मध्य प्रदेश के खंडवा में खंडवा-अकोला रेलवे ट्रैक में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है. पहली बारिश में ही रेलवे ट्रैक के बह जाने से हर कोई हैरान है. इस ट्रैक पर पिचिंग के साथ पटरी बिछाने का काम पूरा हो गया है, लेकिन ट्रायल से पहले ही ट्रैक के नीचे से मिट्टी खिसक गई है. रेलवे के इंजीनियर्स ने निर्माण कंपनी के इंजीनियर्स के साथ मौके का निरीक्षण किया, हालांकि ये ट्रैक अभी रेलवे को हैंडओवर नहीं हुआ है, लेकिन करीब 2.5 किमी ट्रैक के नीचे की मिट्टी खिसकने को रेलवे की बड़ी लापरवाही माना जा रहा है.
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दरअसल, खंडवा जिले में गुड़ी गांव के स्थानीय लोगों ने बताया कि खंडवा के आगे टाकलखेड़ा स्टेशन से मोरधड़ स्टेशन के बीच पटरियां हवा में लटक गई हैं. यहां ज्यादा बहाव भी नहीं था और बारिश भी अभी तेज नहीं हुई है. खंडवा जिले में अभी सिर्फ 214 एमएम बारिश रिकॉर्ड हुई है. इतनी मामूली बारिश में रेलवे की पटरी बिछने के बाद इस तरह की गड़बड़ी सामने आने पर लोग निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे हैं. साउथ सेंट्रल रेलवे के नांदेड मंडल ने खंडवा-अकोला रेल खंड पर करीब दो हजार करोड़ के टेंडर अलग-अलग कंपनियों को दिए हैं. इसमें खंडवा से अमलाखुर्द, अमलाखुर्द से तुकईथड़ स्टेशन और आकोट से अड़गांव स्टेशन तक के ब्रॉडगेज रेल मार्ग परिवर्तन का कार्य किया जा रहा है. वहीं, खंडवा से अमलाखुर्द के बीच 54 किमी ब्रॉडगेज परिवर्तन का कार्य पिछले दो वर्षो से जारी है. इसी ट्रैक में गड़बड़ी सामने आई है.
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अमलाखुर्द से तुकईथड़ स्टेशन के बीच 13 किमी ब्रॉडगेज रेलमार्ग परिर्वतन के लिए 260 करोड़ रुपए की लागत निर्धारित की है. इसमें अमलाखुर्द के पास तापी नदी पर बड़ा रेलवे ब्रिज का भी निर्माण किया जाएगा. वहीं आकोट से बड़गांव रेलवे स्टेशन तक 12 किमी ब्रॉडगेज रेल मार्ग जाने के लिए 180 करोड़ रुपए के टेंडर जारी किए गए हैं.
इधर सेंट्रल रेलवे, नांदेड़ के पीआरओ राजेश शिंदे का कहना है कि ट्रैक अभी निर्माणाधीन है, अभी विभाग को हैंडओवर नहीं हुआ है. रेलवे के इंजीनियर इसकी मॉनीटरिंग करते हैं. वहीं इस संदर्भ में जानकारी दे पाएंगे.
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