सागर में हुई जोरदार बारिश, कॉलोनियों, दुकानों में भरा पानी, स्कूलों की छुट्टी घोषित

सागर में लगातार हो रही बारिश के चलते शहर की कई कॉलोनियों में जलभराव हो गया है. वहीं आम जनजीवन भी बारिश और जलभराव की वजह से अस्त-व्यस्त हो गया है.

सागर में हुई जोरदार बारिश, कॉलोनियों, दुकानों में भरा पानी, स्कूलों की छुट्टी घोषित

जोरदार बारिश से डूबा शहर

सागर :

मध्य प्रदेश के सागर में लगातार हुई बारिश से शहर की कई कॉलोनियों में जलभराव की स्थिति बन गई है. लगातार हो रही बारिश को देखते हुए सागर के कलेक्टर ने स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी है. बारिश की वजह से जिले में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लगातार हो रही बारिश से सागर के तालाब में स्थित कई नाले उफान पर हैं.

दरअसल, सागर में लगातार हो रही बारिश से यहां के शहर हृदय स्थल कटरा समेत नगर की कई कॉलोनियों में पानी भर गया है. पिछले साल भी बरसात में कॉलोनियों में पानी भरने की समस्या हुई थी. उस समय पानी निकासी के लिए स्मार्ट सिटी के द्वारा इंतजाम किए गए थे लेकिन इस बरसात में उन इंतजामों की पोल खुल गई है. मधुकरशाह वार्ड में पिछले साल ज्यादा बारिश होने से जलभराव की स्थिति बनी थी. वहीं स्मार्ट सिटी ने नाला भी बनवाया था लेकिन जोरदार बारिश की वजह से इस बार भी कई घरों में पानी जमा हो गया है, नाले के आस-पास बने घरों में दो-दो फीट तक पानी भर गया है.

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मकानों-दुकानों में भरा पानी

तेज बारिश से मेडिकल कॉलेज रोड पर मकानों और दुकानों में पानी भरा गया है. बारिश के चलते यश विहार कॉलोनी के स्नेह नगर, वैशाली नगर, गुलाब कॉलोनी, क्रिश्चियन कॉलोनी श्रीरामनगर और शुक्रवार वारी की सड़कें पानी में डूब गई हैं. इससे सुबह लोगों को आने-जाने में परेशानी हुई. लोग घरों में दो-दो फीट भरे हुए पानी को मोटर से बाहर निकाल रहे हैं.

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पिछले 5 सालों में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य पर उठे सवाल

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वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता संदीप सबलोक ने पिछले 5 सालों में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत कराए गए निर्माण कार्यों पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि भारी बारिश के चलते शहर में एक बार फिर बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. हर साल की तरह मधुकर शाह वार्ड, शिवाजी नगर समेत कई बस्तियों, सड़कों और गली-मोहल्लों में घरों के अंदर तक पानी भरा गया है. प्रशासन ने सबक नहीं लिया. उन्होंने कहा कि पिछले 5 सालों में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के निर्माण कार्यों में हुए भ्रष्टाचार, निकम्मेपन और संवेदनहीनता की पोल खुल गई है. खाने-पीने का सामान कपड़े और घरेलू सामग्री बर्बाद हो गई है. उन्होंने प्रभावितों को भोजन और कपड़े दिए जाने समेत जल निकासी और सुरक्षित व्यवस्थापन की मांग की है.