
- महाराष्ट्र के नासिक में छठवीं कक्षा की छात्रा की स्कूल में हार्ट अटैक से मौत
- स्कूल के शिक्षकों ने तुरंत श्रेया को निजी अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन बच्ची नहीं बच सकी
- कई लोगों का मानना है कि कम उम्र के बच्चों में भी हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं
देश में हार्ट अटैक से होने वाली मौतों के बढ़ते मामलों ने पहले ही लोगों को चिंता में डाल रखा है, और अब एक और बेहद दुखद मामला सामने आया है. जहां महाराष्ट्र के नासिक शहर के एक इंग्लिश मीडियम स्कूल में छोटी बच्ची की मौत हो गई. जिस बच्ची की मौत हुई उसका नाम श्रेया किरण कपाड़ी है, जो कि छठवीं क्लास की छात्रा थी. यह घटना उस समय हुई जब श्रेया स्कूल में प्रवेश कर रही थी, अचानक उसकी तबीयत बिगड़ी और उसे अटैक आया.
स्कूल के शिक्षकों ने तुरंत उसे पास के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इस घटना ने बच्चों में दिल की बीमारियों को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं. जहां पहले अमूमन हार्ट अटैक उम्रदराज लोगों की बीमारी माना जाता था, लेकिन कोविड के बाद से कम उम्र के बच्चों को भी अपनी चपेट में ले रहा है. हालांकि कई लोग ऐसे मामलों में कोविड वैक्सीन को मुख्य वजह मानते हैं, लेकिन एम्स कह चुका है कि कोविड वैक्सीन का हार्ट अटैक से कोई लिंक नहीं है.
श्रेया की असमय मौत ने हर किसी को सदमे में डाल दिया है और यह घटना एक चेतावनी है कि बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर अब और अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है. इतने छोटे बच्चों में हार्ट अटैक कोई मामूली बात नहीं है, ऐसे मामले बहुत ही दुर्लभ होते हैं, इतनी छोटी बच्ची की मौत के बारे में जिसने भी सुना वो हैरत में पड़ गया. विशेषज्ञों का मानना है कि बदलती जीवनशैली, खानपान और तनाव जैसी वजहें बच्चों के स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डाल रही हैं.
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