मध्य प्रदेश में लगातार तीसरे दिन बेमौसम बारिश और ओलों से किसान परेशान हैं. खेतों में खड़ी फसल बर्बाद हो गई है .राज्य के 15 से ज्यादा जिलों में इस बेमौसम बारिश से गेहूं-चने की फसल को नुकसान पहुंचा है. सरकार ने सर्वे कराने के निर्देश दे दिए हैं. इस बीच मौसम विभाग का अनुमान किसानों की चिंता को बढ़ाने वाला है. मौसम विभाग को कहना है कि अगले हफ्ते भी ये चक्र चल सकता है. बेमौसम बरसात से विदिशा के रमपुरा जागीर के रहने वाले किसान जगन्नाथ सिंह ठाकुर की बेमौसम बरसात से 10 बीघे में फसल खराब हुई. बारिश के कारण तबाह फसल को देखकर उनके आंसू नहीं थम रहे. राजधानी भोपाल के नीलबड़ इलाके में निरख सिंह का परिवार 8 एकड़ जमीन से पेट भरता है. बारिश से गेहूं की उनकीआधी फसल आड़ी हो गई है दुखी निरख कहते हैं, "कितना नुकसान हुआ है इसका पूरा अंदाज फसल काटने के बाद लग पाएगा. "दिखने में कम दिख रहा है अवेरेंगे तो गिर जाएंगे लटक जाएंगे काटने के बाद ज्यादा मालूम पड़ेगा. साल भर की मेहनत पानी में मिल गई. देखते हैं, फसल कटने के बाद कितना मिलेगा.
मौसम की मार के आगे खुद को किसान बेबस
राज्य के कई जिलों में बेमौसम बारिश ने किसानों की उम्मीदों को तोड़ दिया है. खरगोन में मक्के की फसल खराब हो गई, गेहूं औंधे मुंह गिर पड़ा. बड़वानी में 5000 हेक्टेयर में मक्का, 250 हेक्टेयर में गेहूं को नुकसान पहुंचा. विदिशा में 27 हजार बीघे में फसलों को 40 फीसद से ज्यादा नुकसान हुआ, 25 से ज्यादा गांव प्रभावित हुए हैं. पन्ना में चना, गेहूं, सरसों और मसूर की फसल पककर तैयार है लेकिन किसान खुद को बेबस महसूस कर रहे हैं. छतरपुर में भी किसान परेशान हैं. खंडवा में गेहूं ,चना और प्याज की फसलें प्रभावित हुई है. नजदीक के धार जिले में भी यही हाल है. हालांकि सरकार ने एक बयान जारी कर किसानों को उम्मीद बंधाई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "किसानों से मैंने उस दिन भी कहा था. मैं फिर अपने किसान बहनों-भाइयों से कह रहा हूं कि जिनका नुकसान हुआ है वह चिंता ना करें. मैं साथ हूं, सरकार साथ है. सर्वे के बाद आरबीसी 6-4 के अंदर राहत की राशि और फिर फसल बीमा योजना का लाभ भी मिले, इसमें कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी."
बेमौसम बारिश से सिकुड़ जाएगा गेहूं का दाना
हालांकि मौसम अपनी मार से आनेवाले दिनों में किसानों को बेजार कर सकता है. मध्यप्रदेश और देश के दूसरे राज्यों में भी आने वाले कुछ दिनों में हवा और बादलों की नजरें तिरछी रहेंगी. मौसम विभाग की वैज्ञानिक सोमा सेनरॉय ने कहा, "14 - 15 मार्च के आसपास फिर से thunder storm शुरू होगा. मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पूर्वी राजस्थान में आंधी-तूफान की आशंका है. इसके पीछे वजह है कि 12 तारीख की रात से वेस्टर्न डिस्टर्बेंस काफी बढ़ जाएगा. इसका असर वेस्टर्न इंडिया, नॉर्थ ईस्ट इंडिया और सेंट्रल इंडिया पर रहेगा. जानकार मानते हैं जहां गेहूं की फसल पक गई थी, वहां बेमौसम बरसात और ओले से दाना सिकुड़ जाएगा, इसकी चमक कम होगी जिससे भाव 300 रु.प्रति क्विंटल तक गिर सकता है. चने को लगभग 40% नुकसान होगा. गेहूं,चना और मक्का में भी 10 से 40% तक का नुकसान हो सकता है.
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