मध्यप्रदेश के सतना में 12 जून को पकड़े गए नकली नोट छापने वाले गिरोह के मामले में पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है. इस खुलासे के बाद शायद ग्राहक एटीएम (ATM) से निकाले गये नोट को भी शक़ से देखे, क्योंकि इस गिरोह में एक ऐसा शख्स भी शामिल था जो एटीएम में कैश रिफिलिंग करने वाली आउटसोर्स कंपनी का कर्मचारी था. इसका काम नकली नोटों को एटीएम में असली नोटों के साथ रखना था. फिलहाल वो फरार है, पुलिस उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही है. चूंकि मामला नकली नोटों से जुड़ा है लिहाजा जबलपुर की एसटीएफ टीम ने भी तफ्तीश शुरू कर दी है.
12 जून को सतना के राजेन्द्रनगर के एक घर से नकली नोटों (Fake Note) की छपाई के दौरान ये आरोपी पकड़े गये थे, 6 महीने में आरोपी 5 लाख रुपए तक के नकली नोट छाप चुके थे. पुलिस ने आरोपियों के पास से 50000/- रुपये के नकली नोट तथा 2580/- रुपये असली नोट समेत नोट छापने के सामग्री बरामद की.
एडिश्नल एसपी गौतम सोलंकी ने बताया था कि इस गिरोह का सरगना आशीष श्रीवास्तव है. जो अपने घर से नकली नोट छापने का काम कर रहा था. उन्होंने बताया कि पुलिस को मिली सूचना के आधार पर रेड की कार्रवाई की गयी. जिसमे उक्त मकान के दूसरी मंजिल पर बने कमरे मे तीन व्यक्ति नोटो की छपाई करते पकड़े गए.
सतना में 12 जून को पकड़े गए नकली नोट छापने वाले गिरोह के मामले में पुलिस ने नया खुलासा किया है, इस गिरोह में एक ऐसा शख्स भी शामिल था जो एटीएम में कैश रिफिलिंग करने वाली कंपनी का कर्मचारी था @ndtvindia #LadakhBorder #COVID19 #lockdown2020 pic.twitter.com/uR9AOidWoN
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) June 16, 2020
मामला सामने आने के बाद सतना पुलिस अधीक्षक रियाज़ इकबाल ने कहा इस मामले में दो लोग फरार हैं जिसमें एक आरोपी ई हॉक कंपनी का कर्मचारी है जिसके जरिये एटीएम में फेक करेंसी लोड करते हैं ऐसा उनका बयान है.
पुलिस अब तहकीकात कर रही है कि इनमें से कितने जाली नोट एटीएम में रिफिल किये गये हैं. आरोपी 800 के असली नोट पर 3000 के नकली नोट देते थे, पेट्रोल पंप, शराब की दुकानों में इन नोटों को खपाया जाता था. एसटीएफ अब ये जांच कर रही है कि कहीं इन पैसों का इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों में तो नहीं किया गया.
( सतना में ज्ञान शुक्ल के इनपुट के साथ )
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