जबलपुर हाईकोर्ट (फाइल फोटो)
भोपाल:
मध्य प्रदेश में ईसाई समुदाय से जुड़े स्कूलों के संघ ने जबलपुर हाईकोर्ट से गुहार लगाई है. उनका कहना है कि दक्षिणपंथी संगठनों से उन्हें सुरक्षा दी जाए. सरकार ने कोर्ट में संघ के स्कूलों की पर्याप्त सुरक्षा का भरोसा दिया है. 4 जनवरी को विदिशा जिले में स्थित सेंट मैरी पीजी कॉलेज में कुछ छात्रों ने जबरन दाखिल होने की कोशिश की, जिला प्रशासन ने उनकी इस कोशिश को नाकाम कर दिया था. छात्र कॉलेज में भारत माता की आरती करना चाहते थे. वहीं 11 जनवरी को रतलाम के स्कूल में 20 बच्चों ने 'भारत माता की जय' के नारे लगाए तो उन्हें परीक्षा देने से रोक दिया गया. हालांकि स्कूल ने इससे इनकार किया. रतलाम के एसपी अमित सिंह ने कहा कि उन्हें परीक्षा देने से नहीं रोका गया, ऐसा स्कूल ने हमें लिखित में बताया है. उनका कहना था कि 9वीं के छात्र गलत तरीके से गा रहे थे.
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दूसरे पक्ष का कहना है कि उन्हें परीक्षा देने, 'भारत माता की जय' कहने से रोका गया, आरोप गंभीर हैं, हम पूरे मामले की जांच करेंगे. इन मामलों के बाद मध्य प्रदेश कैथोलिक डायोसेन स्कूल्स एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सुरक्षा की गुहार लगाई और कहा कि उपदेश राणा नाम के किसी शख्स ने 16 जनवरी को कॉलेज में महाआरती का आह्वान करते हुए उन्हें धमकी दी है. हालांकि कोर्ट में सरकार ने संस्था को पूरी सुरक्षा का भरोसा दिया है. एसोसिएशन के वकील सिद्धार्थ चौहान ने बताया कि उपदेश राणा ने बयान दिया था कि 16 जनवरी को कॉलेज में महाआरती करेंगे. उसको चैलेंज किया गया था. सरकार ने आश्वासन दिया कि पर्याप्त संख्या में पुलिसबल तैनात रहेगा और पर्याप्त कार्रवाई की जाएगी.
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इस मामले को लेकर जहां कांग्रेस को लगता है कि सबको कोर्ट जाने का हक है, वहीं बीजेपी मानती है कि मामले को सियासी रंग दिया जा रहा है. कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि ये बीजेपी की छोटी सोच है. वह इस मामले को राजनीति का औजार बनाना चाहती है. 'भारत माता की जय' को लेकर उद्दंडता करते हैं तो निश्चित तौर पर सबके मौलिक, संवैधानिक अधिकार हैं, वो कोर्ट के कानून के पास जा सकते हैं. वहीं बीजेपी नेता डॉ हितेष बाजपेयी ने कहा कि ये राजनीतिक रूप से प्रेरित संगठन हैं, स्वाभाविक है जब चुनाव आते हैं, ये माहौल खराब करने की कोशिश करते हैं. मध्यप्रदेश शांति का टापू है. यहां ऐसी घटनाएं नहीं होती हैं, जबतक शांति भंग नहीं होती हम भी उनपर नज़र रखे हैं.
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गौरतलब है कि दिसंबर में सतना जिले में कथित धर्मांतरण के मामले में दक्षिणपंथी संगठनों पर ईसाईयों के साथ मारपीट और थाना परिसर में उनकी गाड़ी जलाने के आरोप लगे थे. पुलिस ने दोनों पक्षों के लोगों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया था.
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दूसरे पक्ष का कहना है कि उन्हें परीक्षा देने, 'भारत माता की जय' कहने से रोका गया, आरोप गंभीर हैं, हम पूरे मामले की जांच करेंगे. इन मामलों के बाद मध्य प्रदेश कैथोलिक डायोसेन स्कूल्स एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सुरक्षा की गुहार लगाई और कहा कि उपदेश राणा नाम के किसी शख्स ने 16 जनवरी को कॉलेज में महाआरती का आह्वान करते हुए उन्हें धमकी दी है. हालांकि कोर्ट में सरकार ने संस्था को पूरी सुरक्षा का भरोसा दिया है. एसोसिएशन के वकील सिद्धार्थ चौहान ने बताया कि उपदेश राणा ने बयान दिया था कि 16 जनवरी को कॉलेज में महाआरती करेंगे. उसको चैलेंज किया गया था. सरकार ने आश्वासन दिया कि पर्याप्त संख्या में पुलिसबल तैनात रहेगा और पर्याप्त कार्रवाई की जाएगी.
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इस मामले को लेकर जहां कांग्रेस को लगता है कि सबको कोर्ट जाने का हक है, वहीं बीजेपी मानती है कि मामले को सियासी रंग दिया जा रहा है. कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि ये बीजेपी की छोटी सोच है. वह इस मामले को राजनीति का औजार बनाना चाहती है. 'भारत माता की जय' को लेकर उद्दंडता करते हैं तो निश्चित तौर पर सबके मौलिक, संवैधानिक अधिकार हैं, वो कोर्ट के कानून के पास जा सकते हैं. वहीं बीजेपी नेता डॉ हितेष बाजपेयी ने कहा कि ये राजनीतिक रूप से प्रेरित संगठन हैं, स्वाभाविक है जब चुनाव आते हैं, ये माहौल खराब करने की कोशिश करते हैं. मध्यप्रदेश शांति का टापू है. यहां ऐसी घटनाएं नहीं होती हैं, जबतक शांति भंग नहीं होती हम भी उनपर नज़र रखे हैं.
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गौरतलब है कि दिसंबर में सतना जिले में कथित धर्मांतरण के मामले में दक्षिणपंथी संगठनों पर ईसाईयों के साथ मारपीट और थाना परिसर में उनकी गाड़ी जलाने के आरोप लगे थे. पुलिस ने दोनों पक्षों के लोगों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया था.
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