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Deepfake वीडियो से शेयर मार्केट स्कैम, मुंबई पुलिस ने चीन से जुड़ी साजिश का किया पर्दाफाश

जांच में सामने आया कि इस पूरे नेटवर्क के तार कर्नाटक और चीन तक जुड़े हुए हैं. पुलिस ने फेसबुक से मिले डेटा के आधार पर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

Deepfake वीडियो से शेयर मार्केट स्कैम, मुंबई पुलिस ने चीन से जुड़ी साजिश का किया पर्दाफाश
मुंबई:

मुंबई साइबर पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो बिजनेस न्यूज़ चैनलों के मशहूर शेयर एक्सपर्ट और एंकर के डीपफेक वीडियो बनाकर लोगों को फर्जी निवेश में फंसा रहे थे.पुलिस के मुताबिक इस गैंग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे Facebook और Instagram पर डीपफेक वीडियो बनाकर शेयर मार्केट इन्वेस्टमेंट के नाम पर विज्ञापन (Ads) चलाए, जिनमें असली एक्सपर्ट की शक्ल और आवाज़ का गलत इस्तेमाल किया गया था. इन वीडियो के ज़रिए आम लोगों को यह भरोसा दिलाया गया कि वे किसी बड़े शेयर मार्केट गुरु के साथ निवेश कर रहे हैं, जबकि हकीकत में यह एक सुनियोजित साइबर फ्रॉड था.

ऐसे हुआ खुलासा

सेबी (SEBI) से रजिस्टर्ड एक नामी शेयर मार्केट एनालिस्ट ने साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने बताया कि उनके असली वीडियो का इस्तेमाल कर डीपफेक टेक्नॉलॉजी के ज़रिए नकली वीडियो बनाए गए और सोशल मीडिया पर फैलाए गए. इन वीडियो में उन्हें एक फर्जी ट्रेडिंग ऐप और इन्वेस्टमेंट लिंक को प्रमोट करते दिखाया गया ताकि लोग उसमें पैसे लगाएं और बाद में ठगी का शिकार बनें.

शिकायत के आधार पर मुंबई साइबर पुलिस (पश्चिम विभाग) ने एफआईआर नं. 293/2025 दर्ज की है. इसमें भारतीय दंड संहिता (BNS) की कई गंभीर धाराएं धारा 318(4), 319(2), 336(2), 356(2) और साथ ही आईटी एक्ट की धारा 66(क), 66(ड) लगाई गई हैं.

पुलिस की सटीक कार्रवाई

जांच में सामने आया कि इस पूरे नेटवर्क के तार कर्नाटक और चीन तक जुड़े हुए हैं. पुलिस ने फेसबुक से मिले डेटा के आधार पर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों की पहचान जिजिल सैबिस्टयन, दिपायन तपन बनर्जी, डेनियल अरुमुधम, चंद्रशेखर भीमसेन नाइक के रूप में की गई है. पुलिस के अनुसार ये चारों आरोपी “Valuelip India Services Pvt. Ltd.” नाम की डिजिटल मार्केटिंग कंपनी से जुड़े थे.पुलिस का कहना है कि इन लोगों ने बिना किसी वैरिफिकेशन के अपने फेसबुक Ad IDs का बेकायदेशीर एक्सेस चीन के साइबर अपराधियों को बेचा.उन विदेशी अपराधियों ने इन अकाउंट्स का इस्तेमाल फेक वीडियो प्रमोट करने और लोगों को शेयर मार्केट इन्वेस्टमेंट के नाम पर फंसाने के लिए किया.जांच में यह भी सामने आया कि आरोपियों को इस ग़ैरक़ानूनी एक्सेस के बदले करीब 3 करोड़ रुपये मिले, जिनमें भारतीय और दुबई की मुद्रा दोनों शामिल हैं.

डीपफेक स्कैम का ट्रिक

जांच में पता चला है कि सबसे पहले ठग सोशल मीडिया पर डीपफेक वीडियो बनाकर किसी जाने-माने फाइनेंशियल एक्सपर्ट की छवि में निवेश की सलाह देते हैं.लोग इन वीडियो पर भरोसा करके बताए गए लिंक पर जाते हैं और WhatsApp या Telegram ग्रुप्स से जुड़ जाते हैं. इन ग्रुप्स में उन्हें “शेयर खरीदो, मुनाफा पाओ” जैसी बातें बताई जाती हैं लेकिन हकीकत में यह पूरी तरह से ठगी का जाल होता है. मुंबई साइबर पुलिस के अनुसार, देशभर में ऐसे फेक ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए हज़ारों लोग करोड़ों रुपये गंवा चुके हैं. 

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