मध्य प्रदेश के इंदौर में रामनवमी पर्व पर हुए हादसे के मद्देनजर भाजपा ने एक अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भोपाल यात्रा के दौरान उनके एक संक्षिप्त रोड शो और उनके भव्य स्वागत की अपनी योजना रद्द कर दी है. अब यह कार्यक्रम नहीं होंगे. पीएम मोदी भोपाल में पूर्व निर्धारित कंबाइंड कमांडर कॉन्फ्रेंस में शामिल होंगे और वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे.
पीएम मोदी के मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के दौरे के कार्यक्रम के मुताबिक वे एक अप्रैल को सुबह 8:05 बजे दिल्ली से एयरफोर्स के विमान से रवाना होंगे और 9:25 बजे भोपाल के ओल्ड स्टेट हैंगर पर पहुंचेंगे. वे सुबह 9:30 बजे स्टेट हैंगर से हेलीकॉप्टर से रवाना होकर सुबह 9:50 बजे लाल परेड मैदान के हेलीपैड पर उतरेंगे. वे सुबह 10 बजे कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में कंबाइंड कमांडर कॉन्फ्रेंस में शामिल होंगे.
Will be in Bhopal today. In the morning will take part in the Combined Commanders' Conference and later will flag off the Vande Bharat Express between Bhopal and New Delhi. This train will boost connectivity between MP and Delhi.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 1, 2023
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पीएम मोदी दोपहर 3:05 बजे कुशाभाऊ ठाकरे सभागार से कार द्वारा रवाना होंगे और 3:15 बजे रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पहुचेंगे. वहां ले वंदे भारत ट्रेन को रवाना करेंगे. वे दोपहर 3:35 बजे कार से रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से बीयू परिसर के हेलीपैड के लिए रवाना होंगे. वे दोपहर 3:45 बजे बीयू के हेलीपैड से भोपाल एयरपोर्ट के लिए हेलीकॉप्टर से रवाना होंगे. वे शाम 4:10 बजे भोपाल एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए रवाना होंगे.
मध्य प्रदेश में इंदौर के पटेल नगर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में गुरुवार को रामनवमी के अवसर पर आयोजित हवन के दौरान पुरातन बावड़ी की छत ढहने की घटना में मरने वालों की संख्या 36 हो गई है. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, नगर निगम और स्थानीय प्रशासन घटनास्थल पर मौजूद है. रेस्क्यू का काम लगभग पूरा हो गया है.
बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर के पास एक पार्क का एरिया है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस पर अतिक्रमण किया गया था. बावड़ी के ऊपर एक छत का निर्माण कर उस पर पिछले कुछ समय से हवन आदि किया जा रहा था. यह बावड़ी लगभग 200 साल पुरानी बताई जा रही है. रहवासियों का यह भी दावा है कि मंदिर पुरातन बावड़ी पर छत डालकर बनाया गया. रामनवमी के दिन इस छत पर काफी लोग मौजूद थे, जिसका भार छत सहन नहीं पाई और धंस गई. इस हादसे में 36 लोगों की जान चली गई.
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