
- लक्ष्मी पूजा के बाद अमरावती के ‘काली माता’ मंदिर में पैसों का प्रसाद बांटा गया. प्रसाद पाने के लिए उमड़े भक्त.
- भक्तों की लाइनें इतनी लंबी लगी कि सुबह तक प्रसाद बांटने का काम चलता रहा.
- पिछले 41 सालों से चली आ रही यह अनोखी परंपरा आज भी भक्तों को अपनी ओर खींचती है.
दीवाली के मौके पर लक्ष्मी पूजा के बाद भक्त, देवी महालक्ष्मी का आशीर्वाद लेने के लिए अलग-अलग मंदिरों में जाते हैं और वहां प्रसाद लेते हैं. आमतौर पर, यह प्रसाद कोई मिठाई, चिरौंजी, फल या कोई खाद्य पदार्थ होता है. लेकिन अमरावती शहर के श्मशान इलाके में स्थित काली माता मंदिर में पिछले 41 सालों से चली आ रही एक अनोखी परंपरा आज भी भक्तों को अपनी ओर खींचती है. इस मंदिर में देवी के प्रसाद के साथ लहिया, मिठाई और पैसे भी दिए जाते हैं.
इस साल, यह खास प्रसाद लक्ष्मी पूजा के बाद ही बांटना शुरू किया गया. प्रसाद को लेने के लिए मंदिर में सैकड़ों भक्तों की भीड़ लगी रही. वहीं दर्शन के लिए लंबी-लंबी लाइनें लगी रहीं. जैसे-जैसे भक्तों की संख्या बढ़ती गई, प्रसाद का वितरण देर रात तक जारी रहा.

यह परंपरा 1984 में शुरू हुई थी.
मंदिर के पुजारी शक्ति महाराज ने बताया, “अगर आप इस मंदिर से मिले पैसे अपने घर, दुकान या तिजोरी में रखते हैं, तो आपको लक्ष्मी की कृपा मिलेगी. बरकत होगी.”
यही कारण है कि यह प्रसाद पाने के लिए भीड़ देर रात तक लगी रही.
ऐसा मंदिर जहां बंटता है 'पैसों का प्रसाद'
— NDTV India (@ndtvindia) October 22, 2025
लक्ष्मी पूजा के बाद अमरावती के मंदिर में पैसों का प्रसाद बांटा गया, प्रसाद लेने के लिए लंबी लाइनें लगीं #MahaarashtraNews pic.twitter.com/KoqgzCvDwK
शक्ति महाराज कहते हैं, “पैसे को तिजोरी में नहीं रखना चाहिए, बल्कि समाज में सर्कुलेट करना चाहिए. इससे आर्थिक चक्र सुचारू रूप से चलता है और समाज की तरक्की होती है.”
इस तरह, धार्मिक आस्था के साथ-साथ इस परंपरा के पीछे एक आर्थिक संदेश भी है. हर साल की तरह इस साल भी अमरावती का यह काली माता मंदिर भक्तों के लिए आस्था और आकर्षण का केंद्र बन गया है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं