मनिका बत्रा ओलिंपिक दल में भारतीय दल की सदस्य थीं
खास बातें
- नंबर-1 खिलाड़ी के साथ ऐसा बर्ताव क्यों?
- आखिर मनिका बत्रा की गलती क्या है?
- नवसिखिया बर्ताव क्यों कर रहा टेटे फेडरेशन?
नयी दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने टेबल टेनिस फेडरेशन ऑफ इंडिया के उस नियम पर अंतरिम रोक लगा दी है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के लिए चुने जाने के लिए राष्ट्रीय कोचिंग शिविर में भाग लेना अनिवार्य होता है. हाईकोर्ट ने केंद्र को बत्रा द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच करने के आदेश दिए हैं. हाईकोर्ट ने केंद्र को चार सप्ताह की अवधि के भीतर जांच करने को कहा, जिसकी रिपोर्ट अदालत के समक्ष रखी जाएगी. हाईकोर्ट ने कहा है कि जांच करते समय, केंद्र इस बात पर भी विचार करेगा कि क्या फेडरेशन के मामलों में किसी और जांच की आवश्यकता है. मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी. वहीं केंद्र का कहना था कि उम्मीदवारों के चयन के लिए योग्यता ही एकमात्र मानदंड होना चाहिए और शिविर में भाग लेने या न जाने से भारत अपने सर्वश्रेष्ठ एथलीट को आगे भेजने से नहीं रोकेगा. पिछली बार दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि मनिका बत्रा सर्वोच्च रैंकिंग वाली खिलाड़ी है और इनकी मांग पर खेल मंत्रालय को विचार करना चाहिए. वहीं दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए खेल मंत्रालय को 2 दिन के अंदर हाई कोर्ट को बताने के लिए कहा था कि उन्होंने मनिका बत्रा के मामले में क्या फैसला लिया है