मध्यप्रदेश के पुलिस के मुखिया विवेक जौहरी ने अपने ही मातहतों की कार्यशैली को कठघरे में खड़ा कर दिया है. उनकी चिठ्ठी न सिर्फ वरिष्ठ पुलिस अफसरों के मनमाने रवैये को बयां करती है, बल्कि बताती है कि कोरोना काल में जब जूनियर अधिकारी दिन रात भाग दौड़ कर रहे हैं वरिष्ठ अफसर दफ्तर में दोपहर तक रुक भी गये तो बड़ी बात है. डीजीपी ने कहा है कि यह बहुत ही खेद का विषय है कि स्पेशल डीजी, एडीजी और आईजी स्तर के अधिकारी दफ्तर में नहीं होते हैं और न ही फोन रिसीव करते हैं.
मध्यप्रदेश के डीजीपी विवेक जौहरी ने भोपाल पुलिस मुख्यालय में तैनात 29 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को लेकर यह सवाल उठाए हैं. उन्होंने अपने खत में लिखा की 29 में 14 आईपीएस अधिकारी तो ऐसे हैं, जिन्हें लंच करने में 2 घंटे का वक्त लगता है. कुछ अधिकारी तो लंच के बाद ही ऑफिस छोड़कर चले जाते हैं. उसके बाद ऑफिस आते ही नहीं हैं. 3 ऐसे भी आईपीएस अधिकारी हैं, जो कभी ऑफिस आते ही नहीं हैं. बिना काम के ही ये सारे अधिकारी सैलरी के साथ-साथ सरकारी सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं.
MP पुलिस के मुखिया ने अपने ही मातहतों की कार्यशैली को कठघरे में खड़ा कर दिया उनकी चिठ्ठी ना सिर्फ वरिष्ठ पुलिस अफसरों के मनमाने रवैये को बयां करती है, बल्कि बताती है कि #कोरोना में जब जूनियर दिन रात भाग दौड़ कर रहे हैं वरिष्ठ अफसर दफ्तर में रूक भी गये तो बड़ी बात है @ndtvindia pic.twitter.com/ZeW3lu9B2C
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) June 8, 2020
विवेक जौहरी ने 6 जून को चिट्ठी लिख अधिकारियों से काम को महत्व देने को कहा है. साथ ही उन अधिकारियों से कहा है कि वह सुबह 10.30 से शाम 5.30 बजे तक ऑफिस में रहें. इस खत के सार्वजनिक होने के बाद कमलनाथ सरकार में डीजीपी बनाए गए विवेक जौहरी की उमा भारती ने जमकर तारीफ की है. उन्होंने ट्वीटर पर चार ट्वीट किए. इसमें कहा- डीजीपी विवेक जौहरी जैसा ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ, साहसी अधिकारी ही इस मुद्दे को उठाने की पात्रता रखता है.
उमा ने कहा पुलिस अफसर ऐसा ही होना चाहिए. उन्होंने कुछ अफसरों को लापरवाह और आलसी बताया. कहा- चापलूसी और राजनीतिक दलों के परिवर्तन के साथ पक्षपात से बचें.
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