक बड़ा कारण यूपी में ब्राहमण वोट को अपने पक्ष में करना माना जा रहा हैं. राहुल गांधी के उत्तराखंड दौरे के बाद जोशी ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. जोशी के पिता हेमवती नंदन बहुगुणा कांग्रेस पार्टी से सीएम रह चुके हैं. रीता बहुगुणा के बड़े भाई विजय बहुगुणा भी उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं. विजय बहुगुणा भी अब कांग्रेस को अलविदा कहकर बीजेपी से जुड़ चुके हैं.
2008 में जोशी ने यूपी कांग्रेस प्रमुख का पद संभाला, लेकिन 2012 में पार्टी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इस दौरान समाजवादी पार्टी ने चुनाव जीता, जिसमें कांग्रेस 403 सीटों में से केवल 29 सीटें जीतकर चौथे स्थान पर रही थी.
कांग्रेस में अपने 24 साल के करियर में जोशी पार्टी के कई अहम पद संभाल चुकी हैं. वह पार्टी की महिला शाखा की प्रमुख और यूपी प्रमुख रह चुकी हैं. वह इलाहबाद की मेयर का पद भी संभाल चुकी हैं. 2014 के चुनाव में जोशी ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह के खिलाफ लखनऊ संसदीय सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
जोशी के बीजेपी में शामिल होने के पीछे एक बड़ा कारण यूपी में ब्राहमण वोट को अपने पक्ष में करना माना जा रहा हैं. राहुल गांधी के उत्तराखंड दौरे के बाद जोशी ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. जोशी के पिता हेमवती नंदन बहुगुणा कांग्रेस पार्टी से सीएम रह चुके हैं. रीता बहुगुणा के बड़े भाई विजय बहुगुणा भी उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं. विजय बहुगुणा भी अब कांग्रेस को अलविदा कहकर बीजेपी से जुड़ चुके हैं.
2008 में जोशी ने यूपी कांग्रेस प्रमुख का पद संभाला, लेकिन 2012 में पार्टी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इस दौरान समाजवादी पार्टी ने चुनाव जीता, जिसमें कांग्रेस 403 सीटों में से केवल 29 सीटें जीतकर चौथे स्थान पर रही थी.
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