पिछले दिनों आगर मालवा जिले के अलग-अलग वेयरहाउस में शासकीय गेहूं खराब होने की चर्चा सुर्खियों में है. इस मामले की परत खुलने के बाद वेयरहाउस कॉर्पोरेशन के डीएम खुद जांच के लिए आगर मालवा के सुसनेर पहुंचे. जहां प्रारंभिक जांच में ही गेंहू में घुन लगने और आटा फॉर्मेशन की स्थिति सामने आ गई. डीएम मनीष वर्मा ने गोदाम के प्रभारी के साथ जांच की और चेतावनी दी कि खराब गेहूं के कारण बाकी बचा गेंहू खराब ना होने पाए. उन्होंने अधिकारियों को भी इस पर सतत निगरानी रकने के लिए कहा है.
डीएम मनीष वर्मा सुसनेर के बाद सोयत भी पहुंचे. जहां उन्होंने दो वेयरहाउस का निरीक्षण किया सूत्र बताते हैं कि जांच के लिए अधिकारियों के पहुंचने के पहले ही वेयरहाउस संचालकों को सूचना मिल गई. संचालकों ने साल 2020-21 का करीब दो हजार क्विंटल गेहूं, जो अलग-अलग गोदामों में विभिन्न मात्रा में रखा था, उनको जांच दल की नजर से बचाने के लिए बरसाती से ढ़क दिया था. जिसे जांच दल ने अनदेखा कर दिया.
गोदाम संचालकों को जांच दल के पहुंचने के पहले ही सूचना मिलने से स्थानीय अधिकारियों की भूमिका सवालों के घेरे में आ गई है. वहीं, गेंहू खराब होने के बावजूद कोई कार्रवाई न करते हुए खराब गेहूं को सुधारने के लिए कहने मात्र की इतिश्री कर लेने जांच अधिकारियो की ईमानदारी पर शक पैदा करता है. यह भी जानकारी मिल रही है कि खराब गेहूं सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन दुकानों पर खपाने की तैयारी चल रही है.
इस मामले में कॉर्पोरेशन के डीएम मनीष वर्मा ने एनडीटीवी को फोन पर बताया कि " सुसनेर क्षेत्र के दो वेयरहाउस में साल 2022-23 की खरीदी का करीब 2380 टन गेहूं रखा हुआ है. जिसमें निरीक्षण के दौरान पाया गया कि नीचे की तीन लेयर में आटा फॉर्मेशन की स्थिति सामने आई है. कुल कितना गेंहू खराब हुआ है यह तब स्पष्ट होगा जब धीरे-धीरे गेंहू का आवंटन होता रहेगा ". हालांकि, उन्होंने ने यह नहीं बताया कि वेयरहाउस संचालकों पर क्या कार्रवाई हुई या करेंगे.
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