भारतीय वेटलिफ्टर लवप्रीत सिंह (Lovepreet Singh) ने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों (Birmingham Commonwealth Games) में बुधवार को पुरुषों के 109 किलो वर्ग में तीसरा स्थान हासिल करते हुए ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया है. पंजाब के 24 साल के भारोत्तोलक ने कुल 355 किग्रा का वजन उठाया. इसमें लवप्रीत ने क्लीन एवं जर्क में 192 किग्रा का भार उठाकर नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी अपने नाम किया जिससे वह पोडियम (Birmingham 2022) में तीसरे स्थान पर रहे. उन्होंने स्नैच में 163 किग्रा का वजन उठाया. ये राष्ट्रमंडल खेलों 2022 (Commonwealth Games 2022) में भारत के लिए 14वां मेडल है.
LOVEPREET WINS BR????NZE !!
— SAI Media (@Media_SAI) August 3, 2022
The weightlifting contingent is giving us major MEDAL moments at #CommonwealthGames2022????
Lovepreet Singh bags Bronze???? in the Men's 109 Kg category with a Total lift of 355 Kg
Snatch- 163Kg NR
Clean & Jerk- 192Kg NR
Total - 355kg (NR) pic.twitter.com/HpIlYSQxBZ
कैमरून के जूनियर नयाबेयेयू ने कुल 361 किग्रा के भार से स्वर्ण पदक जबकि समोआ के जैक ओपेलोगे ने 358 किग्रा वजन उठाकर रजत पदक हासिल किया.
पूर्व राष्ट्रमंडल जूनियर चैम्पियन लवप्रीत सिंह ने जीत के बाद कहा, “अंतरराष्ट्रीय मंच पर यह मेरी पहली बड़ी प्रतियोगिता थी और मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर एक पदक जीता. मैं इससे बहुत खुश हूं.”अमृतसर में एक दर्जी के बेटे लवप्रीत अपने पिता के पेशे से जुड़ सकते थे लेकिन उनका परिवार उन्हें खिलाड़ी बनाना चाहता था. इससे उनका खेलों का सफर 13 साल की उम्र में डीएवी मैदान में ट्रेनिंग के साथ शुरू हुआ.
उन्होंने कहा, “किसी भी अन्य खिलाड़ी की तरह मुझे भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा जिसमें वित्तीय बाधाएं भी शामिल हैं लेकिन मेरे माता-पिता ने सुनिश्चित किया कि मैं आगे बढ़ता रहूं.”
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इस हैवीवेट भारोत्तोलक का जीवन 2015 में भारतीय नौसेना से जुड़ने के बाद बदल गया और वह पटियाला में राष्ट्रीय शिविर से जुड़ गए.
उन्होंने 2017 राष्ट्रमंडल जूनियर चैम्पियनशिप जीतने के बाद इसी साल एशियाई जूनियर चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता. पहले ही राष्ट्रमंडल खेलों में उनके स्नैच और क्लीन एंड जर्क दोनों में सभी प्रयास सफल रहे जिससे उनकी सहनशक्ति का अंदाजा हो जाता है.
उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरी पहली बड़ी प्रतियोगिता थी तो निश्चित रूप से मैं दबाव में था. लेकिन पहले प्रयास के बाद दबाव थोड़ा कम हुआ और धीरे धीरे मैं सुधार करता रहा. ''
वह तीन किलोग्राम से रजत पदक से चूक गए, इस पर लवप्रीत ने कहा, ‘‘मैंने इसके लिए चुनौती दी लेकिन प्रतिस्पर्धा कड़ी थी. यह मेरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा. ''
उन्होंने कहा, ‘‘यह पदक मैं अपने सभी कोचों, परिवार, माता पिता और देशवासियों को समर्पित करता हूं."
भारत ने अब तक भारोत्तोलन में नौ पदक जीत लिए हैं जिसमें तीन स्वर्ण पदक शामिल हैं.
(भाषा के इनपुट के साथ)
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