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This Article is From Sep 14, 2020

मध्य प्रदेश : सामान खरीदे बिना ही कर दिया भुगतान, उद्यानिकी विभाग में करोड़ो रु. का घोटाला

शिवराज सरकार के मंत्री पूर्व की कमलनाथ सरकार पर ऊंगली उठा रहे हैं. लेकिन पूर्व उद्यानिकी मंत्री सचिन यादव वो नोट शीट लेकर बैठे है जिसमें पिछले साल 23 अक्टूबर को ही मामले की जांच के आदेश दे दिये गये थे.

मध्य प्रदेश : सामान खरीदे बिना ही कर दिया भुगतान,  उद्यानिकी विभाग में करोड़ो रु. का घोटाला
पावर टिलर ने करोड़ों को उद्यानिकी घोटाले की परतें खोली...
भोपाल:

मध्यप्रदेश में उद्यानिकी विभाग (Horticulture Department) में करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आया है, जिसमें सामान खरीदे बिना ही भुगतान कर दिया गया. आरोप ये भी है कि नेताओं-अफसरों की मिलीभगत से घोटाला करने के लिए अफसरों ने ना सिर्फ नियम बदले, बल्कि किसानों को घटिया उपकरण मुहैया कराए. इसके साथ ही किसान की सब्सिडी का हिस्सा भी सीधा निजी कंपनी को भुगतान कर दिया गया. वहीं दूसरे मामले में सरकार की महत्वकांक्षी नमामि देवी नर्मदे योजना में करोड़ों के पौधे सिर्फ कागजों पर ही लगा दिये गये.

मध्यप्रदेश उद्यानिकी विभाग के भोपाल दफ्तर में मौजूद छोटे से पावर टिलर (Power Tiller) ने मध्यप्रदेश में करोड़ों को उद्यानिकी घोटाले की परतें खोली हैं. कृषि इंजीनियर, एसपी अहिरवार ने बताया, " 85000 किसान को सब्सिडी देने का है मॉडल वाइज, वीडर अलग चीज है निंदाई, गुड़ाई के लिये काम आता है पावर टिलर छोटा ट्रैक्टर है कृषि कार्य के लिये उपयोग होता है."

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छोटे से पावर टिलर जो राज्य में कुल 1647 किसानों को बांटे गए उसने मध्यप्रदेश में पावर गैलरी को हिला दिया है, कांग्रेस 2017 से शिवराज सरकार के वक्त की भी जांच कराने की मांग कर रही है.  उद्यानिकी मंत्री, भरत सिंह कुशवाहा से जब इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, "कितनी राशि का दुरुपयोग किया गया, तथ्य रिपोर्ट में होंगे, दोषी कौन है परीक्षण करके बताएंगे."

उधर शिवराज सरकार के मंत्री पूर्व की कमलनाथ सरकार पर ऊंगली उठा रहे हैं. लेकिन पूर्व उद्यानिकी मंत्री सचिन यादव वो नोट शीट लेकर बैठे है जिसमें पिछले साल 23 अक्टूबर को ही मामले की जांच के आदेश दे दिये गये थे.

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सचिन यादव ने कहा, "ये घोटाला पूर्व बीजेपी सरकार के वक्त से चल रहा है. जब मैं मंत्री था तो मंदसौर से शिकायत मिली जिसके आधार पर 23 अक्टूबर 2019 को नीटशीट पर मामले की जांच करने को कहा लेकिन हमारी सरकार चली गई."

इस उद्यानिकी विभाग ने एक और बड़ा कारनामा किया वो भी शिवराज सरकार की महत्वकांक्षी नमामी देवी नर्मदे योजना में. ऐसी दुकानों जो सालों से खुली नहीं, इलेक्ट्रॉनिक मार्केट के बीच बनी नर्सरी से करोड़ों के पौधे कागजों पर खरीदे गये
रिपोर्ट बताती है अकेले जबलपुर में करीब ढाई लाख पौधे नर्सरी से लिए गए ही नहीं. इसके एवज में दो करोड़ रुपये का भुगतान भी कर दिया गया.

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पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने कहा, "नर्मदे नमामि योजना कितनी पब्लिसिटी, 70 करोड़ का भुगतान हुआ पेड़ लगे ही नहीं, हमारे कृषि मंत्री ने उद्यानिकी विभाग के घोटाले को पकड़ात, इसलिये की गुजरात का व्यापारी संलग्न है, ईमानदार हो तो 10 साल की जांच करवाओ."

2017-18 में शिवराज सिंह ने नमामि देवी नर्मदे के तहत पौधे लगाने का दावा गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए किया था ये यंत्रीकरण केन्द्र के ही बीजेपी सरकार की महत्वकांक्षी योजना है. जब ऐसी योजनाएं भ्रष्टाचार से सींची जा रही हैं तो क्या कहें  और ये मत समझिएगा ये कुछ अधिकारियों या नेताओं की है, ये सर्वदलीय है. 

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