बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बीजेपी से एक बार फिर से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की है. रोहतास में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के सामने तेजस्वी ने ये मांग की. रोहतास जिले में झारखंड से जोड़ने वाले पुल के शिलान्यास के मौके पर बिहार बीजेपी अध्यक्ष डॉक्टर संजय जायसवाल ने अपने भाषण में कहा कि बिहार जो भी मांगेगी, केंद्र उसे पूरा करेगा. इसके बाद तेजस्वी यादव ने उसे आधार बनाकर बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जा की मांग कर दी. उन्होंने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा हर बिहारवाली के लिए जरूरी है.
इसी कार्यक्रम में तेजस्वी यादव ने नितिन गडकरी की खुलकर तारीफ की. यादव ने कहा, 'केंद्र में गडकरी जैसे मंत्री और होने चाहिए. जब तक आप मंत्री हैं, तब तक मुझे सोचने की जरूरत नहीं है.' बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने नितिन गडकरी की तारीफ करते हुए कहा, 'मैं आपकी कार्यशैली का कायल हूं. मैं आपसे बहुत कुछ सीखता हूं.'
उन्होंने कहा, 'नितिन गडकरी एक विकासशील और प्रगतिशील सोच के व्यक्ति हैं. केंद्र में अगर सभी मंत्री गडकरी की तरह हो जाएं, तो विकास का काम तेजी से होगा.' तेजस्वी ने आगे कहा, 'नितिन गडकरी पहले से ही बिहार पर विशेष ध्यान दे रहे हैं. वे जब तक मंत्री हैं तब तक मुझे बिहार के विकास को लेकर सोचने की जरुरूत नहीं है.'
बिहार के रोहतास में सोन नदी पर पण्डुका के पास 210 करोड़ रुपए की लागत से 1.5 किमी लंबाई के 2-लेन उच्चस्तरीय आर.सी.सी. पुल के निर्माण कार्य का उपमुख्यमंत्री श्री @yadavtejashwi जी, बिहार भाजपा के अध्यक्ष श्री @sanjayjaiswalMP जी,... pic.twitter.com/wBqrDZ9Bg5
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) November 14, 2022
इससे पहले तेजस्वी यादव ने 10 नवंबर को अपने जन्मदिन पर भी बीजेपी से गिफ्ट के तौर पर बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की थी. उन्होंने कहा था, 'राज्य की 12 करोड़ जनता में वे भी शामिल हैं. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना बहुत जरूरी है. इससे राज्य की युवा आबादी को फायदा होगा.'
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करीब-करीब हर मौकों पर बिहार के लिए स्पेशल स्टेटस की मांग करते आए हैं. हाल ही में मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेष राज्य के दर्जे के लिए हमलोगों ने बड़ा अभियान चलाया है. कई जगहों पर सभाएं हुई हैं, कितनी बैठकें हुईं. हमलोग अपनी मांग रखे ही हुए हैं. नीति आयोग की रिपोर्ट में भी बिहार को सबसे पिछड़ा बताया गया है. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने से यही फायदा होगा कि केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं में केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी 90:10 के अनुपात में होगी. अभी 60:40, तो कहीं–कहीं 50:50 है. इससे राज्य का जो पैसा बचेगा, वह विकास के और कामों में लगेगा. कुल मिलाकर आज जो स्थिति है, उससे बहुत तेजी से राज्य आगे बढ़ेगा.
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